तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम ने कहा कि अमरीका ने इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद से सदैव ईरानी राष्ट्र के विरुद्ध अपनी शत्रुता जारी रखा है।
आज तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा आयतुल्लाह अहमद ख़ातेमी की इमामत में अदा की गयी। उन्होंने नमाज़े जुमा के अपने भाषण में ईरान के पूर्वोत्तर में तबस मरुस्थल में अमरीका के विफल सैन्य आक्रमण की वर्षगांठ की ओर संकेत करते हुए कहा कि इन सारी शत्रुताओं के बावजूद, तबस मरुस्थल में अमरीका के सैन्य आक्रमण सहित ईरान के विरुद्ध अमरीका के समस्त षड्यंत्र, व्यवस्था से जनता के ज़बरदस्त समर्थन और ईश्वरीय कृपा के कारण सदैव विफल रहे हैं।
आयतुल्लाह अहमद ख़ातेमी ने इसी प्रकार इस्लामी गणतंत्र व्यवस्था के संस्थापक स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी के उस कथन की ओर संकेत करते हुए कि अमरीका, बड़ा शैतान है, कहा कि इस्लामी क्रांति की सफलता से लेकर आज तक जनता और अधिकारियों की होशियारी से ईरान के विरुद्ध अमरीका के समस्त षड्यंत्र विफल रहे हैं।
नमाज़े जुमा के इमाम ने अफ़ग़ानिस्तान, इराक़ और यूक्रेन में अमरीका के हस्तक्षेप की ओर संकेत करते हुए कहा कि अमरीका इन देशों से हज़ारों किलोमीटर दूर है फिर भी वह विश्व के विभिन्न देशों में हस्तक्षेप जारी रखे हुए है। श्री अहमद ख़ातेमी ने जेनेवा में ईरान और गुट पांच धन के मध्य हुई सहमति के बारे में कहा कि शत्रुओं पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए क्योंकि इस सहमति के बाद, ईरान पर तीन नये प्रतिबंध लगे और अमरीकी अधिकारियों ने पंद्रह बार ईरान पर सैन्य आक्रमण की धमकी दी।