एक ईरानी सांसद का कहना है कि लैटिन अमरीकी देशों में बढ़ते ईरान के प्रभाव से विश्व में अमरीका की स्थिति कमज़ोर हो रही है।
रविवार को ईरानी संसद की न्यायिक समिति के प्रमुख अल्लाहयार मलिकशाही ने कहा, क्योंकि अमरीका विश्व में एकाधिकार जमाना चाहता है इसलिए वह ईरान के वैचारिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव से भयभीत है।
ईरानी सांसद ने उल्लेख किया कि अमरीका ने लैटिन अमरीकी देशों में बढ़ते ईरान के प्रभाव के बारे में अनेक बार चिंता जताई है और ईरान के साथ संबंधों को मज़बूत बनाने के लिए इन देशों को चेतावनी दी है, इसलिए कि लैटिन अमरीकी देशों के साथ ईरान के सहयोग से विश्व में अमरीका की स्थिति कमज़ोर पड़ जायेगी।
मलिकशाही ने इसी प्रकार साम्राज्यवाद विरोधी और अमरीका विरोधी लैटिन अमरीकी देशों की नीति की ओर संकेत करते हुए कहा, यह देश हमेशा ईरान सरकार के साथ सहयोग करते रहे हैं।
ग़ौरतलब है कि 28 दिसम्बर को अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पश्चिमी गोलार्ध में ईरान के प्रभाव का मुक़ाबला करने वाले क़ानून पर हस्ताक्षर कर दिये।
वर्ष 2005 से ईरान ने 6 लैटिन अमरीकी देशों में अपने दूतावास खोले हैं। वर्तमान समय में लैटिन अमरीका में ईरान के 11 दूतावास और 17 सांस्कृतिक केंद्र हैं।