अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान के संबंध में कथित राष्ट्रीय एमरजेन्सी ऐक्ट को एक साल और बढ़ा दिया है जिससे ईरान के विरुद्ध अमरीका के प्रतिबंध एक साल और बाक़ी रहेंगे।
ईरान में इस्लामी क्रांति की सफलता के कुछ महीने बाद अमरीका के तत्कालीन राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने एक आदेश जारी कर ईरान के संबंध में आपात स्थिति की घोषणा की थी।
प्राप्त समाचारों के अनुसार चौदह नवंबर वर्ष 1979 उनासी अर्थात इस्लामी क्रांति की सफलता के केवल कुछ महीने बाद, अमरीका के तत्कालीन राष्ट्रपति ने उस देश के विरुद्ध जो एक वर्ष पहले तक वाशिंग्टन का सबसे निकट घटक समझा जाता था, आपातकाल स्थिति की घोषणा कर दी।
अमरीकी राष्ट्रपति का आदेश जो तेहरान में अमरीकी दूतावास पर क़ब्ज़े के बहाने जारी हुआ, ईरान के विरुद्ध अमरीका का पहला सबसे बड़ा आर्थिक प्रतिबंध था जो वाशिंग्टन ने ईरान की इस्लामी क्रांति को विफल बनाने का लिए तेहरान पर लगाया था। वाशिंग्टन ने इससे पहले ईरान को हथियारों की सप्लाई पर प्रतिबंध लगाये थे।
अमरीका के वर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी पहली बार 29 सितंबर वर्ष 2010 में इस आदेश पर हस्ताक्षर किए और ईरान की ओर से मानवाधिकार के हनन के बहाने, उन्होंने ईरान के विरुद्ध नये प्रतिबंधों की घोषणा की थी। ओबामा अब तक नौ बार ईरान के विरुद्ध प्रतिबंध लगाने के अपने अधिकारों का प्रयोग कर चुके हैं।
अमरीकी राष्ट्रपति ने आपात स्थिति की घोषणा की वर्षगांठ से दो दिन पहले ही बुधवार को ऐसी स्थिति में कि जब मंगलवार को ईरान और गुट पांच धन एक के मध्य परमाणु वार्ता का नया चरण समाप्त हुआ, कांग्रेस को एक पत्र लिखा कि चूंकि ईरान के साथ हमारे संबंध अभी सामान्य नहीं हुए हैं, ईरान के साथ 19 जनवरी वर्ष 1981 में होने वाला अल्जीरिया समझौता, यथावत जारी है और मैं घोषणा करता हूं कि ईरान के विरुद्ध घोषित आपातकालीन स्थिति के यथावत जारी रहेगी।