मक्के की एतिहासिक धरोहरों को ख़तरा

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मक्के की एतिहासिक धरोहरों को ख़तरा

एक ब्रिटिश पत्रकार का कहना है कि ख़ानए काबा के निकटवर्ती क्षेत्रों के  विस्तार से पवित्र नगर मक्के की एतिहासिक धरोहरों के विनाश का ख़तरा उत्पन्न हो गया है।

एंड्रो जानसन ने गुरूवार को इंडिपेंडेंट समाचारपत्र में अपने लेखा में लिखा है कि पैग़म्बरे इस्लाम (स) का जन्मस्थल अब संगमरमर के बड़े-बड़े स्थभों के नीचे दफ़्न हो जाएगा।  उन्होंने कहा कि यह कार्य, मक्के के हरम के विस्तार नामक अरबों डालर की परियोजना के अन्तर्गत किया जा रहा है।  एंड्रो जानसन ने लिखा है कि यह परियोजना कई वर्ष पहले आरंभ हुई है जिसके अन्तर्गत मक्का नगर की बहुत सी एतिहासिक इमारतों को ध्वस्त किया जा चुका है।

“मक्के को ख़तरा” नामक शीर्षक के अन्तर्गत जानसन लिखते हैं कि वहां की लगभग 95 प्रतिशत एतिहासिक इमारतें ध्वस्त की जा चुकी हैं और उनके स्थान पर बड़े-बड़े आलीशान होटल और मंहगे मंहगे व्यापारिक केन्द्र बनाए गए हैं।

एंड्रो जानसन लिखते हैं कि सऊदी अरब के शासक के लिए एक नया महल बनावाया जा रहा है।  वे कहते हैं कि यह महल उसी क्षेत्र में बनवाया जा रहा है जो मुसलमानों की आस्था के अनुसार उनके पैग़म्बर का जन्म स्थल रहा है।  इस पवित्र स्थल के इर्दगिर्द सन 1951 में एक बड़े पुस्तकालय का निर्माण किया गया था।  सऊदी अधिकारियों का दावा है कि इस स्थान पर पैग़म्बरे इस्लाम (स) के जन्म के बारे में कोई प्रमाण नहीं है।   

 

 

 

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