हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनईः यूरेनियम संवर्धन में ईरान की तरक़्क़ी से पश्चिमी देश अचम्भित।

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हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनईः यूरेनियम संवर्धन में ईरान की तरक़्क़ी से पश्चिमी देश अचम्भित।

अहलेबैत न्यूज़ एजेंसी अबना के अनुसार सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनई ने एटमिक साइंस ख़ास कर यूरेनियम संवर्धन में ईरान की तरक़्क़ी को ईरान के विरूद्ध पश्चिम की बढ़ती दुश्मनी का कारण बताया है।
ईरान के विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा केन्द्रों के प्रमुखों, बुद्धिजीवियों और शिक्षकों की एक बड़ी संख्या ने बुधवार 11 नवंबर को तेहरान में इमाम खुमैनी र.ह  इमामबाड़े में सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनई से मुलाकात की।
सुप्रीम लीडर ने इस बैठक में तीसरी दुनिया के देशों के लिए पश्चिम की साम्राज्यवादी योजना पर रौशनी डालते हुए कहा कि उनकी योजना यह थी कि विश्वविद्यालयों में पश्चिमी जीवनशैली और विचारधारा के अनुसार, देशों के वरिष्ठ अधिकारियों और जिम्मेदारों को प्रशिक्षित किया जाए लेकिन ईरान में विश्वविद्यालयों में छात्रों की ईरानी पहचान और दीनी व इस्लामी विचारधारा की गहराई के कारण उन्हें अपनी परियोजनाओं को अमली करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
आपने एटमिक साइंस के ग़लत रास्ते पर जाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इल्म, नैतिकता और दीन से अलग न होने पाए।
हज़रत आयतुल्लाह सैयद अली ख़ामेनई ने ईरान में देश के युवा वैज्ञानिकों के माध्यम से यूरेनियम के बीस प्रतिशत संवर्धन को बयान करते हुए कहा कि तेहरान रिएक्टर का, जो परमाणु चिकित्सा के मक़सद से बना है, ईंधन समाप्त हो रहा था और पश्चिम ने ईंधन देने के लिए अपमानजनक शर्तें पेश कीं तो हमारे मोमिन और नौजवान वैज्ञानिकों ने अपनी क्षमता और रात दिन की मेहनत से देश की बीस प्रतिशत संवर्धन यूरेनियम की जरूरत को पूरा कर दिया।
उन्होंने कहा कि ईरान, यूरेनियम के नब्बे प्रतिशत तक संवर्धन का काम बहुत आसानी से अंजाम दे सकता है। इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने कहा कि परमाणु मुद्दे पर पश्चिम की बौखलाहट का कारण भी यही है हालांकि अगर उन्होंने हमें बीस प्रतिशत संवर्धित यूरेनियम दे दिया होता तो हम बीस प्रतिशत संवर्धन का काम भी अंजाम न देते।
आपने परमाणु वार्ता के दौरान पश्चिमी देशों की शर्तों को बयान करते हुए कहा कि तमाम दबाव और प्रतिबंधों के बावजूद ईरान विकास और प्रगति के रास्ते पर पूरी ताकत के साथ अग्रसर है। इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने इस बात का उल्लेख करते हुए कि अमेरिका ने वैज्ञानिक गतिविधियां, ईरान की तुलना में एक सौ चालीस साल पहले शुरू की हैं, कहा कि जिस चीज़ ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है वह हमारे तेज रफ़तार इल्मी और वैज्ञानिक प्रगति है और अंतर-राष्ट्रीय संस्थाओं की ओर से आधिकारिक तौर पर इस बात की घोषणा की गई है कि ईरान में इल्म और साइंसी तरक़्की की गति दुनिया की तुलना में तेरह गुना अधिक है।
हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनई ने कहा कि आज विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालयों के छात्र, साम्राज्यवादी ताकतों के षड़यंत्र की चपेट में हैं। आपने कहा कि हमारे दुश्मन, विश्वविद्यालयों में क्रांतिकारी विचारों और भावनाओं, उनके द्वारा निर्धारित प्रतिबंधित सीमाओं के तोड़े जाने और क्रांतिकारी नारों के साथ ज्ञान और विज्ञान का झंडा बुलंद होने से बौखलाए हुए हैं और उसके मुकाबले के लिए भारी रकम खर्च कर रहे हैं।
आपने इस बात पर जोर देते हुए कि मौजूदा दौर में साम्राज्यवादी तौर तरीके बदल गए हैं, कहा कि वर्चस्ववादी और साम्राज्यवादी शक्तियां अब यह कोशिश कर रही हैं कि देशों के विचार और सक्रिय तत्वों के विचारों को इस तरह बदलें कि वह उनके लक्ष्यों के लिए काम करें।
सुप्रीम लीडर ने अंतर-राष्ट्रीय स्तर पर ईरान की गरिमा और सम्मान को बयान करते हुए कहा कि हीन भावना बहुत ही खतरनाक बात है जबकि पूरी दुनिया इस बात को स्वीकार करती है कि ईरान एक सम्मानजनक और सर्वशक्तिमान देश है और दुश्मन इस बात से नाराज है कि ईरान के अंदर पैर रखने का मौका नहीं मिल रहा है

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