इस्राईल के विरुद्ध खड़े होने वालों का भरपूर समर्थन किया जाएगा

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इस्राईल के विरुद्ध खड़े होने वालों का भरपूर समर्थन किया जाएगा

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि परमाणु सहमति से अमरीका के लिए ईरान के द्वार नहीं खुल जाएंगे।

वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने कहा कि हालांकि अभी परमाणु सहमति का भविष्य न ईरान में और न ही अमरीका  स्पष्ट हुआ है किंतु यदि दोनों देशों में यह समझौता पारित भी हो जाता है तो हम ईरान में अमरीका को राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव का अवसर नहीं देंगे बल्कि हमने उसके सभी रास्ते बंद कर दिये हैं और इसके लिए अपनी सभी साधनों का प्रयोग करेंगे।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनई ने तेहरान में विश्व अहलुबैत  परिषद और इस्लामी देशों के रडियो व टेलीविजन संघ के सम्मेलनों में भाग लेने वालों को संबोधित करते हुए यह बात कही।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि क्षेत्र में इस्लामी गणतंत्र ईरान की नीतियां, अमरीकी नीतियों के विपरीत हैं और अमरीका अपने लक्ष्यों की पूर्ति के लिए क्षेत्र पर वर्चस्व जमाना चाहता है किंतु हम उसे यह करने नहीं देंगे। वह क्षेत्र को छोटे छोटे देशों में बांटना चाहते हैं और यदि उनका बस चलता तो इराक और सीरिया को कई टुकड़ों में बांट देते किंतु यह ईश्वर की सहायता से कभी संभव नहीं होगा और हम ऐसा नहीं होने देंगे।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि इराक़ और सीरिया सहित क्षेत्रीय देशों की अखंडता हमारे लिए अत्याधिक महत्वपूर्ण है।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनई ने कहा कि इराक , सीरिया और यमन में जो कुछ हो रहा है वह प्रचारों के विपरीत, धार्मिक नहीं बल्कि राजनीतिक युद्ध है ।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस्लामी जगत में फूट व मतभेद फैलाना गलत है और हम इस कृत्य के विरोधी हैं भले ही यह काम कुछ शीआ गुटों द्वारा ही क्यों न किया जा रहा हो और हम, सुन्नी मुसलमानों की आस्थाओं के अपमान की आलोचना करते हैं।

उन्होंने कहा कि शत्रुओं का उद्देश्य इस्लामी जगत में फूट डालना है कभी राष्ट्रवाद से और कभी धर्म का नाम लेकर और कुछ सीधे साधे मुसलमान भी उनके बहकावे में आ जाते हैं।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि हम इस्लामी प्रतिरोध आन्दोलन का समर्थन ग़ज्ज़ा में वैसे ही करते हैं जैसा कि हम लेबनान में करते हैं जबकि ग़ज्ज़ा में प्रतिरोध करने वाले सुन्नी और लेबनान में शीआ हैं।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि फिलिस्तीन की समस्या, इस्लामी जगत से सब से अधिक महत्वपूर्ण समस्या है और हम फिलिस्तीनियों के संघर्ष का समर्थन करते हैं और पूरे विश्व में जो भी इस्राईल के विरुद्ध खड़ा होगा हम उसका भरपूर साथ देंगे।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनई ने कहा कि फिलिस्तीन इस्लामी जगत में प्रतिरोध की पहचान है और हम पीड़ित व शोषित की सहायता के समय उसका धर्म नहीं देखते  और इस्लामी गणतंत्र ईरान का यह वह सिद्धान्त है जिसे क्रांति के संस्थापक इमाम खुमैनी ने बनाया था।

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