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सिन्वार की शहादत पर ईरान के राजनीतिक और सैनिक अधिकारियों की प्रतिक्रिया
फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास के राजनीतिक कार्यालय के पूर्व प्रमुख शहीद यहिया सिन्वार
फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास के राजनीतिक कार्यालय के पूर्व प्रमुख शहीद यहिया सिन्वार की शहादत पर ईरान के उच्च राजनीतिक और सैनिक अधिकारियों ने भी प्रतिक्रिया दिखाई है और बल देकर कहा है कि प्रतिरोध का मोर्चा अपने बहादुरों की शहादत से नहीं रुकेगा।
ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने अपने संदेश में यहिया सिन्वार की राह के जारी की ओर संकेत करते हुए कहा कि जिसने अपनी उम्र अतिग्रहणकारी और अत्याचारी दुश्मन से मुक़ाबले में बिताई हो, शहादत के अलावा कोई दूसरी चीज़ उसका प्रतिफ़ल नहीं हो सकती।
सर्वोच्च नेता ने अपने संदेश में कहा है कि उनको खो देना प्रतिरोध के लिए पीड़ादायक है परंतु यह प्रतिरोध शैख़ अहमद यासिन, फ़त्ही शक़्क़ाक़ी, रन्तीसी और इस्माईल हनिया जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों की शहादत के बाद इस मोर्चे की प्रगति में कोई रुकावट नहीं आयी तो सिनवार की शहादत से भी इंशाअल्लाह तनिक भी रुकावट नहीं आएगी। हमास ज़िंदा है और ज़िंदा रहेगा।
इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति मसऊद पिज़िश्कियान ने भी अपने संदेश में लिखा है कि अतिक्रमण के मुक़ाबले में जेहाद और आज़ादी को उपहार में देना और ज़मीन के अस्ली मालिकों को अतिग्रहण से रिहाई दिलाना बहुत महान व उच्च लक्ष्य है जो नायकों व बहादुरों के चले जाने से नहीं रुकेगा।
ईरानी संसद मजलिसे शुराये इस्लामी के सभापति मोहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़ ने भी सोशल प्लेटफ़ार्म एक्स पर लिखा कि शहीद सिन्वार ने अल्लाह से अपने अहद पर अपने पावन लहू से अमल किया। पूरे अस्तित्व से उनके संघर्ष की तस्वीरों से हज़ारों सिन्वार और नस्रुल्लाह प्रतिशित होंगे। इस बार पूरी दुनिया में।
ईरान के विदेशमंत्री अब्बास एराक़ची ने भी सोशल प्लेटफ़ार्म एक्स पर लिखा है कि यहिया सिन्वार मौत से नहीं डरते थे बल्कि ग़ज़ा में वह शहादत की खोज में थे। वह जीवन की अंतिम सांस तक लड़ते रहे। उनकी शहादत क्षेत्र में प्रतिरोध के समस्त जियालों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी चाहे वे फ़िलिस्तीनी हों या ग़ैर फ़िलिस्तीनी।
ईरान की सशस्त्र सेना के चीफ़ ऑफ़ आर्मी स्टाफ़ मेजर जनरल बाक़िरी ने भी बल देकर कहा है कि रणक्षेत्र में यहिया सिन्वार की शहादत ने दर्शा दिया कि उनकी प्रशिक्षा व प्रशिक्षण इस्लाम धर्म की शिक्षाओं के अनुसार हुआ था और वह उच्च लक्ष्यों की प्राप्ति के मार्ग में वीरगति को प्राप्त हुए।
ईरान की इस्लामी क्रांति फ़ोर्स सिपाहे पासदारान (IRGc) के प्रमुख मेजर जनरल हुसैन सलामी ने भी अपने संदेश में लिखा है कि शहीद सिन्वार ग़ज़ा की सुरंगों में नहीं छिपे थे बल्कि वह रणक्षेत्र के केन्द्र में, ज़ायोनी सैनिकों का मुक़ाबला करते हुए, जेहाद के वस्त्र के साथ और प्रतिरोध के जियालों का मार्गदर्शन करते हुए शहीद हुए ताकि ज़ायोनी सरकार ने उनके बारे में जो झूठा प्रचार कर रखा था उसे अपमानित कर दें।
ईरान की सशस्त्र सेना के प्रमुख मेजर जनरल सैयद अब्दुर्रहीम मूसवी ने भी स्पष्ट किया कि यद्यपि रक्तपिपासु ज़ायोनी सरकार से मुक़ाबले में यहिया सिन्वार की शहादत संघर्ष और प्रतिरोध के जियालों के लिए पीड़ादायक थी परंतु उनका पावन लहू प्रतिरोध के जियालों व शूरवीरों के क्रोध की ज्वाला को और भड़का देगी।
हमास ने याह्या सिनवार की शहादत की पुष्टि
एक साल से भी अधिक समय से चल रहे ज़ायोनी सेना के जनसंहार के बीच ग़ज़्ज़ा की गलियों में प्रतिरोधी जवानों का नेतृत्व करने वाले हमास के प्रमुख शहीद याह्या सिनवार की शहादत की पुष्टि हमास ने भी कर दी है।
अल जज़ीरा के हवाले से मेहर न्यूज़ एजेंसी ने खबर देते हुए कहा है कि, हमास के राजनीतिक कार्यालय के उप प्रमुख "खलील अल-हय्या" ने इस आंदोलन के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख याह्या अल-सिनवार की शहादत की खबर की पुष्टि की।
खलील अल-हय्या ने कहा: फिलिस्तीनी इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन (हमास) याह्या अल-सनवार की शहादत पर अरब और इस्लामी उम्मत के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता है।
उन्होंने कहा: हम अल-अक्सा तूफान के कमांडर और हमास आंदोलन के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख कमांडर याह्या अल सिनवार की शहादत पर संवेदना व्यक्त करते हैं।
अफगानिस्तान में 2 हज़ार से ज़्यादा महिला सुरक्षा अधिकारी मौजूद
स्थानीय मीडिया ने बताया कि वर्तमान में लगभग 2,000 महिला सुरक्षा अधिकारी अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय में कार्यरत हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार ,स्थानीय मीडिया ने बताया कि वर्तमान में लगभग 2,000 महिला सुरक्षा अधिकारी अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय में कार्यरत हैं।
मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल मतीन कानी ने कहा, आंतरिक मंत्रालय के किसी भी कर्मचारी या सदस्य, विशेषकर महिला पुलिस अधिकारियों को पिछले प्रशासन में अपने कर्तव्यों के कारण किसी भी व्यक्तिगत या आधिकारिक खतरे का सामना नहीं करना पड़ेगा।
एक रिपोर्ट के अनुसार, क़ानी के अनुसार, अधिकांश महिला अधिकारी मंत्रालय के सेवा और निरीक्षण विभागों में काम करती हैं।
कुछ महीने पहले तालिबान के नेतृत्व वाली अफगान सरकार ने सदाचार को बढ़ावा देने और बुराई की रोकथाम पर कानून के अनुसमर्थन की घोषणा की जिसमें 35 लेखों में मनमाने और संभावित रूप से गंभीर प्रवर्तन तंत्र के साथ अफगान आबादी पर महत्वपूर्ण प्रतिबंधों का विवरण दिया गया था।
तथाकथित कानून ड्रेस कोड लागू करता है विशेष रूप से महिलाओं को सार्वजनिक रूप से अपने शरीर और चेहरे को ढंकने का आदेश देता है। डिक्री यह भी लागू करती है कि महिलाओं की आवाज़ सार्वजनिक रूप से नहीं सुनी जानी चाहिए, जो प्रभावी रूप से अफगान महिलाओं को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उनके मौलिक अधिकार से वंचित करती हैं।
आयतुल्ला बशीर हुसैन नजफ़ी से अल्लामा अबताही ने मुलाकात की
आयतुल्लाहिल उज़्मा हाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी ने अपने केंद्रीय कार्यालय नजफ़ अशरफ़ में, इस्लामी गणराज्य ईरान से आए अल्लामा अबताही और उनके प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।
आयतुल्लाह अल उज़मा अलह़ाज ह़ाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी ने केंद्रीय कार्यालय में अल्लामा अब्तही का उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ स्वागत किया इस मुलाक़ात में उलेमा और इस्लामिक समाज के बीच संबंधों को मजबूत करने पर ज़ोर दिया।
अतिथि प्रतिनिधिमंडल ने अल्लामा अब्तही की किताबें और उनके संगठन के प्रकाशन मरज ए आली क़द्र की ख़िदमत में प्रस्तुत किए,जो उनके सक्रिय संस्थान की बौद्धिक और शैक्षणिक सेवाओं को दर्शाता है।
मरज ए आली क़द्र ने क़ौम के निर्माण में ज्ञान और संस्कृति के महत्व को बताया और उनकी सेवाओं की सराहना की।
मरज ए आली क़द्र ने प्रतिनिधिमंडल और इस्लाम राष्ट्र की सुरक्षा और स्थिरता के लिए और क़यामत के दिन पैगंबर (स अ व आ व) और उनके अहलेबैत (अस) की शिफ़ाअत के लिए बारगाहे ख़ुदावन्दी में दुआ की।
इस्राईल की रक्षा के लिए अपनी सेना तैनात करेगा अमेरिका
अमेरिका के समर्थन से पिछले एक साल से अधिक समय से फिलिस्तीन ओर लेबनान में जनसंहार में लगे इस्राईल के खिलाफ प्रतिरोध के करारे प्रहार से हैरान अमेरिका अब खुद इस्राईल के बचाव के लिए मैदान में उतर आया है।
सीएनएन ने कहा है कि अमेरिकी सेना के लगभग 100 सैनिकों को THAAD मिसाइल रक्षा प्रणाली के साथ काम करने के लिए मक़बूज़ा फिलिस्तीन के क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।
इससे पहले एनबीसी न्यूज चैनल ने पेंटागन के एक अधिकारी के हवाले से खबर दी थी कि वाशिंगटन अवैध राष्ट्र इस्राईल पर ईरान के जवाबी मिसाइल हमलों का मुकाबला करने के लिए मक़बूज़ा फिलिस्तीन के क्षेत्रों में THAAD रक्षा प्रणाली तैनात करने पर सहमत हो गया है।
ज़बरन युद्ध में इज़राइल सरकार की हार निश्चित है: मौलवी अब्दुर्रहमान ख़ुदाई
ईरान के शहर बानेह के इमाम ए जुमआ ने कहा,आज इज़राईल खुद को प्रतिरोध के मोर्चे के खिलाफ जंग में फंसा हुआ महसूस कर रहा हैं। इसमें कोई शक़ नहीं कि इस ज़बरन युद्ध में इज़राईल सरकार की हार निश्चित है इसलिए इस्लामी देशों को इस पर विश्वास रखते हुए ग़ाज़ा, फ़िलस्तीन और लेबनान की जनता की मदद करनी चाहिए।
एक रिपोर्टर को इंटरव्यू देते हुए, शहर बानेह के अहले सुन्नत इमाम-ए-जुमआ मौलवी अब्दुर्रहमान ख़ुदाई ने कहा,प्रतिरोधी मोर्चे के साथ युद्ध में ज़ायोनियों को आंतरिक रूप से भी तबाही का सामना करना पड़ा है।
इसलिए आज ज़ायोनी और पश्चिमी दुनिया मुसलमानों के खिलाफ व्यापक मानसिक हमले कर रही है, जिससे सभी मुसलमानों को सतर्क रहने की ज़रूरत है।
शहर बानेह के इमाम-ए-जुमआ ने आगे कहा, ज़ायोनी दुश्मन ने युद्ध और सैन्य अपराधों के साथ-साथ इस्लामी दुनिया, विशेष रूप से इस्लामी गणराज्य के खिलाफ एक व्यापक मीडिया और मानसिक मोर्चा खोला हुआ है, जिसे हम इन दिनों देख रहे हैं इंशा अल्लाह, सभी क्षेत्रों में ज़ालिम इज़राईल को करारी हार मिलेगी।
मौलवी ख़ुदाई ने कहा, याद रखें कि जब भी ज़ायोनी दुश्मन देखेगा कि इस्लामी देश ग़ाज़ा लेबनान और फ़लस्तीन के लोगों से अलग-थलग हैं, तो निस्संदेह वे मैदान को अपने लिए खाली पाएंगा और यह स्पष्ट है कि यही स्थिति आज उन जगहों पर मुसलमानों के नरसंहार का कारण बन रही है।
इस अहले सुन्नत आलिम ने कहा, आज ज़ायोनी खुद को प्रतिरोधी मोर्चे के मुकाबले में बिखराव की लड़ाई में देख रहे हैं, इसलिए इस्लामी देशों को भी चाहिए कि वे जल्द से जल्द ग़ाज़ा, फ़िलस्तीन और लेबनान के मुसलमानों की पुकार का सकारात्मक जवाब दें।
मौलवी अब्दुर्रहमान ख़ुदाई ने कहा, हमें उम्मीद है कि इस्लामी दुनिया की दूरदर्शिता दुनिया की अन्य क़ौमों को जागरूक करने का कारण बनेगी और बहुत जल्द यह ज़ालिम और इंसानियत का दुश्मन ज़ायोनी राज्य धरती के पटल से गायब हो जाएगी।
जिहाद के रास्ते में दृढ़ता और निरंतरता हक़ के मोर्चे को बातिल पर जीत दिलाएगी।
हरम ए मुत्तहर हज़रत मासूमा स.ल. के मुतवल्ली ने कहा, कर्तव्यों की अदायगी में धैर्य और सहनशीलता जीत की बुनियाद बनती है डॉ. क़ालीबाफ का वर्तमान परिस्थितियों में बेरूत जाना और प्रतिरोधी मोर्चे का समर्थन करना एक साहसिक और सराहनीय क़दम था।
हरम ए मुत्तहर हज़रत मासूमा स.ल. के मुतवल्ली ने कहा, कर्तव्यों की अदायगी में धैर्य और सहनशीलता जीत की बुनियाद बनती है डॉ. क़ालीबाफ का वर्तमान परिस्थितियों में बेरूत जाना और प्रतिरोधी मोर्चे का समर्थन करना एक साहसिक और सराहनीय क़दम था।
आयतुल्लाह सैयद मोहम्मद सईदी ने कहा,हज़रत मासूमा सलामुल्लाह अलैहा का इमामजादों में एक खास मक़ाम है आप सलामुल्लाह अलैहा (मोहाजिर इलल्लाह)होने के साथ-साथ (मुजाहिदा फी सबीलिल्लाह)भी थीं।
उन्होंने कहा,उम्मत ए इस्लामिया की जीत निश्चित है, लेकिन कभी-कभी यह जीत कुछ देर से आती है, जिसमें इलाही हिकमत छिपी होती है इन्हीं हिकमतों में से एक, पर्दे के पीछे छिपे ऐसे दुश्मनों की पहचान है, जो खुद को मुसलमानों का दोस्त दिखाते हैं जबकि असल में वो पर्दे के पीछे ग़ासिब इसरायली हुकूमत से मिले होते हैं।
आयतुल्लाह सैयद मोहम्मद सईदी ने कहा,जिहाद के रास्ते में दृढ़ता और निरंतरता हक के मोर्चे को बातिल पर जीत दिलाएगी और यह अल्लाह का पक्का वादा है इमाम-ए-जुमआ क़ुम ने आगे कहा,फ़र्ज़ की अदायगी में धैर्य और सहनशीलता जीत की बुनियाद बनती है।
उन्होंने ईरान की मजलिस-ए-शूरा के स्पीकर के बहादुराना क़दम का ज़िक्र करते हुए कहा,डॉक्टर क़ालीबाफ का मौजूदा हालात में बेरूत जाना और प्रतिरोधी मोर्चे का समर्थन करना एक साहसिक और सराहनीय क़दम था इसने लोगों के दिलों को छू लिया और मोमिनीन की ख़ुशी का कारण बना।
भारतीय विदेश मंत्री पाकिस्तान पहुंचे, शिखर सम्मलेन में लेंगे भाग
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर SCO शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान पहुँच गए हैं। नूर खान एयरबेस पर पाकिस्तान के उच्चाधिकारियों ने उनका जोरदार स्वागत किया। जयशंकर एससीओ सदस्य देशों के स्वागत के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मेजबानी में आयोजित डिनर में शामिल होंगे।
9 साल में किसी भारतीय विदेश मंत्री की ये पहली पाकिस्तान यात्रा है. इससे पहले पूर्व विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज ने 2015 में अफगानिस्तान पर एक सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद का दौरा किया था।
मस्जिद के पास डीजे की धुन पर आपत्तिजनक नारे, बाराबंकी में फसाद की साज़िश
बहराइच के बाद एक बार फिर मुस्लिम समुदाय को टारगेट करते हुए आपत्तिजनक नारे लगाए गए तथा मस्जिद के सामने जमकर अपमानजनक हरकतें की गई।
बहराइच का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि बाराबंकी में मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान एक बार फिर मुस्लिम समाज को निशाना बनाने की योजना के अंतर्गत मस्जिद के पास डीजे पर आपत्तिजनक गाने बजाए गए।
जुलूस में शामिल असामाजिक तत्वों ने मस्जिद के अंदर जूते-चप्पल और रंग फेंका। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि बाकी लोगों की तलाश जारी है।
पुलिस को मिली तहरीर के मुताबिक़ उन्मादी लोगों ने मस्जिद के सामने डीजे पर आपत्तिजनक गाने बजाए। साथ ही हिंदू पक्ष के लोगों ने मस्जिद पर जूते चप्पल और रंग भी फेंका। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
युद्ध एक भ्रम है,यह कभी भी शांति और सुरक्षा नहीं लाएगाः
दक्षिणी लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों पर इजरायली सेना द्वारा गोलीबारी के बाद, पोप ने सैनिकों का सम्मान करने का आह्वान करते हुए कहा कि युद्ध एक भ्रम है,यह कभी भी शांति और सुरक्षा नहीं लाएगा।
हाल ही में हुई घटनाओं के बाद, जिसमें इज़रायली सेना की गोलीबारी में कम से कम चार संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक घायल हो गए, पोप फ्रांसिस ने सैनिकों का "सम्मान" करने की अपील की है।
पोप फ़ांसिस द्वारा एक बार फिर मध्य पूर्व में तत्काल युद्ध विराम के आह्वान करने के बाद यह अपील की गई, जिसमें पक्षों से "शांति प्राप्त करने के लिए कूटनीति और संवाद के मार्ग का अनुसरण करने" का आग्रह किया। पोप फ्रांसिस अक्टूबर 2023 से इस क्षेत्र में शत्रुता को रोकने का आह्वान कर रहे हैं, जो कि किसी भी अन्य विश्व नेता द्वारा किए गए आह्वान का अधिक लंबा समय है।
पोप ने आगे कहा, "युद्ध एक भ्रम है," "यह कभी शांति नहीं लाएगा, यह कभी सुरक्षा नहीं लाएगा। यह सभी के लिए हार है, खासकर उन लोगों के लिए जो खुद को अजेय मानते हैं।" उन्होंने कहा, "मैं सभी पीड़ितों के लिए दुआ करता हूं," "विस्थापितों के लिए, बंधकों के लिए - जिनके बारे में मुझे आशा है कि उन्हें तुरंत रिहा कर दिया जाएगा - और मैं दुआ करता हूं कि घृणा और बदले की भावना से उत्पन्न यह बड़ी अनावश्यक पीड़ा जल्द ही समाप्त हो जाएगी।"