
رضوی
ईरान अब हर चुनौती के सामने विजय का दावा कर सकता है, वरिष्ठ नेता
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने बल दिया है कि रक्षा काल का एक स्थायी पाठ यह रहा है कि अगर ईश्वर पर भरोसा व्यवहारिक रूप से और दिलो व जान से हो तो निश्चित रूप से सभी बाधाओं और चुनौतियों का सामना आस्था के साथ किया जा सकता है।
वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने बुधवार की शाम सेना के कुछ कमांडरों, सैनिकों और कलाकारों से भेंट में अपने भाषण के दौरान, आठ वर्षीय रक्षा काल की घटनाओं के वर्णन और इन घटनाओं को कलात्मक और नये तरीक़ों से नयी पीढ़ी तक पहुंचाने को महत्वपू्र्ण काम बताया।
वरिष्ठ नेता ने बल दिया कि रक्षा काल, मानवीय व भौतिक नुकसान का कारण रहा है किंतु उसके साथ ही वर्तमान और भविष्य के लिए बहुत अच्छे परिणाम भी सामने आए हैं और इससे समाज में क्रांतकारी विचारों की रक्षा हुई।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर समाज में सत्ता व संसार लोभ से दूरी और आध्यात्मिक लक्ष्य की भावना न हो तो तो निश्चित रूप से बाधाएं अधिक होंगी और एेसे समाज में व्यवहारिक रूप से ईश्वर पर भरोसा और बाधाओं को पार करने की शक्ति बहुत महत्वपूर्ण है।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि आज ईरान सभी चुनौतियों के सामने विजय का दावा कर सकता है क्योंकि उसके पास रक्षा काल के दौरान अत्याधिक बाधाओं को पार करने का अनुभव है।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि रक्षा काल के दौरान अमरीका, नेटो, सोवियत संघ और क्षेत्र के रूढ़िवादियों सहत सभी शक्तियां इस्लामी गणतंत्र ईरान के सामने खड़ी थीं, लेकिन इन हालात में भी ईरान इन सभी शक्तियों के सामने विजयी रहा।
मिस्र में अल अजहर के नकली लाइसेंस के साथ कुरआन की बिक्री
अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी ने खबर "अल-वतन समाचार"द्वारा उद्धृत किया कि यह कुरान "अबु वारदा" के नाम से रंग़ीन और कवर पर फूलों के साथ छपा है।
यह कुरान इस समय मिस्र के बाजार में आए हैं जिन की अल अजहर ने देश के बाजारों में विरोध किया है
और इस पर अल अजहर के इस्लामी अनुसंधान परिषद ने 2015 में बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था
यह "अबु वारदा" कुरान काहिरा की मस्जिद "अल-हुसैन" के पीछे अलमारियों में स्थित है और छोटे संस्करण की कीमत(मिस्री मुद्रा)40 पाउंड है और बड़े संस्करण की 70 पाउंड है।
इस जग़ह बेचने वाले अब्दुल वहाब बताते हैं कि लोग इस आकर्षक रूप वाले कुरआन को दोस्त रख़ते हैं और रमजान की पूर्व संध्या पर खरीद कर उपहार देते है।
उन्होंने अल-वतन के साथ एक साक्षात्कार में कहा कुरान अबु वारदा के कुरआन के पास अल अजहर का लाइसेंस है इस बयान की तस्दीक़ के लिए पृष्ठ के अंत में अल अजहर के लाइसेंस है जो साबित करता है
यह इस हाल में है कि अल अजहर के इस्लामी अनुसंधान परिषद के एक सदस्य मोहम्मद अल शोहात अल-जुन्दी ने कहा कि यह लाइसेंस नकली है और हमने कुरान की नई व्यवस्था के लिए मिस्र के आंतरिक मंत्रालय को सुचना दिया है
मलेशिया में दूसरा सबसे बड़ा कुरान मुद्रित करने वाला केन्द्र स्थापित
अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी ने "मलेशियाई डाइजेस्ट" खबर द्वारा उद्धृत किया कि मलेशिया प्रधानमंत्री के उप-और मंत्री अहमद ज़ाहिद हमीदी ने कहा कि यह केंद्र "नशरुल कुरआन" है सरकार प्रतिबद्धता है कि केंद्र को बढ़ावा दे ताकि इस्लाम की महिमा का जश्न मनाया जाए।
उन्हों ने मलेशिया के 59वीं अंतर्राष्ट्रीय कुरान प्रतियोगिता के समापन समारोह में कहा कि मलेशिया के प्रधानमंत्री नाजीब रज़ाक ने कहा कि यह केंद्र दक्षिण पूर्व एशिया का सबसे बड़ा कुरानी केंद्र है।
उम्मीद है कि यह केंद्र वार्षिक दस लाख कुरान की प्रतियां प्रकाशित करती है इसकी क्षमता वार्षिक तीस लाख प्रतियां के प्रकाशन की है।
केंद्र से अंग्रेजी, चीनी, बहासा, थाई, रूसी, आदि सहित विभिन्न भाषाओं में कुरान का अनुवाद प्रकाशित किया जाएगा।
अहमद ज़ाहिद हमीदी ने कहा कि मलेशिया अंतर्राष्ट्रीय कुरान प्रतियोगिता मुसलमानों के बीच भाईचारे की भावना को बढ़ावा देग़ी।
59वीं मलेशिया अंतर्राष्ट्रीय कुरान प्रतियोगिता दो हिस्सों तहक़ीक़ी केराअत,पुरे कुरआन का हिफ्ज़ 15 से 20 मई तक कुआलालंपुर में आयोजित किया गया।
हामिद अलीजादेह, तहकीकी केराअत में इस्लामी गणराज्य ईरान के प्रतिनिधि इस टूर्नामेंट में पहली जगह जीत है।
चुनाव में जनता बधाई की हक़दार, दुश्मन हुआ मायूस, वरिष्ठ नेता
इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में ईरानी जनता व इस्लामी गणतंत्र व्यवस्था को विजेता बताते हुए कहा कि दुश्मन की साज़िश के बावजूद व्यवस्था के प्रति इस महान राष्ट्र का विश्वास बढ़ा।
आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने 19 मई के राष्ट्रपति पद के चुनाव के संबंध में अपने संदेश में कहा कि सभी जगहों पर मतदान केन्द्रों पर जनता की भव्य उपस्थिति व लंबी क़तारें इस्लामी गणतंत्र के आधारों के मज़बूत होने और इस व्यवस्था के प्रति जनता में लगाव को दर्शाती हैं और इम्तेहान की घड़ी में ईरान व ईरानी जनता विजयी हुयी।
उन्होंने इस बात का उल्लेख करते हुए कि इस्लामी ईरान ने एक बार फिर दुश्मनों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया, कहा कि चुनाव के बाद जनता एकता के बारे में सोचे कि एकता ही राष्ट्रीय शक्ति का महत्वपूर्ण तत्व है।
वरिष्ठ नेता ने राष्ट्रपति और उनके अगले मंत्रीमंडल में शामिल होने वालों पर बल दिया कि रोज़गार और जवानों की मुश्किलों के हल के लिए कोशिश करें। इसी प्रकार उन्होंने कमज़ोर वर्ग, निर्धन क्षेत्रों व गावों पर ध्यान देने पर भी बल दिया। वरिष्ठ नेता ने बल दिया कि अगली सरकार भ्रष्टाचार और सामाजिक ताने बाने को नुक़सान पहुंचाने वाली चीज़ों के ख़िलाफ़ कार्यवाही को अपना कार्यक्रम बनाए।
वरिष्ठ नेता ने अपने संदेश में चुनाव में भाग लेने वाली हर इकाई के प्रति आभार जताया।
मिसाइल कार्यक्रम आगे भी जारी रहेगाः ईरान
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके घोषणा की है कि ईरान का मिज़ाइल कार्यक्रम अपनी पूरी शक्ति के साथ आगे भी जारी रहेगा।
अमरीका की ओर से एकपक्षीय नए प्रतिबंधों पर प्रतिक्रिया स्वरूप ईरान के विदेशमंत्रालय ने गुरूवार को बयान जारी करके इसे ग़ैरक़ानून बताते हुए इसकी भर्त्सना की है। विदेश मंत्रालय ने इस बात पर बल दिया है कि देश की रक्षा क्षमता में वृद्धि का अधिकार ईरान को भी प्राप्त है। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में बताया है कि ईरान का मिज़ाइल कार्यक्रम राष्ट्रसंघ के प्रस्ताव क्रमांक 2231 के विरुद्ध नहीं है।
विदेश मंत्रालय ने अमरीका की ओर से ईरान के कुछ लोगों और कंपनियों पर लगाए जाने वाले नए प्रतिबंधों की कड़ी भर्त्सना की है। इन प्रतिबंधों के जवाब में 9 उन अमरीकी लोगों और कंपनियों को प्रतिबंधित कर दिया है जो परोक्ष या अपरोक्ष रूप में ज़ायोनी शासन के अत्याचारों में सहभागी रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मिज़ाइल कार्यक्रम के बहाने ईरान के कुछ अधिकारियों और कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
ईरान, मतदान केन्द्रों पर उमड़ा जन सैलाब, वरिष्ठ नेता ने डाला वोट
इस्लामी गणतंत्र ईरान में बारहवें राष्ट्रपति चुनाव तथा नगर व ग्राम परिषद के चुनावों के लिए मतदान हुआ।
मतदान आरंभ होते ही सुबह से मतदान केन्द्रों पर लोगों की भीड़ नज़र आयी। इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेताक आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने तेहरान में स्थित इमाम ख़ुमैनी इमाम बाड़े में अपना वोट डाला।
वोट डालने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ईरानी राष्ट्र के लिए चुनाव को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि जितनी जल्दी हो सके लोग मतदान केन्द्रों पर उपस्थित हो कर अपने मूल्यवान मत डालें।
उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कहा कि देश का भविष्य जनता के हाथों में है क्योंकि यह चुनाव देश के कार्य पालिका के प्रमुख को चुनने के लिए है।
ईरान और भारत के बीच बैंकिंग संबंधों में विकास की बाधाओं को दूर करना ज़रूरी, विदेशमंत्री
इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेशमंत्री ने तेहरान व नयी दिल्ली के मध्य बैंकिंग क्षेत्र में सहयोग में विस्तार की बाधाओं को दूर करने और भारत में ईरानी छात्रों के लिए सुविधा दिये जाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है।
विदेशमंत्री जवाद ज़रीफ़ ने मंगलवार को भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर से तेहरान में होने वाली भेंट में विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर ऊर्जा व व्यापार के क्षेत्र में दोनों देशों की संयुक्त क्षमताओं की उल्लेख करते हुए आशा प्रकट की है कि ईरान और भारत के सहयोग में विस्तार होना चाहिए।
एस जयशंकर ने भी इस भेंट में, ईरान के साथ भारत के संबंधों के भविष्य को सकारात्मक बताया।
उन्होंने इसी प्रकार ऊर्जा, ट्रांज़िट, और उत्तर-दक्षिण कॅारीडोर के संदर्भ में ईरान व भारत के मध्य सहयोग पर बल दिया।
मंगलवार को भी भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर और ईरानी विदेश मंत्रालय में एशिया और प्रशांत महासागर के मामलों के प्रभारी इब्राहीम रहीम पुर ने भेंट की।
इस बैठक में ऊर्जा, खनन, उद्योग और व्यापार के विभागों से संबंध रखने वाले अधिकारियों ने भाग लिया और ईरान व भारत के मध्य सहयोग को बढ़ाने की संभावनाओं का जायज़ा लिया।
फ़ारसी सीखें- 18वां पाठ
मोहम्मद और सईद शुक्रवार को रेस्त्रां जाने का कार्यक्रम बनाते हैं ताकि वहां फ़िसन्जान नामक विशेष ईरानी पकवान खाएं। मोहम्मद ने अभी तक फ़िसन्जान नहीं खाया है। फ़िसन्जान एक सालन है जिसे पुलाव के साथ खाया जाता है। फ़िसन्जान पकाने में चिकन या क़ीमे को पिसे हुए अख़रोट के साथ, कुछ पियाज़ और अनार के पेस्ट में मिलाकर पकाते हैं। यह ईरानी पकवान इतना स्वादिष्ट होता है कि विवाह, या अन्य समारोहों तथा मेहमानी में इसे परोसा जाता है। विभिन्न नगरों में फ़िसन्जान को अलग अलग स्वाद के साथ पकाया जाता है। मोहम्मद और सईद के बीच वार्तालाप से पूर्व इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण शब्द और उनके अर्थ।
तुम्हें याद है یادت هست
शुक्रवार का दिन جمعه
रेस्त्रां या खाने का होटल رستوران
तुमने कहा تو گفتی
हम जा रहे हैं ما می رویم
अभी الان
मुझे याद आया یادم آمد
मैं भूल गया था या मैं भूल गई थी من فراموش کرده بودم
आने वाला कल فردا
दोपहर का खाना ناهار
हम जा रहे हैं ما می رویم
अच्छा है خوب است
कौन या किस کدام
रफ़तारी नामक रेस्त्रां رستوران رفتاری
स्वादिष्ट لذیذ
भोजन غذا
विशेषकर या विशेष रूप से مخصوصا
सालन या रसदार सब्ज़ी خورشت
एक विशेष प्रकार सालन فسنجان
क्या है چیست
अब तक تا به حال
मैंने नहीं खाया है। من نخورده ام
मांस گوشت
अखरोट گردو
अनार का पेस्ट ربّ انار
वे पकाते हैं آنها می پزند
पुलाव پلو
वे खाते हैं آنها مي خورند
खट्टा ترش
उसके पास है او دارد
तो या फिर پس
कुछ मात्रा مقداري
आभार شکر
वे मिलाते हैं آنها می ریزند
मीठा شیرین
पहले قبلا
ईरानी, ईरान का ايراني
मैंने खाया है من خورده ام
मैं संतुष्ट हूं من مطمئنم
तुम्हें पसंद है या अच्छा लगता है خوشت می آید
मैं टेस्ट करता हूं من امتحان می کنم
उन्हें पसंद है آنها دوست دارند
अधिकतर या अधिकांशत بیشتر
मेहमानी مهمانی
ऊपर या पर روی
मेज़ میز
खाने की मेज़ ميز غذا
मोहम्मद और सईद के बीच वार्तालाप हिंदी अनुवाद के साथ
मोहम्मद! तुम्हे याद है ना! तुमने कहा था कि शुक्रवार को रेस्त्रां जाएंगे?
محمد - یادت هست گفتی جمعه به رستوران مي رویم ؟
सईद! हां अभी याद आया। भूल ही गया था, कल शुक्रवार को दोपहर के खाने के लिए रेस्त्रां जाएंगे।
سعید - آره . الان یادم آمد . فراموش کرده بودم . فردا جمعه برای ناهار به رستوران مي رویم.
मोहम्मद! ठीक है। किस रेस्त्रां में जाएंगे।
محمد - خوب است . به کدام رستوران می رویم ؟
सईद! रफ़तारी नामक रेस्त्रां में। इस रेस्त्रां के भोजन बहुत स्वादिष्ट है। विशेष रूप से फ़िसन्जान नामक पकवान।
سعید - به رستوران رفتاری . غذاهای این رستوران خیلی لذیذ است . مخصوصا" خورشت فسنجان .
मोहम्मद! फ़िसन्जान कैसा सालन होता है ? मैंने अभी तक नहीं खाया है।
محمد - خورشت فسنجان چیست ؟ من تا به حال این خورشت را نخورده ام
सईद! फ़िसन्जान अख़रोट, मांस और अनार के पेस्ट से बनाते हैं और उसे पुलाव से खाते हैं।
سعید - خورش فسنجان را با گردو ، گوشت و ربّ انار می پزند و آن را با پلو مي خورند .
मोहम्मद! क्या फ़िसन्जान में अनार का पेस्ट होता है ? फिर तो खट्टा होगा।
محمد - فسنجان رب انار دارد ؟ پس ترش است
सईद! नहीं, बहुत खट्टा नहीं होता, क्योंकि उसमें थोड़ी मात्रा में शकर भी मिलाते हैं, इसलिए मीठा होता है।
سعید - نه . خیلی ترش نیست . چون مقداري شکر در آن می ریزند ، شیرین است .
मोहम्मद! मैंने पहले ईरानी सालन खाए हैं जो प्रायः थोड़े खट्टे होते हैं।
محمد - من قبلا" خورشت های ایرانی خورده ام . معمولا" کمی ترشند .
सईद! जी। किन्तु फ़िसिन्जान मीठा होता है, मुझे विश्वास है कि तुम्हें पसंद आएगा।
سعید - بله . اما فسنجان شیرین است . مطمئنم خوشت می آید .
मोहम्मद! टेस्ट करके देखता हूं।
محمد - امتحان می کنم .
सईद! ईरानी, फ़िसन्जान को बहुत पसंद करते हैं और किसी के यहां मेहमानी में खाने की मेज़ पर फ़िसन्जान भी परोसा जाता है।
سعید - ایرانیها فسنجان را دوست دارند و در بیشتر مهمانی ها ، خورشت فسنجان هم روی میز غذا است .
मोहम्मद और सईद के बीच वार्तालाप बिना अनुवाद के
محمد - یادت هست گفتی جمعه به رستوران مي رویم ؟ سعید - آره . الان یادم آمد . فراموش کرده بودم . فردا جمعه برای ناهار به رستوران مي رویم. محمد - خوب است . به کدام رستوران می رویم ؟ سعید - به رستوران رفتاری . غذاهای این رستوران خیلی لذیذ است . مخصوصا" خورشت فسنجان . محمد - خورشت فسنجان چیست ؟ من تا به حال این خورشت را نخورده ام . سعید - خورشت فسنجان را با گردو ، گوشت و ربّ انار می پزند و آن را با پلو مي خورند . محمد - فسنجان رب انار دارد ؟ پس ترش است . سعید - نه . خیلی ترش نیست . چون مقداري شکر در آن می ریزند ، شیرین است . محمد - من قبلا" خورشت های ایرانی خورده ام . معمولا" کمی ترشند . سعید - بله . اما فسنجان شیرین است . مطمئنم خوشت می آید . محمد - امتحان می کنم . سعید - ایرانیها فسنجان را دوست دارند و در بیشتر مهمانی ها ، خورشت فسنجان هم روی میز غذا است .
मोहम्मद और सईद रेस्त्रां जाते हैं। रेस्त्रां तेहरान के एक पुराने मुहल्ले में स्थित है किन्तु यह बहुत ही स्वच्छ और कम भीड़ भाड़ वाला रेस्त्रां है। वे फ़िसन्जान, मट्ठे और सलाद मंगवाते हैं। जब बैरा मेज़ पर भोजन लगाता है मोहम्मद फ़िसन्जान के कत्थई रंग और अख़रोट के तेल को आश्चर्य से देखता है जो पूरे सालन पर फैला होता है। उसने कल्पना नहीं की थी कि फ़िसन्जान कत्थई रंग का होता है किन्तु दोपहर का खाना खाने के पश्चात वह मान गया कि यह ईरान के सबसे स्वादिष्ट सालनों में है। ईरानी खाने को पकाने में कई घंटे लगते हैं इसलिए ईरानी खाने भलिभांति पक कर गल जाते हैं। ईरानी पकावान के संबंध में यह महत्वपूर्ण बिन्दु है।
इस्लामी दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में "अम्मान" परिचय समारोह
समाचार एजेंसी ईना के हवाले से, 2017 में अरबी क्षेत्र इस्लामी संस्कृति की राजधानी के रूप में अम्मान का परिचय समारोह, बुधवार 17 मई को अब्दुल अजीज बिन उस्मान Tuwaijri, शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक इस्लामी संगठन ( ISESCO) के निदेशक की उपस्थिति में आयोजित किया जाएगा।
इस समारोह में जो कि अम्मान जॉर्डन की राजधानी में और शाह अब्दुल्ला द्वितीय, देश के राजा की देखरेख में आयोजित कियया जाऐगा, अम्मान के सिलसिले में दस्तावेजी फ़िल्में प्रसारित की जाएंगी।
Tuwaijri भी इस समारोह के उद्घाटन में भाषण करेंगे।
अम्मान ने अरबी देशों कके बीच इस्लामी दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी के झंडे को कुवैत से हासिल कियया और पिछले सांस्कृतिक राजधानियों के सफल अनुभवों से इस कार्यक्रम के आयोजन में लाभ लेग।
वर्ष 2017 में सूडान का Sennar शहर भी, इस्लामी देशों की संस्कृति मंत्रियों के दसवें सम्मेलन की मेजबानी के अवसर पर अम्मान के साथ, अरबी देशों में इस्लामी दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में नामित किया गया था।
इसी तरह मशहद शहर, गैर अरब एशियाई देशों में इस्लामी दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी और अफ्रीकी देशों के बीच युगांडा की राजधानी कंपाला भी इस्लामी दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी है।
बाकू में ISESCO के 2010 सत्र के दौरान ISESCO द्वारा 2015 से 2025 तक इस्लामी दुनिया की सांस्कृतिक राजधानियों का चयन किया गया था।
इन शहरों में से प्रत्येक कोशिश करता है कि इन वर्षों में इस्लामी विरासत के पुनरुद्धार और विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के साथ अपनी इस्लामी संस्कृति का परिचय कराऐ।
2025 तक इस्लामी संस्कृति की राजधानियों को देखने के लिए यहां क्लिक करें।
हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम का शुभ जन्म दिवस।
सदियों से मनुष्य उस दिन की प्रतीक्षा कर रहा है जिस दिन का उससे वाद किया गया है और उस सरकार की प्रतीक्षा में नज़रें बिछाए हुए है और एक एक पल गिन रहा है जो पूरी दुनिया में न्याय की स्थापना कर दे। इसी मध्य शिया मत पर आस्था रखने वाले पैग़म्बरे इस्लाम और उनके परिजनो के अनुयाई, अंतिम मोक्षदाता के रूप में हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के जन्म दिन और उनके प्रकट होने पर विश्वास रखते हैं और उनका मानना है कि यह ईश्वर और बंदों के मध्य संपर्क का साधन है। लोगों का यह मानना है कि उनके दिल, प्रतीक्षा की प्यास बुझाने का प्रयास कर रहे हैं और पैग़म्बरे इस्लाम के परिजनों के अनुयायी, शाबान की 15 तारीख़ को या हर शुक्रवार को हज़रत महदी के प्रकट होने की प्रतीक्षा में नज़रे बिछाए रहते हैं ताकि उनसे अपनी आज्ञा पालन की प्रतिबद्धता दोहरा सकें और उनकी बैयत कर सकें।
वह पैग्मबरे इस्लाम के परिजन हैं, हज़रत आदम की भांति ईश्वर के ख़लीफ़ा और उतराधिकारी हैं। हज़रत नूह की भांति लोगों को मुक्ति की नौका तक पहुंचाएंगे, हज़रत मूसा की भांति, उनका जन्म भी गोपनीय था, हज़रत इब्राहीम की भांति उनके आने की शुभ सूचना दे दी गयी थी, इस्माईल की भांति, फ़रिश्ते उनकी सहायता को आते हैं, याक़ूब की भांति, प्रतीक्षा में हैं, यूसुफ़ की भांति, दुनिया के सबसे सुन्दर व्यक्ति हैं, हज़रत सुलमान की भांति उनका राज पूरी दुनिया पर होगा, हज़रत अय्यूब की भांति धैर्य के स्वामी हैं, हज़रत ईसा की भांति, पालने में बातें करते हैं, उनका नाम और उनका उपनाप पैग़म्बरे इस्लाम के नाम और उपनाम पर है, वह पैग़म्बरे इस्लाम से बोल चाल और व्यवहार में बहुत अधिक मिलते हैं, ईश्वर का अंतिम तर्क हैं, वह वही महदी हैं जिनके बारे में वादा किया गया है।
हज़रत इमाम महदी धरती पर ईश्वर के अंतिम ख़लीफ़ा और उतराधिकारी हैं। उनका जन्म 15 शाबान, जुमे के दिन, सुबह के समय, 255 या 256 हिजरी क़मरी में सामर्रा शहर में हुआ। जब उनका जन्म हुआ तो उस समय का शासक मोअतमिद अब्बासी था। उनका नाम मुहम्मद और उनकी उपाधि अबुल क़ासिम है। उनका जीवन तीन कालों में विभाजित है। पहला काल जन्म से 260 हिजरी क़मरी तक जिसमें उनके पिता हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम की शहादत हुई, दूसरा काल 260 से 329 हिजरी क़मरी तक है जिसमें वह दूसरों की नज़रों से ओझल रहे और केवल कुछ लोगों के माध्यम से ही जनता के संपर्क में थे, इस काल को ग़ैबते स़ुग़रा का नाम दिया गया, तीसरा काल वह पूरी तरह लोगों की नज़रों से ओझल हो गये जिसे ग़ैबते कुबरा का नाम दिया जाता है। यह काल 329 हिजरी क़मरी से आरंभ हुआ और अब तक तक जारी है और ईश्वर जबतक भलाई देखेगा तब तक इस काल को जारी रखेगा।
अहमद बिन इस्हाक़ क़ुम्मी का कहना है कि मैं इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम के पास गया, मैं उनसे पूछना चाहता था कि आपका उतराधिकारी कौन है? मेरे सवाल पूछने से पहले ही इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि हे अहमद, ईश्वर ने हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के जन्म के समय से अब तक धरती को अपने तर्क और उतराधिकारी से ख़ाली नहीं रखा, यह क्रम प्रलय तक जारी रहेगा ताकि उसके माध्यम से धरतीवासियों की समस्याएं दूर रहें और वर्षा होती रहे और धरती अपनी विभूतियां निकालती रहें। मैंने उनसे पूछा कि हे पैग़म्बरे इस्लाम के सुपुत्र, आपके बाद इमाम और उतराधिकारी कौन हैं? तभी इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम अपनी जगह से उठ खड़े हुए और कमरे से बाहर निकल गये, उसके बाद उन्होंने एक सुन्दर से बच्चे को अपनी गोद में उठा लिया जिसकी उम्र तीन वर्ष से अधिक न थी, उस बच्चे का चेहरा चौदहवीं के चांद की भांति चमक रहा था, इमाम ने कहाः हे अहमद बिन इस्हाक़, यदि ईश्वर और ईश्वरीय तर्क के निकट तुम्हारा स्थान और प्रतिष्ठा न होती तो मैं कभी भी अपने पुत्र को तुम्हें न दिखाता। उसका नाम और उसकी उपाधि पैग़म्बरे इस्लाम के नाम और उपाधि पर है, जब धरती अन्याय और अत्याचार से भर चुकी होगी तब वह धरती को न्याय और इंसाफ़ से भर देगा।
पूरी दुनिया में न्याय की स्थापना और अत्याचार, अन्याय और भेदभाव को समाप्त करना, इमाम महदी अलैहिस्सलाम की सरकार के मुख्य लक्ष्यों में से है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि में जिसकी अधिकतर हदीसे सुन्नी मुसलमानों के हवाले से आईं हैं, स्पष्ट किया गया है, यहां तक कि इन रिवायतों में न्याय की स्थापना और उसके क्रियान्वयन तक एकेश्वरवादी का निमंत्रण देने के साथ अनेकेश्वरवाद और कुफ़्र से संघर्ष पर भी बल नहीं दिया गया है। हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के हवाले से आया है कि हज़रत महदी अलैहिस्सलाम के हवाले से ईश्वर धरती को हर प्रकार के अत्याचार से पाक कर देगा और फिर किसी की अत्याचार करने का साहस ही पैदा नहीं हो पाएगा।
फ़्रांसीसी इतिहासकार गोस्टाव लोबोन का कहना है कि मानवता के सबसे बड़े सेवक वह लोग जिन्होंने मनुष्यों में आशा की किरणें जगा रखी हैं। हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के प्रकट होने की प्रतीक्षा और आशा, भविष्य में मार्ग खोलने के अतिरिक्त ऊर्जावान और शक्ति प्रदान करने वाला है, लोगों को टिकाऊ शक्ति प्रदान कर सकता है, उनकी शक्ति व ऊर्जा को एकत्रित कर सकता है और एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के हवाले कर सकता है, अत्याचार सहन करने तथा विनाश से रोक सकता है ताकि इमाम महदी के प्रकट होने का समय निकट आ जाए। महदी मौऊद, ईश्वरीय न्याय, सत्य की शक्ति और दया का प्रतीक है और जो लोग इस ईश्वरीय कृपा और दया की छत्रछाया में आने में सफल हो गये, वह ईश्वर के निकट अधिक कृपा के पात्र बनेंगे क्योंकि इमाम महदी से दिली लगाव, उन पर ध्यान और उनसे लगाव के कारण, मनुष्य की आत्मिक व अध्यात्मिक विकास और प्रगति होगी। इमाम महदी अलैहिस्लाम पर ईमान और आस्था, कभी भी दूसरों के सामने नतमस्तक होने नहीं देती और जो राष्ट्र पूरी शक्ति के साथ हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम पर आस्था रख लेगा वह कभी भी दुश्मन से भयभीत नहीं हो सकता।
हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम की सरकार की महत्वपूर्ण उपबल्धियों में सार्वजनिक कल्याण व सुख है। पूरे मानव इतिहास में इस सफलता को प्राप्त करने के लिए बहुत अधिक प्रयास किए गये और कभी कभी तो बहुत से अधिकारों का हनन तक किया गया किन्तु कभी भी वास्तविक सुख और शांति प्राप्त नहीं की जा सकी। सार्वजनिक कल्याण, मनुष्य के वैचारिक व आत्मिक विकास की भूमिका प्रशस्त करता है। पैग़म्बरे इस्लाम (स) इस बारे में कहते हैं कि जब मुसलमानों के बीच महदी अलैहिस्सलाम आंदोलन करेंगे, उनके काल में लोग विभिन्न प्रकार की विभूतियां प्राप्त करेंगे जो किसी भी काल में नहीं प्राप्त की थीं, आसमान उन पर अपनी वर्षा करेगा और ज़मीन अपनी विभूतियां उन पर ज़ाहिर करेगी।
आज विज्ञान और तकनीक बहुत ही तेज़ी से प्रगति कर रही है और मनुष्य हर दिन प्रगति और विकास के नये द्वार खोल रहा है। इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम का कहना है कि ईश्वरीय पैग़म्बरों ने वह समस्त चीज़ें जो मनुष्यों के सामने पेश की हैं, वह ज्ञान के 27 भागों में से केवल 2 भाग है और मनुष्य हज़रत आदम की सृष्टि से लेकर अब तक केवल ज्ञान के दो ही भागों से परिचित हो सकें हैं, जब हमारा क़ाएम उठ खड़ होगा तो उस समय लोगों पर ज्ञान के 25 भाग स्पष्ट होंगे। और वह उन्हें विस्तृत करेगा।
इस आधार दुनिया में ज्ञान व विज्ञान का विकास और उसे फैलाना, हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम की सरकार की उपलब्धियों में है। महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रगतियां और इसी प्रकार बहुत से विकास कार्यक्रम, हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के प्रकट होने के काल से व्यवहारिक होने लगेंगे और इसके मुक़ाबले में हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के काल में विज्ञान का स्थान बहुत ही तुच्छ हो जाएगा। उस समय पुरी दुनिया में हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम की सरकार की स्थापना होगी और पूरी दुनिया में ईश्वरीय शिक्षा का राज होगा।
हज़रत अली इब्ने अबी तालिब अलैहिस्सलाम का कहना है कि जब इमाम महदी आंदोलन करेंगे तब दुश्मनी और द्वेष दिलों से साफ़ हो जाएंगे और वह एक पूरी शांति और चैन के साथ भरपूर मुहब्बत से एक दूसरे के साथ जीवन व्यतीत करेंगे। हज़रत इमाम महदी समस्त ईश्वरीय दूतों के भांती हैं जो आएंगे और ईश्वरीय समाज की स्थापना के मार्ग में अंतिम क़दम बढ़ाएंगे। वह ऐसा समाज होगा जिसमें ईश्वरीय बंदे सम्मानीय और दुश्वर के दुश्मन अपमानित होंगे, ऐसा समाज होगा जिसमें ईश्वरीय क़ानून चलेगा और इस प्रकार इमाम महदी अलैहिस्सलाम दुनिया के सामने प्रकट होकर अपनी उमंगों वाले समाज की स्थापना करेंगे। सूरए नूर की आयत संख्या 55 में ईश्वर कहता है कि अल्लाह ने तुम में से ईमान वालों और नेक काम करने वालों से वादा किया है कि उन्हें धरती में इस प्रकार अपना ख़लीफ़ा बनाएगा जिस प्रकार पहले वालों को बनाया है और उनके लिए उस धर्म को विजयी बनाएगा जिसे उनके लिए पसंदीदा बताया गया है और उनके भय को शांति से परिवर्तित कर देगा कि वह सब केवल मेरी उपासना करेंगे और किसी प्रकार का अनेकेश्वरवाद नहीं करेंगे और उसके बाद भी कोई काफ़िर हो जाए तो वास्तव में वही लोग बुरे व्यवहार वाले और अधर्मी हैं। पैग़म्बरे इस्लाम (स) का कहना है कि यदि दुनिया की आयु केवल एक ही दिन बाक़ी रहे तो ईश्वर उस दिन को इतना अधिक लंबा कर देगा ताकि मेरी जाति का कोई व्यक्ति जिसका नाम मेरे नाम पर है और जिसकी उपाधि मेरी उपाधि होगी, प्रकट होगा और दुनिया को न्याय से भर देगा जबकि दुनिया अत्याचार और अन्याय से भर चुकी होगी।