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शाम पर क़ब्ज़ा जमाने वाले हथियारबंद गिरोहों के सरगना जौलानी ने इज़राईली द्वारा शाम पर किए गए हमलों के जवाब में कहा है कि हमारा असली मसला हिज़बुल्लाह और बशार अलअसद की सरकार के बचे हुए तत्व से हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार , सीरिया पर कब्जा जमाए हथियारबंद गिरोहों के सरगना ने सियोनी सरकार के हमलों पर कहा है कि हमारा असली मसला हिज़बुल्लाह और बशर अलअसद सरकार के बचे हुए तत्व से हैं।

अलजज़ीरा के अनुसार, दमिश्क पर कब्जा जमाने वाले हथियारबंद गिरोह तहरीर अलशाम के सरगना अबू मोहम्मद अलजोलानी ने कहा है कि शामी जनता ने वर्षों तक जंग झेली है जिसकी वजह से लोग थक चुके हैं और देश अब किसी नई जंग के लिए तैयार नहीं है।

उन्होंने एक अमेरिकी चैनल को इंटरव्यू देते हुए कहा कि इज़राइल सरकार ने शाम पर हमला करके सरहदों का उल्लंघन किया है।

तहरीर अलशाम के नेता जोलानी ने कहा कि शाम का असली मसला इज़राईली सरकार नहीं, बल्कि हिज़बुल्लाह और बशर अलअसद सरकार के तत्व हैं इन्हें खत्म करना ही समस्या का हल है।

जौलानी ने यह भी कहा कि जल्द ही शाम का पुनर्निर्माण किया जाएगा और इस सिलसिले में बाहरी देशों को भरोसे में लिया जा रहा है।

उन्होंने यह भी दावा किया कि तहरीर अलशाम के बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताएं आधारहीन हैं उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही देश में स्थिरता लाई जाएगी।

 

 

 

 

 

लेबनानी सैन्य सूत्रों ने कहा कि लेबनान ने इज़राइल के साथ युद्धविराम के कार्यान्वयन की तैयारी के लिए देश के दक्षिणी हिस्से की ओर अपनी सेनाएँ और बढ़ा दी है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, लेबनानी सेना ने लगभग 6,000 सैनिकों और सैकड़ों बख्तरबंद सैन्य वाहनों की तैनाती पूरी कर ली है।उन्होंने कहा यह बल लितानी नदी के दक्षिण में कई सैन्य बैरकों में प्रारंभिक चरण के रूप में एकत्र हो रहे हैं और मार्जेयुन, नबातीह, बिंट जेबील, टायर और ज़हरानी जिलों में फैल गए हैं।

नबातीह शहर के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने मंगलवार दोपहर 50 से अधिक जीपों और बख्तरबंद गाड़ियों के लेबनानी सेना के काफिले को दक्षिणी सीमा की ओर जाते देखा।

दक्षिणी लेबनान के पूर्व में क़ला शहर में कई निवासियों ने बताया कि मंगलवार दोपहर को लगभग 30 बख्तरबंद वाहनों की एक लेबनानी सेना इकाई के लिए दक्षिण-पूर्वी सीमा से सटे मार्जेयुन शहर में बैरक की ओर जाते हुए एक विशाल स्वागत समारोह आयोजित किया गया था।

समझौते में शत्रुता की 60 दिनों की समाप्ति का प्रावधान है जिसमें लेबनानी सेना ने इजरायली बलों की क्रमिक वापसी और आतंकवादियों के सफाए के बाद दक्षिणी सीमा क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है।

 

 

 

 

 

इसराइली सेना गोलान हाइट्स की सरहद से भी आगे निकल गया हैं एसओएचआर का कहना है कि उसने रविवार को असद शासन के पतन के बाद से इसराइली रक्षा बलों के 310 से अधिक हमले दर्ज किए हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार ,इसराइली सेना गोलान हाइट्स की सरहद से भी आगे निकल गए हैं ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स (एसओएचआर) का कहना है कि उसने रविवार को असद शासन के पतन के बाद से इसराइली रक्षा बलों (आईडीएफ) के 310 से अधिक हमले दर्ज किए हैं।

इन हमलों के निशाने पर उत्तर में अलेप्पो से लेकर दक्षिण में दमिश्क तक सीरिया के सेना के अहम ठिकाने हैं इनमें हथियारों के गोदाम, गोला बरूद डिपो, हवाई अड्डे, नौसैनिक अड्डे और रिसर्च सेंटर शामिल हैं।

एसओएचआर के संस्थापक रामी अब्दुल रहमान ने कहा है कि ये हमले ने "सीरियाई सेना की सभी क्षमताओं" को नष्ट कर रहे हैं उन्होंने इसे सीरिया के अधिकारों का उल्लंघन बताया है।

 

 

 

 

 

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन हमीद शहरीयारी ने सीरिया में हालिया इज़राईली हमलों के बाद उलेमा-ए-इस्लाम के नाम एक महत्वपूर्ण संदेश जारी किया है, उन्होंने इन इज़राइली आक्रमणों को सभी मुसलमानों और अरबों के खिलाफ हमला करार दिया और तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार,हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन हमीद शहरीयारी ने सीरिया में हालिया इज़राईली हमलों के बाद उलेमा-ए-इस्लाम के नाम एक महत्वपूर्ण संदेश जारी किया है, उन्होंने इन इज़राइली आक्रमणों को सभी मुसलमानों और अरबों के खिलाफ हमला करार दिया और तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया हैं।

हामिद शहरीयारी ने अपने संदेश में कहा कि सीरियाई सरकार को लेकर भले ही अलग अलग विचार हो सकते हैं लेकिन यह स्पष्ट है कि सीरियाई जनता ने अपनी गरिमा और सम्मान की रक्षा में सियानी आक्रमण के खिलाफ अनगिनत कुर्बानियां दी हैं।

उन्होंने कहा कि सियानियों ने दशकों से सीरिया के खिलाफ साजिशें रचीं, लेकिन सीरियाई जनता के प्रतिरोध और उनके समर्थकों के प्रयासों ने इन योजनाओं को नाकाम कर दिया।

उन्होंने आगे कहा कि इज़राइल ने सीरिया के खिलाफ सैन्य, आर्थिक और खुफिया हमले किए, लेकिन सीरियाई जनता ने अपनी जागरूकता और रणनीति से इन साजिशों को नाकाम कर दिया। आज इज़राइल बदले की आड़ में सीरिया के महत्वपूर्ण ढांचों, बुनियादी सुविधाओं और संसाधनों को निशाना बना रहा है, ताकि उसे कमजोर और असहाय बना सके।

हुज्जतुल इस्लाम शहरीयारी ने सभी मुस्लिम विद्वानों, विचारकों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि सियानी आक्रमण के खिलाफ एकजुटता आज के समय की अहम जरूरत है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि सीरिया पर हमला केवल एक देश पर हमला नहीं है, बल्कि यह पूरे मुस्लिम समुदाय पर हमला है सभी स्वतंत्र राष्ट्रों को इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि इज़राइल का उद्देश्य मध्य पूर्व में अपने पुराने एजेंडे को लागू करना है और मुस्लिमों को विभाजित करने के लिए सांप्रदायिक और जातीय भेदभाव को बढ़ावा देना चाहता है।

 

अंत में उन्होंने जोर देकर कहा कि सियानी अन्याय और अत्याचार का मुकाबला केवल प्रतिरोध और एकता के माध्यम से संभव है। मुसलमानों को मिलकर अपने साझा दुश्मन का सामना करना होगा।

अपने संदेश के समापन में उन्होंने एक कुरआनी आयत उद्धृत की:

إِنَّهُمْ یَرَوْنَهُ بَعِیدا وَ نَرَاهُ قَرِیبا "

वे इसे दूर समझते हैं लेकिन हम इसे करीब देखते हैं।उन्होंने आशा व्यक्त की कि अल्लाह के आदेश से जल्द ही स्वतंत्रता और न्याय का सूरज उगेगा।

 

 

 

 

 

अज़रबैजान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर मौजूदा संकट के बीच सीरिया की शांति और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की और मानवीय सहायता का भी वादा किया है।

एक रिपोर्ट के अनुसार ,अज़रबैजान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर मौजूदा संकट के बीच सीरिया की शांति और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की और मानवीय सहायता का भी वादा किया है।

बयान में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि अज़रबैजान सीरिया में विकास की बारीकी से निगरानी कर रहा है तुर्की के साथ परामर्श कर रहा है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, इसमें बशर अलअसद शासन के पतन के बाद सीरिया में शांति और स्थिरता बहाल करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया गया और सीरियाई लोगों की इच्छा के अनुरूप आंतरिक राजनीतिक बातचीत के माध्यम से संघर्ष को हल करने के महत्व पर जोर दिया गया।

अज़रबैजान ने सीरिया की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिए अपना अटूट समर्थन दोहराया। मंत्रालय ने सीरियाई लोगों के सामने आने वाली मानवीय चुनौतियों से निपटने में तुर्की और अन्य समान विचारधारा वाले देशों के साथ समन्वय में सहायता करने की तत्परता भी व्यक्त की।

इससे पहले उसी दिन अज़रबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने टेलीफोन पर बातचीत की जिसमें सीरिया में चल रही स्थिति सहित क्षेत्रीय मामलों पर चर्चा की गई।

दोनों नेताओं ने सीरिया की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिए अपना समर्थन दोहराया अलीयेव ने विश्वास व्यक्त किया कि तुर्की के निरंतर समर्थन से सीरिया में स्थिरता हासिल की जा सकती है।

 

 

 

 

 

अय्याम-ए-फातिमिया की अवसर पर मस्जिद पंजेतनी तारगढ़ अजमेर में आयोजित मजलिस-ए-अज़ा में इमाम जुमा तारगढ़ अजमेर मौलाना सैयद नकी महदी ज़ैदी ने हज़रत फातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलेहा के गुणों को बताया।

मौलाना नकी महदी ज़ैदी ने कहा कि हज़रत फातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलेहा सिर्फ़ रसूल अक़रम सल्लल्लाहो अलेहे व आलेही वसल्लम की बेटी होने के कारण ही नहीं, बल्कि उनकी शख्सियत, उनका चरित्र और उनका ईमान भी अद्वितीय है। उनकी शख्सियत इतनी महान है कि इंसानी समझ से परे है।

उन्होंने यह भी कहा कि इमाम जाफ़र सादिक़ अलेहिस्सलाम का कहना है: "फातिमा शब-ए-क़दर का रहस्य हैं, जो फातिमा को सही तरीके से समझेगा, वह शब-ए-क़दर को समझ पाएगा।" इसका मतलब है कि हज़रत फातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलेहा की शख्सियत इतनी महान है कि जो उन्हें समझेगा, वह शब-ए-क़दर को समझ पाएगा।

मौलाना नकी महदी ज़ैदी ने आगे कहा कि हज़रत फातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलेहा का स्थान अल्लाह के नज़दीक बहुत ऊँचा है। इमाम जाफ़र सादिक़ अलेहिस्सलाम से एक हदीस है कि अल्लाह के पास हज़रत फातिमा के नौ नाम हैं। यह बीबी इतनी महान हैं कि रसूल खुदा और मौला अली उन्हें अपने लिए सबसे बेहतरीन सहायक मानते थे।

मौलाना ने कहा कि हज़रत फातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलेहा अल्लाह की दी हुई एक ऐसी अनमोल नेमत हैं जो हमेशा के लिए दुनिया भर के लोगों के लिए एक आदर्श बनी रहेंगी।

उन्होंने कहा कि सूर ए क़द्र और सूरह कौसर जैसी आयतें हज़रत फातिमा ज़हरा के गुणों का स्पष्ट प्रमाण हैं। हमें चाहिए कि हम हज़रत फातिमा ज़हरा (स) को अपने जीवन में आदर्श के रूप में अपनाएं।

अंत में मौलाना नकी महदी ज़ैदी ने हज़रत फातिमा ज़हरा के मसाइब बयान किये, जिसे सुनकर लोग बहुत रोए। मजलिस के अंत में हज़रत फातिमा ज़हरा का ज़ियारत-नामा पढ़ा गया।

हज़रत ज़हेरा स.अ. का जीवन केवल मुसलमान औरतों के लिए नहीं,बल्कि पूरी मानवता के लिए एक आदर्श है उनके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को समझने से यह पता चलता है कि एक महिला अपने जीवन के हर पहलू में उत्कृष्टता कैसे प्राप्त कर सकती है।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना शाहान हैदर खान कुम्मी ने खिताब फरमाया,हज़रत ज़हेरा स.अ. का जीवन केवल मुसलमान औरतों के लिए नहीं,बल्कि पूरी मानवता के लिए एक आदर्श है उनके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को समझने से यह पता चलता है कि एक महिला अपने जीवन के हर पहलू में उत्कृष्टता कैसे प्राप्त कर सकती है।

  1. इबादत में मिसाल,हज़रत फ़ातिमा ज़हेरा स.अ की इबादत इस कदर गहरी थी कि वे रातों को इबादत में मशगूल रहतीं उनकी दुआएं सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि पूरी उम्मत (समुदाय) के लिए होती थीं।

 

  1. पारिवारिक जीवन की मिसाल,एक बेटी के रूप में उन्होंने अपने वालिद हज़रत मुहम्मद स.अ.व का हर मुश्किल घड़ी में साथ दिया। उन्हें उम्म-ए-अबीहा (अपने पिता की मां) का लक़ब मिला क्योंकि वे अपने पिता के लिए मा जैसी मिसाल पेश किया।

एक पत्नी के रूप में: हज़रत अली अ.स के साथ उनका रिश्ता मुहब्बत और इज्जत पर आधारित था। उन्होंने अपने घर को सादगी और बरकत से आबाद रखा।

एक मां के रूप में,हज़रत ज़ैनब स.अ हज़रत हसन अ.स और हज़रत हुसैन (अ.स) की परवरिश उन्होंने इतनी खूबसूरती से की कि वे इस्लाम के लिए महान उदाहरण बने।

  1. सादगी और सब्र की मिसाल,हज़रत ज़हेरा स.अ का जीवन सादगी और मेहनत का प्रतीक था। वे अपने घर का सारा काम खुद करती थीं और हर मुश्किल को सब्र से सहन करती थीं।
  2. हक और इंसाफ़ की मिसाल,हज़रत ज़हेरा स.अ. ने हमेशा हक़ की आवाज़ बुलंद की। फिदक के मसले पर उनकी तकरीर इंसाफ़ के लिए उनके संघर्ष की बेहतरीन मिसाल है।
  3. खैरात और इंसानियत की मिसाल,हज़रत ज़हेरा स.अ जरूरतमंदों की मदद करने में सबसे आगे रहती थीं उनकी ज़िंदगी इस बात की तालीम देती है कि दूसरों की भलाई के लिए हमेशा आगे आना चाहिए।

हज़रत फ़ातिमा ज़हेरा स.अ.का जीवन यह सिखाता है कि एक औरत अपनी इबादत परिवार, समाज और अपने हक़ के प्रति ज़िम्मेदारियों को किस तरह बखूबी निभा सकती है उनकी तालीमात और जीवनशैली हर दौर की महिलाओं को अपनी जिंदगी बेहतर बनाने का रास्ता दिखाती हैं।

 

 

 

 

 

देश भर मे हिन्दुत्व के नाम पर जारी नफरती और आतंकी घटनाओं पर रोष प्रकट करते हुए जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और  PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती का बयान चर्चा मे बना हुआ है। इल्तिजा मुफ्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, "यह सब देखकर भगवान राम भी बेबसी और शर्म से सिर झुका लेंगे कि उनके नाम का इस्तेमाल करके नाबालिग मुस्लिम बच्चों को सिर्फ इसलिए चप्पलों से मारा जा रहा है क्योंकि उन्होंने राम का नाम लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने आगे लिखा कि 'हिंदुत्व' एक बीमारी है, जिसने लाखों भारतीयों को प्रभावित किया है और भगवान के नाम को कलंकित किया है।

हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा अलह़ाज ह़ाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी के बेटे ने केंद्रीय कार्यालय में हश्शुद शआबी के एक प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए उनसे खिताब किया।

हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा अलह़ाज ह़ाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी के बेटे ने केंद्रीय कार्यालय में हश्शुद शआबी के एक प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए उनसे खिताब किया।

केंद्रीय कार्यालय के निदेशक और अनवार-अल-नजफ़िया फाउंडेशन के प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम शेख अली नजफ़ी ने केंद्रीय कार्यालय नजफ़ अशरफ में हशद अलशाबी के वफद का स्वागत किया।उन्होंने मुजाहिदीन से अपने ख़िताब में दहशतगर्दों से इराक की फत्ह-ए-मुबीन तक उनकी जांफ़िशानियों और कुर्बानियों को सराहा।

उन्होंने इराक की खुदमुख्तारी और उसकी पाक सरज़मीन को नुकसान पहुंचाने की ताक में रहने वाले दुश्मनों के खिलाफ होशियार और सतर्क रहने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।

आपने इस बात पर ज़ोर दिया कि इराक का दिफ़ा वतन मज़हब और मुक़द्दसात के साथ-साथ इस अज़ीम मुल्क के अवाम का भी दिफ़ा है।

 

उन्होंने मरज ए आली क़द्र की दुआएं और सलाम उन तक पहुंचाया और बारगाह-ए-ख़ुदावंदी में दुआ की कि वह इराक को तमाम बुराइयों से महफूज़ रखे।

 

महिला धार्मिक मदरसो के संपादक ने सीरिया मे हुए तख्ता पलट का विश्लेषण किया है। हौज़ा उलमिया खावरान माज़ंदरान के संपादक, हुज्जतुल इस्लाम मोहम्मद जवाद क़ुमी ने "सीरिया मे हुए तख्ता पलट" शीर्षक से अपने लेख में लिखा है कि:

हालाँकि तकफ़ीरी तत्वों और आईएसआईएस के खिलाफ पहले युद्ध में इराकी और सीरियाई सरकार की हार के बाद, सीरिया में स्थिरता की दिशा में प्रक्रिया, एक तरफ अमेरिका, तुर्की और आईएसआईएस के शेष तत्वों की इदलिब में उपस्थिति दूसरी ओर दमिश्क में दिन-रात इजरायली हमले पूरे नहीं हो सके और देश को नई-नई दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन फिर भी बशर अल-असद के नेतृत्व में हिज्ब बाथ सरकार का अध्याय, जो कि आखिरी दीवार थी। ज़ायोनीवादियों और फ़िलिस्तीनी कब्ज़ेदारों के ख़िलाफ़ अरब सेना, रविवार की आधी रात को बंद किया हुआ। तहरीर अल-शाम और जबात अल-नुसरा नेता जोलानी के संदेश के साथ, सीरिया के अंतरिम प्रधान मंत्री ने अंतरिम अवधि के लिए पदभार संभाला।

सीरिया, लेबनान और इराक के बीच भूमि सीमाओं और इन देशों में सक्रिय तकफ़ीरी तत्वों के इतिहास को देखते हुए, इन दोनों देशों में भी सुरक्षा खतरों के लिए खतरे की घंटी सुनी जानी चाहिए, विशेष रूप से इस संदर्भ में कि सीरिया, इराक और लेबनान समर्थक हैं। विदेशी तत्व (तुर्की, अमेरिका और पश्चिमी झुकाव वाले राजनीतिक और सैन्य अधिकारी)।

अंत में, मैं राजनेताओं और अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक परिवर्तनों के लिए जिम्मेदार लोगों को संबोधित करते हुए यह याद दिलाना चाहूंगा कि शीत युद्ध के बाद पूर्वी ब्लॉक के नेता और समर्थक सोवियत संघ की शक्ति में गिरावट की प्रक्रिया लैटिन अमेरिका से शुरू हुई थी। पूर्वी यूरोप और मध्य एशिया में मित्र देशों से समर्थन वापस लेना।

यही वह बिंदु है जिस पर अमेरिकी विचारकों, विशेष रूप से चॉम्स्की ने चेतावनी दी थी कि इस्लामी जागृति के बाद मिस्र, यमन और ट्यूनीशिया जैसे इस्लामी देशों में समर्थकों को बनाए रखने में असमर्थता के कारण अमेरिकी शक्ति में गिरावट आ सकती है।

इसका परिणाम यह हुआ कि अरब देशों, विशेषकर सऊदी अरब ने संयुक्त राज्य अमेरिका से सुरक्षा खरीदने के बजाय, चीन पर भरोसा करके अपनी सुरक्षा बनाने की रणनीति अपनाई।

मेरा अनुरोध है कि हम सभी फिर से उन लोगों के भाग्य पर विचार करें जिन्होंने होस्नी मुबारक, मोर्सी, मंसूर हादी, मोसादेघ और बरजाम जैसे अमेरिका पर भरोसा किया था कि यूरोप भी अब अमेरिका और नाटो पर विश्वास के माध्यम से सुरक्षित रह सकता है स्थापित करने के लिए, लेकिन आंतरिक शक्ति पर निर्भरता को अपनी सुरक्षा नीति का हिस्सा बना रहा है। इसके लिए हमें विश्व राजनीति में एक शक्तिशाली खिलाड़ी बनने की आवश्यकता है, न कि दर्शक बनने की।

ईश्वर की इच्छा से, नेतृत्व की छाया में, यह क्रांति ईरानी-इस्लामी आधुनिक सभ्यता को प्राप्त करने के पथ पर आगे बढ़ती रहेगी।