हज़रत ज़हेरा स.अ. का जीवन केवल मुसलमान औरतों के लिए नहीं,बल्कि पूरी मानवता के लिए एक आदर्श है उनके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को समझने से यह पता चलता है कि एक महिला अपने जीवन के हर पहलू में उत्कृष्टता कैसे प्राप्त कर सकती है।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना शाहान हैदर खान कुम्मी ने खिताब फरमाया,हज़रत ज़हेरा स.अ. का जीवन केवल मुसलमान औरतों के लिए नहीं,बल्कि पूरी मानवता के लिए एक आदर्श है उनके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को समझने से यह पता चलता है कि एक महिला अपने जीवन के हर पहलू में उत्कृष्टता कैसे प्राप्त कर सकती है।
- इबादत में मिसाल,हज़रत फ़ातिमा ज़हेरा स.अ की इबादत इस कदर गहरी थी कि वे रातों को इबादत में मशगूल रहतीं उनकी दुआएं सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि पूरी उम्मत (समुदाय) के लिए होती थीं।
- पारिवारिक जीवन की मिसाल,एक बेटी के रूप में उन्होंने अपने वालिद हज़रत मुहम्मद स.अ.व का हर मुश्किल घड़ी में साथ दिया। उन्हें उम्म-ए-अबीहा (अपने पिता की मां) का लक़ब मिला क्योंकि वे अपने पिता के लिए मा जैसी मिसाल पेश किया।
एक पत्नी के रूप में: हज़रत अली अ.स के साथ उनका रिश्ता मुहब्बत और इज्जत पर आधारित था। उन्होंने अपने घर को सादगी और बरकत से आबाद रखा।
एक मां के रूप में,हज़रत ज़ैनब स.अ हज़रत हसन अ.स और हज़रत हुसैन (अ.स) की परवरिश उन्होंने इतनी खूबसूरती से की कि वे इस्लाम के लिए महान उदाहरण बने।
- सादगी और सब्र की मिसाल,हज़रत ज़हेरा स.अ का जीवन सादगी और मेहनत का प्रतीक था। वे अपने घर का सारा काम खुद करती थीं और हर मुश्किल को सब्र से सहन करती थीं।
- हक और इंसाफ़ की मिसाल,हज़रत ज़हेरा स.अ. ने हमेशा हक़ की आवाज़ बुलंद की। फिदक के मसले पर उनकी तकरीर इंसाफ़ के लिए उनके संघर्ष की बेहतरीन मिसाल है।
- खैरात और इंसानियत की मिसाल,हज़रत ज़हेरा स.अ जरूरतमंदों की मदद करने में सबसे आगे रहती थीं उनकी ज़िंदगी इस बात की तालीम देती है कि दूसरों की भलाई के लिए हमेशा आगे आना चाहिए।
हज़रत फ़ातिमा ज़हेरा स.अ.का जीवन यह सिखाता है कि एक औरत अपनी इबादत परिवार, समाज और अपने हक़ के प्रति ज़िम्मेदारियों को किस तरह बखूबी निभा सकती है उनकी तालीमात और जीवनशैली हर दौर की महिलाओं को अपनी जिंदगी बेहतर बनाने का रास्ता दिखाती हैं।