
رضوی
आयतुल्लाहिल उज़्मा शुबैरी ज़ंजानी का शोक संदेश
हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा ज़ंजानी के कार्यालय ने सय्यद हसन नसरुल्लाह की शहादत पर शोक व्यक्त किया और कहा: इस योद्धा और अथक व्यक्ति ने अपने जीवन के कई वर्ष स्वतंत्रता की राह में, दुष्ट ज़ायोनी शासन और उत्पीड़ितों के खिलाफ लड़ते हुए बिताए।
हिज़्बुल्लाह लेबनान के महासचिव की शहादत पर हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा शुबैरी ज़ंजानी के शोक संदेश का पाठ इस प्रकार है:
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम
वा सयअलमुल लज़ीना ज़लमू अय्या मुंक़लेबिन यंक़लेबून
लेबनान की पीड़ित और उत्पीड़ित जनता को खून मे लथपत करने और हिज़्बुल्लाह के महासचिव सय्यद हसन नसरुल्लाह और उनके कमांडरों की शहादत क्रूर और अत्याचारी सरकार के ज़ुल्म ने दिल को अत्यंत दुखी किया है।
इस योद्धा और अथक व्यक्तित्व के स्वामी ने अपने जीवन के कई वर्ष आज़ादी की लड़ाई, दुष्ट ज़ायोनी शासन के विरुद्ध संघर्ष और पीड़ित एवं उत्पीड़ित लोगों की सहायता और समर्थन में बिताये।
इस दर्दनाक आपदा के लिए अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए, हम अल्लाह तआला से दुआ करते हैं कि हजरत वली अस्र (अ) मोमेनीन को इन दुष्ट और इस्लाम विरोधी तत्वों की साजिशों से बचाएं और मुसलमानों को सम्मान और सहायता प्रदान करें।
24 रबी अल-अव्वल 1446 हिजरी
आयतुल्लाहिल उज़्मा शुबैरी ज़ंजानी का कार्यालय
सय्यद हसन नसरुल्लाह की शहादत पर आयतुल्लाह ख़ामेनेई का शोक संदेश
हिज़्बुल्लाह के महासचिव शहीद सय्यद हसन नसरुल्लाह की शहादत पर आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने शोक संदेश देते हुए देश भर में 5 दिन के शोक का ऐलान किया। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा कि अज़ीम मुजाहिद, प्रतिरोध के अलमदार, फ़ज़ीलतों वाले अलीम और राजनैतिक चिंतक सय्यद हसन नसरुल्लाह ने जामे शहादत नोश किया।
उन्होंने कहा कि मोहतरम सय्यद ने एक मुक़द्दस जंग में कई दशकों तक अल्लाह की राह में जिहाद करने का अज़ीम सिला पाया। वह उस समय शहीद हुए जब बैरुत के उप नगरों में बेघर लोगों, और उनके बिछड़े प्रियजनों की रक्षा के लीये रणनीति बना रहे थे। बिल्कुल वैसे ही जैसे वह कई दशकों से फिलिस्तीन की मज़लूम जनता की रक्षा के लिए रणनीति बनाते रहे जिनके शहरों और ज़मीनों पर क़ब्ज़ा किया गया और उनके प्यारों का क़त्लेआम किया गया। शहीद नसरुल्लाह उनके लिए लड़ रहे थे। इतनी मेहनत, संघर्ष और जिहाद का सिला और इनाम तो शहादत ही था।
इस्लामी दुनिया ने एक महान हस्ती और प्रतिरोधी मोर्चे ने एक अज़ीम अलमदार को खो दिया है जबकि हिज़्बुल्लाह एक बेमिसाल लीडर से वंचित हो गया लेकिन कई दशकों तक जारी रहे उनके जिहाद की बरकतें कभी खत्म नहीं होंगी।
उन्होंने लेबनान में जिस प्रतिरोध की बुनियाद रखी और उसे प्रतिरोध के दूसरे केंद्रों तक पहुँचाने में अहम् किरदार निभाया वह शहीद और उनके दूसरे साथियों की शहादत के साथ यही नहीं कि खत्म नहीं होंगी बल्कि और मज़बूत होगी। अतिक्रमणकारी अवैध राष्ट्र पर प्रतिरोधी मोर्चे के हमले और तेज़ होंगे। इस घटना के बाद भी इस्राएल को कामयाबी नहीं मिलेगी।
शहीद नसरुल्लाह सिर्फ एक हस्ती नहीं थे बल्कि वह एक विचारधारा और एक रास्ता थे जो जारी रहेगा। शहीद अब्बास मूसवी का ख़ून बर्बाद नहीं हुआ न ही सय्यद हसन नसरुल्लाह का ख़ून रायगां जाएगा।
उन्होंने कहा कि मैं शहीद सय्यद की पत्नी, जिन्होंने अपने बेटे सय्यद हादी को भी खुदा की राह में कुर्बान कर दिया, शहीद के बच्चों और इस घटना में शहीद होने वालों के परिवार, हिज़्बुल्लाह के प्रत्येक सदस्य को सय्यद नसरुल्लाह और उनके साथियों की शहादत पर लेबनान के प्रिय लोगों और उच्चाधिकारियों और सभी प्रतिरोधी मोर्चों और पूरी इस्लामी उम्मत को मुबारकबाद और तसलियत पेश करता हूँ।
मैं इस्लामी ईरान में पांच दिनों के सार्वजनिक शोक की घोषणा करता हूं। अल्लाह उन्हें अपने औलिया के साथ महशूर करे।
सय्यद अली ख़ामेनेई
28 सितंबर 2024
आयतुल्ला सैयद अली सिस्तानी का शोक संदेश
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली सिस्तानी ने हिज़बुल्लाह लेबनान के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह की महान शहादत पर गहरा दु:ख और शोक व्यक्त करते हुए एक शोक संदेश जारी किया है।
शिया मरजय इकराम हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली सिस्तानी ने सैयद हसन नसरुल्लाह के शहादत पर शोक संदेश जारी किया है।
शोक संदेश कुछ इस प्रकार है:
इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलाही राजी'उन
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
بسم اللہ الرحمن الرحیم
مِنَ الْمُؤْمِنِينَ رِجَالٌ صَدَقُوا مَا عَاهَدُوا اللَّهَ عَلَيْهِ فَمِنْهُمْ مَنْ قَضَى نَحْبَهُ وَمِنْهُمْ مَنْ يَنْتَظِرُ وَمَا بَدَّلُوا تَبْدِيلًا
बेहद दु:ख और अफसोस के साथ हमें हिज़्बुल्लाह लेबनान के महासचिव हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद हसन नसरुल्लाह और उनके कई साथी की शहादत की खबर मिली है। यर महान शहीद बेरूत के दक्षिणी इलाके में किए गए इस्राइली घातक हमले में दर्जनों मासूम नागरिकों के साथ शहीद हो गए।
यह महान शहीद हाल के दशकों में एक ऐसे बेमिसाल नेता थे जिन्होंने लेबनान की आज़ादी के लिए इस्राइली कब्ज़े के खिलाफ महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इसी तरह उन्होंने इराक़ी जनता को दाइश (ISIS) के आतंकवादियों के चंगुल से आज़ादी दिलाने के लिए अपनी पूरी ताकत से समर्थन किया और हमेशा ही निर्दोष फ़िलस्तीनियों की मदद के लिए एक शानदार रुख अपनाया,उन्होंने अपनी अमूल्य ज़िन्दगी इस पवित्र राह में कुर्बान कर दी।
हम इस महान मुसीबत और अपूरणीय क्षति पर लेबनानी जनता और अन्य पीड़ित कौमों को सांत्वना प्रकट करते हैं।
हम अल्लाह ताआला से दुआ करते हैं कि वह इस महान शहीद को अपनी विशाल दया और खुशी में सम्मिलित करे। और अल्लाह ताला से दुआ करते हैं कि शाहिद के परिवार वालों को सब्र आता करें
24 रबीउल-अव्वल 1446 हिजरी / 28 सितंबर 2024
दफ़्तर आयतुल्लाह सीस्तानी, नजफ अशरफ
मौलाना यासूब अब्बास ने हिज़्बुल्लाह के नेता सैयद हसन नसरल्लाह की हत्या की निंदा की
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने हिज़्बुल्लाह के नेता सैयद हसन नसरल्लाह की हत्या की कड़ी निंदा की है।
लखनऊ: ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (AISPLB) के राष्ट्रीय प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने हिज़्बुल्लाह के नेता सैयद हसन नसरल्लाह की हत्या की कड़ी निंदा की है।
मौलाना अब्बास ने एक बयान में नसरल्लाह को श्रद्धांजलि देते हुए, उनके उस महत्वपूर्ण योगदान को उजागर किया, जिसमें उन्होंने आईएसआईएस के हमलों के दौरान इमाम अली की बेटी हज़रत ज़ैनब के पवित्र दरगाह की रक्षा की थी।
मौलाना अब्बास ने नसरल्लाह को एक मजबूत शिया-मुस्लिम नेता बताया, जिन्होंने हमेशा फिलिस्तीन के उत्पीड़ित लोगों का इजरायली बलों के खिलाफ समर्थन किया।
उन्होंने नसरल्लाह की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए इसे मुस्लिम दुनिया के लिए एक बड़ी क्षति बताया और उनकी हत्या के लिए इजरायली बलों को जिम्मेदार ठहराया।
मौलाना ने संयुक्त राष्ट्र से इजरायल पर दबाव डालने का आग्रह किया, ताकि वह फिलिस्तीन और लेबनान के लोगों पर अपनी आक्रामकता को रोक सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि नसरल्लाह की मौत एक "अपूरणीय क्षति" है और दुनिया उन्हें उत्पीड़ित लोगों के हमदर्द के रूप में याद रखेगी।
हसन नसरुल्लाह की शहादत पर हज़रत मसूमा के हरम के गुम्बद पर काला परचम
हिज़्बुल्लाह लेबनान के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह की शहादत पर क़ुम अल मुकद्देसा में हज़रत फातिमा मसूमा स.ल.के हरम के गुम्बद पर काला परचम लगाया गया हैं।
हिज़्बुल्लाह लेबनान के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह की शहादत पर क़ुम अल मुकद्देसा में हज़रत फातिमा मसूमा स.ल.के हरम के गुम्बद पर काला परचम लगाया गया हैं।ताकि इस महान शहादत पर शोक और दुख का इज़हार किया जा सके।
आज नमाज़-ए-मगरिब और ईशा के बाद हरम के शबिस्तन-ए-इमाम ख़ुमैनी में लब्बैक या ख़ामनेई" के शीर्षक से एक सभा आयोजित की जाएगी जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे।
हिजबुल्लाह के महासचिव सय्यद हसन नसरल्लाह शहीदो मे शामिल
हिज़्बुल्लाह की ओर से जारी एक बयान में हिज़बुल्लाह के महासचिव सय्यद हसन नसरल्लाह की शहादत की पुष्टि कर दी गई है।
हिजबुल्लाह की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, कल बेरूत के बाहरी इलाके में इजरायली सरकार के आतंकी हमले में हिजबुल्लाह लेबनान के महासचिव सय्यद हसन नसरुल्लाह शहीद हो गए हैं। इन्ना लिल्लाहे व इन्ना इलैहे राजेऊन
हिज़्बुल्लाह द्वारा जारी बयान का पाठ इस प्रकार है:
हिजबुल्लाह की ओर से जारी बयान:
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम
"बस जो लोग आख़िरत के बदले में दुनिया की जिंदगी को लेते हैं, वो अल्लाह की राह में लड़े, और जो अल्लाह की राह में लड़े और मारा जाए या ग़ालिब आ जाए, तो हम उसे बड़ा अज्र देंगे।"
अल्लाह ने सच कहा है।
उसका उज़्मा, आक़ा, प्रतिरोध का मालिक, नेक बंदा, एक महान शहीद, एक बहादुर नेता, बुद्धिमान, अंतर्दृष्टिपूर्ण और वफादार मोमिन की हैसीयत से अपने रब की ओर और उस की रज़ा की ओर रवाना हुआ, पैगंबरों और शहीदों के नक्शेकदम पर आस्था की दिव्य यात्रा में शोहदा के लाफ़ानी कारवा मे सम्मिलित हो गया।
हिजबुल्लाह के महासचिव, सैय्यद हसन नसरल्लाह अमर शहीदों में शामिल हो गए हैं, जिनकी यात्रा का उन्होंने लगभग तीस वर्षों तक मार्गदर्शन किया, जिसके दौरान उन्होंने उन्हें जीत से जीत की ओर अग्रसर किया, 1992 मैं इस्लामी प्रतिरोध के शहीदों के गुरु का भी उत्तराधिकारी बना। 2000 में लेबनान की मुक्ति और दिव्यता से लेकर, 2006 में लगातार जीत और सम्मान और मुक्ति के लिए अन्य सभी लड़ाइयों तक, फिलिस्तीन, गाजा और उत्पीड़ित फिलिस्तीनी लोगों के लिए बहादुरी और समर्थन के युद्ध तक लड़ा।
हम ज़मान और मकान के मालिक, मुसलमानों के संरक्षक, हज़रत इमाम सय्यद अली खामेनेई, उच्च अधिकारियों, मुजाहिदीन, विश्वासियों, प्रतिरोधी राष्ट्र के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। और मुजाहिदीन लेबनानी लोग, संपूर्ण इस्लामी राष्ट्र, दुनिया के सभी स्वतंत्र और उत्पीड़ित लोग और उनके सम्माननीय और धैर्यवान परिवार और हम हिजबुल्लाह के महासचिव सैय्यद हसन नसरुल्लाह रिजवानुल्लाह को जेरूशलम का शहीद होने की हैसीयत से बधाई देते हैं। इमाम हुसैन (अ) का फ़रमान उन शहीदो के साथ पूरा हो जो उनके पवित्र उद्देश्य मे सम्मिलित हुए।
हिजबुल्लाह का नेतृत्व क़ुरबानी और शहादत के सफ़र मे सर्वोच्च, पवित्र और सबसे क़ीमती शहीद से प्रतिज्ञा करता है कि हम दुश्मन के खिलाफ जेहाद जारी रखेंगे, ग़ज़्ज़ा और फिलिस्तीन का समर्थन करने और लेबनान की रक्षा करेंगे ।
शनिवार 9/28/2024
24 रबी अल-अव्वल 1446 हिजरी
हम अपने हथियार तब तक नहीं रखेंगे जब तक इज़राइल का खत्मा ना हो जाए
क़ुम के इमाम ए जुमआ आयतुल्लाह सैयद मोहम्मद सईदी ने कहा कि हम कुरआन के हुक्म के मुताबिक, बच्चों के क़ातिल और ग़ासिब सरकार जैसे इज़राइल के पूरी तरह से खात्मे तक हम अपने हथियार ज़मीन पर नहीं रखेंगें।
एक रिपोर्ट के अनुसार, क़ुम अल मुकद्देसा के इमाम-ए-जुमा आयतुल्लाह सैयद मोहम्मद सईदी ने आज मस्जिद-ए-क़ुद्स क़ुम में जुमआ के ख़ुत्बे में हज़रत मसूमा स.ल. के क़ुम में आगमन की सालगिरह का ज़िक्र करते हुए कहा,हज़रत हज़रत मसूमा स.ल की हिजरत इस्लाम के इतिहास की अहम और सभ्यता-निर्माण करने वाली हिज़रतों में से एक है।
जिसके प्रभाव दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं और वैश्विक स्तर पर भी स्पष्ट हो रहे हैं।
उन्होंने कहा रिवायतों के अनुसार, हज़रत मसूमा स.ल द्वारा क़ुम का चयन बहुत ही सूक्ष्मता और योजना के तहत किया गया था और इस्लामी क्रांति भी इस हिजरत के परिणामों में से एक है।
क़ुम के इमाम ए जुमा ने कहा, क़ुम के लोग इज़राइल जैसी ग़ासिब और ज़ालिम हुकूमत के ख़िलाफ़ जद्दोजहद में सबसे आगे होंगे जैसे कि रिवायतों में आया है कि इमाम सादिक़ अ.स.
ने फ़रमाया:
کُنْتُ عِنْدَ أَبِی عَبْدِ اللَّهِ ع جَالِساً إِذْ قَرَأَ هَذِهِ الْآیَةَ فَإِذا جاءَ وَعْدُ أُولاهُما بَعَثْنا عَلَیْکُمْ عِباداً لَنا أُولِی بَأْسٍ شَدِیدٍ فَجاسُوا خِلالَ الدِّیارِ وَ کانَ وَعْداً مَفْعُولًا فَقُلْنَا جُعِلْنَا فِدَاکَ مَنْ هَؤُلَاءِ فَقَالَ ثَلَاثَ مَرَّاتٍ هُمْ وَ اللَّهِ أَهْلُ قُم.
इमाम सादिक़ अ.स.के पास बैठा था जब आपने यह आयत पढ़ी,जब पहले वादे का समय आया तो हमने अपने कुछ मज़बूत और ताक़तवर बंदों को तुम्हारे खिलाफ़ भेजा जो घरों में घुसकर तुम्हें ढूंढ निकालेंगे और यह वादा निश्चित रूप से पूरा होकर रहेगा। हमने पूछा:मौला, ये ताक़तवर लोग कौन हैं? इमाम अ. ने तीन बार फ़रमाया:कसम ख़ुदा की! यह लोग क़ुम के बाशिंदे हैं।
आयतुल्लाह सईदी ने कहा,आप लोगों को इस इलाही मिशन के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि साम्राज्यवादी ताकतें आपकी हैसियत और जिम्मेदारी से वाक़िफ़ हो चुकी हैं और इसी वजह से वे हिजाब, पवित्रता और अन्य साज़िशों के ज़रिए आपकी एकता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं।
उन्होंने कहा,रहबर-ए-मुअज़्ज़म-ए-इंक़िलाब ने दिफ़ा-ए-मक़द्दस के मौके पर फरमाया कि दिफ़ा-ए-मक़द्दस न सिर्फ़ मुल्क की हिफ़ाज़त के लिए था बल्कि यह दीन की हिफ़ाज़त और अल्लाह की राह में जिहाद था, जिसने इस्लाम को ज़िंदा किया और ईरानी क़ौम को इज़्ज़त दी।
आयतुल्लाह सईदी ने आगे कहा,कुछ अरब शासकों ने फिलिस्तीन की आज़ादी के लिए बातचीत का रास्ता अपनाने की कोशिश की, लेकिन इतिहास से यह साबित होता है कि बातचीत केवल इस्राइली सरकार की ग़ासिब ज़िंदगी को लंबा करने का एक ज़रिया थी।
इमाम ख़ुमैनी रह. ने भी हमेशा इस बात पर ज़ोर दिया कि फिलिस्तीन और क़ुद्स की आज़ादी का एकमात्र रास्ता केवल और केवल हथियारबंद जद्दोजहद और अल्लाह पर भरोसा है।
उन्होंने क़ुरान की आयत पडी
"قَٰتِلُوهُمۡ یُعَذِّبۡهُمُ ٱللَّهُ بِأَیۡدِیکُمۡ" का हवाला देते हुए कहा कि*"हम क़ुरान के हुक्म के मुताबिक़, इस्राइल के पूर्ण खात्मे तक अपने हथियार ज़मीन पर नहीं रखेंगे।"
सैयद नसरुल्लाह शहीद, हिज़्बुल्लाह का अहम बयान
लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह इस्राईल के पाश्विक हमले में शहीद हो गये।
"तो जो लोग दुनिया की ज़िंदगी का आख़ेरत से सौदा कर लेते हैं कि अल्लाह की राह में जंग करें और जो भी अल्लाह की राह में जंग करे और क़त्ल हो जाए या विजयी हो हम उसे बहुत बड़ा बदला देंगे।
" जनाब उस्ताद, रेज़िस्टेंस के सरदार, नेक इंसान ने महान शहीद, साहसी, दिलेर लीडर, अक़्लमंद दूरदर्शी मोमिन के तौर पर अल्लाह की बारगाह और उसकी रज़ामंदी की वादी की तरफ़ चल बसे और अमर शहीदों के कारवां से जुड़ गए।
हिज़्बुल्लाह लेबनान के महासचिव जनाब सैयद हसन नसरुल्लाह महान व अमर शहीदों में शामिल हो गए जो 30 साल उनके रास्ते पर चलते रहे और इस मुद्दत में उन्हें एक विजय से दूसरी विजय तक पहुंचाते रहे। सन 2000 में लेबनान की आज़ादी से लेकर 2006 की जंग में इलाही विजय तक, इसी तरह दूसरी गौरवपूर्ण जंगों से लेकर फ़िलिस्तीन, गाज़ा और मज़लूम फ़िलिस्तीनी अवाम के समर्थन तक।
हिज़्बुल्लाह का नेतृत्व, बलिदान और शहादत के मार्ग में अपने सर्वोच्च, पवित्रतम और सबसे अनमोल शहीद से यह वादा करता है कि हम दुश्मन के ख़िलाफ़ अपना जिहाद जारी रखेंगे और ग़ज़ा और फ़िलिस्तीन का समर्थन करेंगे और लेबनान की रक्षा करेंगे और इस देश के मज़बूत, शरीफ़ और सज्जन लोगों की हिमायत करते रहेंगे।
लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के बयान में आया है कि इस्लामी प्रतिरोध के बहादुर, साहसी और गौरान्वित मुजाहिदीन और जनता, आप शही हसन नसरुल्लाह की अमानत हैं और आप लोग उनके भाई हैं जो उनकी अजेय ढाल थे और उनके पवित्र विचार, भावना के साथ हमारे नेता की बहादुरी और आज़ाद का ताज थे। आप जीत तक वफादारी और प्रतिरोध और बलिदान का पालन करने की प्रतिज्ञा करें।
सूडान में अर्धसैनिक हमले में 8 की मौत 95 घायल
सूडान के उत्तरी दारफुर राज्य की राजधानी एल फशर में अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स के हमले में अब तक कम से कम आठ लोगों की मौत और 95 अन्य घायल हो गए हैं।
एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि पश्चिमी सूडान के उत्तरी दारफुर राज्य की राजधानी एल फशर में अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स आरएसएफ के हमले में कम से कम आठ लोग मारे गए और 95 अन्य घायल हो गए।
उत्तरी दारफुर राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक इब्राहिम खतिर ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी को बताया,आरएसएफ की गोलाबारी ने अल फशर के दक्षिण में सूक अलमवाशी बाजार को निशाना बनाया जहां नागरिकों की भीड़ थी।
10 मई के बाद से सूडानी सशस्त्र बलों और आरएसएफ के बीच एल फशर में भीषण झड़पें हुई हैं।
संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, एल फ़ैशर लगभग 1.5 मिलियन लोगों का घर है जिनमें से 800,000 आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्ति हैं।
15 अप्रैल, 2023 से सूडान SAF और RSF के बीच हिंसक संघर्ष में उलझा हुआ है मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के नवीनतम अनुमान के अनुसार संघर्ष के परिणामस्वरूप लगभग 20,000 मौतें, हजारों चोटें और लाखों लोगों का विस्थापन हुआ है।
लेबनान की हालिया घटनाओं पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का अहम संदेश
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह सैय्यद अली ख़ामेनेई ने लेबनान की हालिया घटनाओं के बारे में एक अहम संदेश जारी किया है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का संदेश इस प्रकार है: बिस्मिल्लाह अर्रहमान अर्रहीम लेबनान के निहत्थे लोगों के जनसंहार ने जहाँ एक बार फिर ज़ायोनी पागल कुत्ते की हैवानियत को सबके सामने स्पष्ट कर दिया है, वहीं इससे अवैध क़ब्ज़े वाली सरकार के शासकों की छोटी सोच और मूर्खतापूर्ण नीति भी साबित हो गई है।
ज़ायोनी शासन पर राज करने वाले आतंकी गैंग ने ग़ज़ा में साल भर से जारी अपने आपराधिक युद्ध से सीख नहीं ली और वह यह समझने में नाकाम रहा है कि महिलाओं, बच्चों और आम नागरिकों का जनसंहार रेज़िस्टेंस के मज़बूत ढाँचे पर न तो असर डाल सकता है और न ही उसे हरा सकता है।
अब ज़ायोनी वही मूर्खतापूर्ण नीति लेबनान में आज़मा रहे हैं। ज़ायोनी अपराधियों को मालूम होना चाहिए कि वे इससे कहीं तुच्छ हैं कि हिज़्बुल्लाह के मज़बूत ढाँचे को कोई अहम नुक़सान पहुँचा सकें। इलाक़े की सभी रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ हिज़्बुल्लाह के साथ और उसकी पीठ पर हैं। इस इलाक़े का भविष्य रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ निर्धारित करेंगी जिनमें सबसे ऊपर हिज़्बुल्लाह है।
लेबनान के लोग नहीं भूले हैं कि कभी क़ाबिज़ सरकार के सैनिक बैरूत तक दनदनाते फिरते थे, यह हिज़्बुल्लाह ही था जिसने उनके पैर काट दिए थे और लेबनान को प्रतिष्ठित और सरबुलंद बना दिया। आज भी लेबनान, अल्लाह की मदद और समर्थन से, आक्रामक, दुष्ट और कुख्यात दुश्मन को पछताने पर मजबूर कर देगा।
सभी मुसलमानों पर वाजिब है कि वे अपने संसाधनों के साथ लेबनान के लोगों और सरबुलंद हिज़्बुल्लाह के साथ खड़े हों और क़ाबिज़, ज़ालिम और दुष्ट सरकार से मुक़ाबले में उसकी मदद करें।
सलाम हो अल्लाह के नेक बंदों पर सैयद अली ख़ामेनेई
28 सितम्बर 2024