अगर युरोपीय देशों ने गारंटी नहीं दी तो परमाणु समझौता नहीं रहेगा , वरिष्ठ नेता

Rate this item
(0 votes)
अगर युरोपीय देशों ने गारंटी नहीं दी तो परमाणु समझौता नहीं रहेगा , वरिष्ठ नेता

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने कहा कि अमरीकी राष्ट्रपति ने पिछली रात मूर्खतापूर्ण बातें कीं, शायद उनकी बातों में दस झूठ थे, उन्होंने सरकार और जनता को धमकी भी दी।     

वरिष्ठ नेता ने कहा कि मैं, ईरान की जनता की ओर से कहता हूं कि श्रीमान ट्रम्प आप कुछ बिगाड़ नहीं सकते।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने बुधवार को " फरहंगियान विश्व विद्यालय " में शिक्षकों और छात्रों से एक भेंट में कहा कि हमने पहले ही कहा था कि ईरान के साथ अमरीका की समस्या, परमाणु ऊर्जा नहीं है बल्कि यह सब बहाने हैं, अब सब ने देख लिया , हमने जेसीपीओए को स्वीकार किया लेकिन इस्लामी गणतंत्र ईरान के साथ शत्रुता जारी है।

      वरिष्ठ नेता ने कहा कि अब इलाक़े में हमारी भूमिका और मिसाइल का मुद्दा उठाया जा रहा है अगर हम इसे भी स्वीकार करें तो भी समस्या खत्म नहीं होगी कोई दूसरा मुद्दा आरंभ कर दिया जाएगा ।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान का अमरीका की ओर से विरोध का कारण यह है कि अमरीका का पूरी तरह से वर्चस्व था और इस्लामी क्रांति ने उसके रोक दिया। अमरीकी अन्य देशों में एसे शासक चाहते हैं जिनके धन वह लें और जो उनके आदेशों का पालन करें। वह इस्लामी गणतंत्र ईरान को भी आदेश देना चाहते हैं, अतीत में वह आदेश देते रहे हैं लेकिन अब क्रांति के बाद अमरीकियों को यह ईरान सहन नहीं हो रहा है।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने कहा कि अमरीकी राष्ट्रपति का मूर्खतापूर्ण व आलोचनीय क़दम, हमारी आशा के विपरीत नहीं है, इस से पहले के राष्ट्रपतियों ने भी इस प्रकार के काम किये हैं, ईरानी राष्ट्र पूरी ताक़त से डटा हुआ है, वह सारे राष्ट्रपति मर चुके हैं , उनकी हड्डियां गल चुकी हैं  और इस्लामी गणतंत्र ईरान यथावत बाक़ी है। यह श्रीमान भी मिट्टी में मिल जाएंगे और उनके शरीर को सांप बिच्छु खा जाएंगे और इस्लामी गणतंत्र ईरान यथावत बाक़ी रहेगा।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि अब यह कहा जा रहा है कि तीन युरोपीय देशों के साथ समझौता जारी रहेगा, मुझे इन तीन देशों पर भी भरोसा नहीं, इन पर भी भरोसा न करें अगर समझौता करना है तो व्यवहारिक गांरटी लेंगे अन्यथा यह देश भी अमरीका वाला ही काम करेंगे। अगर इन देशों से गारंटी नहीं ले पाए तो फिर जेसीपीओए को जारी नहीं रखा जा सकता।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि देश के नेता कड़ी परीक्षा में हैं , राष्ट्रीय सम्मान व राष्ट्रीय हितों की सही अर्थों में सुरक्षा होनी चाहिए।

 

Read 1091 times