वाल स्ट्रीट जरनल ने इस बात से रहस्योद्घाटन किया है कि ज़ायोनी सरकार सीरिया में फ़ूट डालने का प्रयास कर रही है।
वाल स्ट्रीट जरनल ने एक रिपोर्ट में एलान किया है कि ज़ायोनी सरकार सीरिया में रहने वाले दुरूज़ियों को यह समझाने के प्रयास में है कि वे दमिश्क की नई सरकार को क़बूल न करें।
इस्ना के हवाले से बताया है कि इस रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ज़ायोनी सरकार अरबों डा᳴लर ख़र्च करने के लिए तैयार है और सुरक्षा विश्लेषकों के अनुसार इस काम से ज़ायोनी सरकार का लक्ष्य सीरिया में फ़ूट डालना और इस देश का विभाजन है।
वाल स्ट्रीट जरनल के अनुसार ज़ायोनी सरकार इसी प्रकार सीरिया में एक फ़ेडरल सरकार का गठन चाहती है और वह सरकार अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन से लगे सीरिया के दक्षिणी सीमावर्ती क्षेत्रों में हो और वह सरकार असैनिक हो।
इससे पहले ज़ायोनी सरकार के प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू ने भी दक्षिणी सीरिया को ग़ैर सैनिक व हथियार रहित बनाने की मांग की थी।
विश्लेषकों का मानना है कि ज़ायोनी सरकार सीरिया को कमज़ोर और विभाजित देखना चाहती है।
इस रिपोर्ट के आधार पर यह कठिन है कि दमिश्क के नये अधिकारी एक फ़ेडरल व्यवस्था को क़बूल करें मगर ज़ायोनी सरकार यथावत अपने प्रयासों को जारी रखे हुए है। बश्शार असद की सरकार को ख़त्म हुए तीन महीने का समय हो रहा है इस अवधि के दौरान ज़ायोनी सरकार ने सीरिया की समस्त आधारभूत सेवाओं, हथियारों और संसाधनों को तबाह कर दिया ताकि ये हथियार सीरिया के नये अधिकारियों के हाथों में न पड़ें।
इसी बीच सीरिया के कुछ क़बाएली नेता इस बात से चिंतित हैं कि इस्राईल सीरिया की अधिक ज़मीनों पर क़ब्ज़ा न कर ले। उनका कहना है कि ज़ायोनी सरकार ने इस समय सीरिया के क़ुनैतरा प्रांत पर क़ब्ज़ा कर लिया है जो अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन के सीमावर्ती तीन प्रांतों में से एक है।
यहां तक कि सीरिया के कुछ दुरूज़ी समाज के नेता भी इस बात से चिंतित हैं कि सीरिया में इस्राईल के जो लक्ष्य हैं वे सीरियाई लोगों के मध्य मतभेद, फ़ूट उत्पन्न होने और कई धड़ों व गुटों में बंट जाने के कारण बनेंगे और यह चीज़ सीरिया के समस्त सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव के व्याप्त होने का कारण बनेगी