यमन की सशस्त्र सेनाओं ने बेन गुरियन हवाई अड्डे और तेल अवीव पर बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन से हमला करके ज़ायोनी शासन को चौंका दिया।
यमन की सशस्त्र सेनाओं ने शुक्रवार को एक अभूतपूर्व सैन्य अभियान में तेल अवीव के निकट स्थित बेन गुरियन हवाई अड्डे को बैलिस्टिक मिसाइल से और तेल अवीव के एक महत्वपूर्ण ठिकाने को "याफ़ा" ड्रोन से निशाना बनाया।
यमन की सशस्त्र सेनाओं के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याह्या सरीअ ने एक बयान में कहा कि यह हमला ग़ज़ा में ज़ायोनी शासन द्वारा किए जा रहे अपराधों के जवाब में और फिलस्तीनी प्रतिरोध के समर्थन में किया गया है।
उनके अनुसार यमन की बैलेस्टिक मिसाइल ने सटीक रूप से अपने लक्ष्य को भेद किया और इस्राईली वायु सुरक्षा प्रणालियाँ, जिनमें अत्याधुनिक THAAD सिस्टम भी शामिल था, इस मिसाइल को रोकने में विफल रहीं।
यमन की सशस्त्र सेनाओं द्वारा लगभग 2000 किलोमीटर दूर से किये गये इस हमले में, बेन गुरियन एयरपोर्ट को लगभग एक घंटे के लिए बंद करना पड़ा और तेल अवीव तथा अधिग्रहित क्षेत्रों के 200 से अधिक स्थानों पर ख़तरे के सायरन बजने लगे।
ज़ायोनी मीडिया ने बताया कि लाखों लोग शरण स्थलों की ओर भागे, जिससे तेल अवीव में अफरा-तफ़री और अराजकता फैल गई। यमनी सूत्रों ने पुष्टि की है कि धमाकों की आवाज़ों का कारण दूरमार्गी मिसाइलें थीं और ज़ायोनी शासन अब इस हमले के आयामों की जांच कर रहा है।
इस बीच, यमन की राजधानी सना ने ज़ोर देकर कहा है कि वह इस्राईल के ख़िलाफ़ समुद्री और हवाई नाकाबंदी को जारी रखेगा और एयरलाइनों को चेतावनी दी है कि वे अधिग्रहित क्षेत्रों के लिए उड़ानें बंद कर दें। हमलों के बाद लुफ्थांसा एयरलाइंस ने 18 मई तक तेल अवीव की उड़ानें निलंबित कर दीं हैं।
इसी समय, सना के सबईन स्क्वायर पर लाखों यमनी नागरिकों ने एक विशाल रैली में भाग लिया और अमेरिका के हमलों के रुकने को "ईश्वरीय विजय" बताया। उन्होंने ग़ज़ा के समर्थन के साथ इस्राईल को हार की चेतावनी दी है। यह रैली ऐसे समय हुई जब ओमान की मध्यस्थता से यमन और अमेरिका के बीच युद्धविराम हुआ, लेकिन यमनी अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इस समझौते में इस्राईल के ख़िलाफ कार्यवाहियां शामिल नहीं हैं।
इसी मध्य ज़ायोनी सुरक्षा पत्रकार हिलेल बिटोन रोसेन ने इस हमले में THAAD रक्षा प्रणाली की विफलता को एक सप्ताह में दूसरी हार बताया जिससे यमन की मिसाइल क्षमताओं के सामने इस्राईल की रक्षा कमज़ोरी को लेकर चिंता बढ़ गई है।
ज़ायोनी शासन के पूर्व युद्ध मंत्री एविग्दोर लिबरमैन ने वर्तमान स्थिति को अविश्वसनीय है बताया और कहा कि एक साल और सात महीने हो चुके हैं और हर दिन लाखों इस्राइली बंकरों में भाग रहे हैं।
विपक्ष के नेता याइर लैपिड ने यमन के बुनियादी ढांचे पर तत्काल हमलों की मांग की और नेतन्याहू सरकार पर डर और निष्क्रियता का आरोप लगाया।
ज़ायोनी पत्रकार दोरोन कादोश ने भी हालिया अमेरिका-यमन युद्धविराम का ज़िक्र करते हुए इस हमले को इज़राइल के अकेले पड़ जाने का नतीजा बताया और लिखा कि हर मिसाइल जो दागी जाती है, वह इस्राईल की समस्या बन जाती है।