वाशिंग्टन की पुरानी चाल: चीन को ख़तरा बताकर देकर एशिया को ज़्यादा हथियार बेचना

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वाशिंग्टन की पुरानी चाल: चीन को ख़तरा बताकर देकर एशिया को ज़्यादा हथियार बेचना

अमेरिकी रक्षा मंत्री पिट हेगस्ट ने एशिया में हथियारों की बिक्री बढ़ाने के अपने देश के इरादे को ज़ाहिर करते हुए कहा है कि चीन के खतरों का सामना करने के लिए अमेरिका के एशियाई सहयोगियों को अपनी रक्षा और सैन्य खर्च बढ़ाना चाहिए।

पिट हेगस्ट ने शनिवार को चेतावनी दी कि चीन का ख़तरा वास्तविक और निकट भविष्य में हो सकता है। उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के सहयोगियों को अपनी रक्षा जरूरतों के लिए अधिक खर्च करने के लिए प्रोत्साहित किया।

 पहली बार सिंगापुर में आयोजित शांगरि-ला समिट में बोलते हुए हेगस्ट ने जोर देकर कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार के लिए प्राथमिकता वाला क्षेत्र है।

 चीन के खिलाफ अपने एक कड़े बयान में उन्होंने कहा: "इस ख़तरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की जरूरत नहीं है। चीन द्वारा उत्पन्न ख़तरा वास्तविक है और निकट भविष्य में हो सकता है।"

 उन्होंने आगे कहा कि चीन की ताइवान पर कब्ज़ा करने की कोई भी कोशिश हिंद-प्रशांत क्षेत्र और दुनिया के लिए विनाशकारी परिणाम लेकर आएगी।

 चीन ताइवान को अपनी भूमि का हिस्सा और अपना अंग मानता है और उसने वादा किया है कि जरूरत पड़ी तो बल का इस्तेमाल करके इस स्वायत्त द्वीप को "फिर से एकीकृत" करेगा। बीजिंग ने ताइवान के आस-पास युद्ध अभ्यासों की संख्या और तीव्रता भी बढ़ा दी है।

 ताइवान की सरकार बीजिंग के क्षेत्रीय दावों को अस्वीकार करती है और कहती है कि इस द्वीप के भविष्य के बारे में केवल इसके निवासी ही निर्णय ले सकते हैं।

 हेगस्ट ने कहा: "यह सभी के लिए स्पष्ट होना चाहिए कि बीजिंग विश्वसनीय रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य बल के संभावित इस्तेमाल की तैयारी कर रहा है ताकि शक्ति संतुलन को बदला जा सके।"

 उन्होंने इससे पहले यूरोपीय सहयोगियों की आलोचना की थी कि वे अपनी रक्षा के लिए अधिक खर्च नहीं कर रहे हैं। फरवरी में, उन्होंने ब्रसल्स में नाटो मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूरोप को चेतावनी दी थी कि अमेरिका के साथ मूर्खतापूर्ण व्यवहार न करें।

 इसी बीच, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां ने शुक्रवार को शांगरी-ला समिट में कहा कि हेगस्ट ने सही कहा है कि यूरोप को अपने रक्षा खर्च बढ़ाने चाहिए

 

अमेरिका ने भले ही 1979 में आधिकारिक तौर पर तीन संयुक्त घोषणाओं के तहत बीजिंग के साथ एक-चीन नीति को स्वीकार किया और ताइवान के साथ अपने राजनयिक संबंध तोड़ दिए, लेकिन हाल के वर्षों में अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने इस नीति के विपरीत कदम उठाए हैं। उन्होंने ताइवान को सैन्य हथियार बेचे हैं, राजनयिक संपर्क बढ़ाए हैं और इस द्वीप के साथ संबंधों का विकास कर रहे हैं।

 

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