ईरानी संसद के अध्यक्ष मोहम्मद क़ालीबाफ़ ने शहीद ग़ुलाम अली रशीद के परिवार से मुलाक़ात के दौरान इज़राईल शासन के ख़िलाफ़ सफलता में उनकी भूमिका की सराहना की।
ईरानी संसद के अध्यक्ष मोहम्मद क़ालीबाफ़ ने ख़ातमु अलअंबिया हेडक्वार्टर के पूर्व प्रमुख शहीद जनरल ग़ुलाम अली रशीद और उनके बेटे शहीद अब्बास रशीद को श्रद्धांजलि दी और इज़राइल के ख़िलाफ ऐतिहासिक प्रतिक्रिया को अभूतपूर्व बताया।
विस्तार से बताया गया कि क़ालीबाफ़ ने शहीद जनरल रशीद के घर पर उनके परिवार से मुलाक़ात कर शोक व्यक्त किया और कहा कि जिस तरह से 12 दिन के युद्ध में ज़ायोनी सरकार को जवाब दिया गया, वह उसके इतिहास में एक अनोखा मोड़ है।
इस तरह की हिम्मत और ऊर्जा किसी और देश में नहीं देखी गई। इस्लामी गणतंत्र ईरान ने साबित किया कि वह यह क्षमता रखता है। इन सभी कार्यवाहियों में शहीद जनरल रशीद की भूमिका प्रमुख और निर्णायक थी।
क़ालीबाफ़ ने शहीद जनरल रशीद के व्यक्तित्व को अद्वितीय बताया और कहा कि उनकी दूरदर्शिता, रणनीति, रचनात्मकता और साहसी नेतृत्व ने ईरान की सैन्य रणनीति को नई दिशा दी।
उनके अनुसार, शहीद जनरल रशीद न केवल युद्ध के मैदान के विशेषज्ञ थे, बल्कि बौद्धिक और संचालनात्मक स्तर पर भी एक दुर्लभ रत्न थे।
उन्होंने शहीद जनरल रशीद और उनके बेटे की शहादत के बाद परिवार के दुःख को गहरा सदमा बताया और दुआ की कि ईश्वर इस सब्र का सर्वोत्तम प्रतिफल प्रदान करे।
इस अवसर पर उन्होंने इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) की खुफिया शाखा के उप प्रमुख शहीद मेजर जनरल हसन मोहक्किक के घर जाकर उनके परिवार से भी मुलाक़ात की और उन्हें भी श्रद्धांजलि अर्पित की।