رضوی

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अपने शोक संदेश में जामेअतुज जहरा के निदेशक ने शहीद हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन सय्यद हसन नसरुल्लाह को एक मुजाहिद विद्वान के रूप में याद किया, जिन्होंने अपना धन्य जीवन फिलिस्तीन की विजय, उत्पीड़न, भ्रष्टाचार, कब्जे के खिलाफ संघर्ष में बिताया। आक्रामकता और उसने अपनी दृढ़ता और संरक्षकता के पुरस्कार के रूप में शहादत का जाम पी लिया।

शोक संदेश इस प्रकार है:

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम

इस महान और अथक मुजाहिदे मक़ावेमत और सर्वोच्च नेता के वफ़ादार साथी हुज्जुतल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन सैय्यद हसन नसरल्लाह की पृथ्वी पर सबसे दुष्ट और घृणित प्राणी के हाथो शहादत पर हज़रत बकियतुल्लाह, इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता और मराज ए तकलीद, विद्वान, प्रतिरोध पथ के अनुयायी, ईरान और लेबनान के लोग, दुनिया के सभी स्वतंत्रता चाहने वाले और उनके सम्मानित परिवार की सेवा में अपनी संवेदनाएँ और बधाई देती हूँ।

सय्यद हसन नसरुल्लाह ने एक अनुकरणीय मुजाहिदीन जीवन जीया। उन्होंने फिलिस्तीन की विजय, उत्पीड़न, कब्जे और आक्रामकता के खिलाफ संघर्ष में अपना धन्य जीवन समर्पित कर दिया और इस दृढ़ता, बहादुरी और नेतृत्व का इनाम शहादत और हज़रत अबू अब्दुल्ला अल-हुसैन (से) से प्राप्त कर वफादार सहाबा से जा मिले।

आज, हालांकि प्रतिरोध के नेता ने अपनी लंबे समय से पोषित इच्छा हासिल कर ली है और अपने शहीद साथियों में शामिल हो गए हैं, प्रतिरोध का परचम कभी जमीन पर नहीं गिरेगा। शहीदों के खून के आशीर्वाद से, हजारों अग्रदूत उठ खड़े होंगे जो हमारे नेता हज़रत आयतुल्लाह खामेनेई के नेतृत्व में ज़ायोनी आतंकवादी और बच्चों की हत्या करने वाले शासन के पूर्ण अंत तक इस खूनी ध्वज को लेकर रहेंगे।

सईदा ज़हरा बुरक़ई

ईरान के रक्षामंत्री ने बल देकर कहा है कि अगर इस्राईल के अपराध जारी रहे और उसने दोबारा दुस्साहस किया तो निश्चितरूप से इसके बाद वाली प्रतिक्रिया बहुत तीव्र होगी और हम उन आधुनिकतम हथियारों का प्रयोग करेंगे जो हमारे पास हैं।

समाचार एजेन्सी तसनीम की रिपोर्ट के अनुसार प्रतिरक्षामंत्री अमीर अज़ीज़ नसीरज़ादे ने टीवी वार्ता में सिपाहे पासदारान के मिसाइल हमले की ओर संकेत किया और इस कामयाब हमले पर मुबारकबाद देते हुए कहा कि काफ़ी समय से लोग हमसे इस हमले की मांग कर रहे थे यहां तक कि संसद में विश्वासमत के दौरान भी सांसद हमसे यह मांग कर रहे थे कि सशस्त्र सेना ज़ायोनी सरकार के उस दुस्साहस का जवाब दे जो उसने ईरान के अंदर इस्माईल हनिया को शहीद करने के लिए अंजाम दिया।

उन्होंने कहा कि यह विवेकपूर्ण और बहुत ही जटिल कार्यवाही थी जिसे अंजाम दिया गया और जो लक्ष्य निर्धारित किये गये थे उसके हिसाब से विभिन्न मिसाइलों का प्रयोग किया गया और यह हमला सैनिक लक्ष्यों के ख़िलाफ़ था जो बहुत कामयाब रहा।

रक्षामंत्री ने कहा कि यह हमला विशेषकर उन ठिकानों पर किया गया जिनका प्रयोग इस्माईल हनिया की हत्या के लिए किया गया था। रक्षामंत्री ने कहा कि सिपाहे पासदारान का हमला पूरी तरह वैध और अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के अनुसार था और अगर ज़ायोनी सरकार के अपराध जारी रहे और उसने दोबारा दुस्साहस किया तो निश्चित रूप से अगली प्रतिक्रिया बहुत भीषण होगी और उन विकसित व आधुनिकतम हथियारों का प्रयोग किया जायेगा जो हमारे पास हैं।

रक्षामंत्री ने कहा कि यह भी बता दें कि यह हमला हमारी क्षमता का मात्र एक छोटा भाग था और हमारी प्रक्षेपास्त्रिक क्षमता व ताक़त के बहुत बड़े भाग का अभी इस्तेमाल नहीं किया गया है। इसी प्रकार रक्षामंत्री ने बल देकर कहा कि जो ज़ायोनी सरकार को अपराधों व अतिक्रमणों से नहीं रोक रहे हैं और उसे क्षेत्र को युद्ध की आग में ढ़कलने की अनुमति दे रहे हैं उन्हें जान लेना चाहिये कि हमारा अगला जवाब अधिक भीषण होगा।

सेना कमांडर-इन-चीफ ने यह कहते हुए कि ज़ायोनी शासन का अपराध जारी रखने से उसका पूर्ण विनाश हो जाएगा, कहा: यदि दुश्मन ग़लतियाँ करता हैं, तो हम बुनियादी ढाँचे को नष्ट करने का भी निर्णय ले सकते हैं।

सेना के कमांडर इन चीफ अमीर मेजर जनरल सय्यद अब्दुलरहीम मूसवी ने ज़ायोनी शासन के खिलाफ इस्लामी गणतंत्र ईरान के सशस्त्र बलों के बड़े पैमाने पर मिसाइल हमलों के संबंध में एक टेलीविजन साक्षात्कार में (ऑपरेशन सादिक 2) कहा: हमें उम्मीद है कि यह ऑपरेशन शोक संतप्त लोगों के दिलों में खुशी लाएगा, यह उन लोगों के दिलों पर मरहम होगा जिन्होंने इन हालिया घटनाओं में अपने प्रियजनों को खो दिया है।

सेना के प्रमुख कमांडर ने कहा: हमने हमेशा घोषणा की है कि हम किसी भी युद्ध के आरंभकर्ता नहीं हैं; लेकिन हम अपने अधिकारों की मजबूती से रक्षा जरूर करेंगे और इसके बाद भी ऐसा ही होगा।

उन्होंने जोर देकर कहा, "उन्हें आज जवाब मिला, और इसके बाद, यदि वे कोई अपराध और शरारत करते हैं, तो हम किसी भी स्तर पर जवाब देंगे, और हमारी अगली प्रतिक्रिया निश्चित रूप से और कई गुना मजबूत होगी। हमें उम्मीद है कि ज़ायोनी शासन को आवश्यक संदेश मिलेगा। निःसंदेह, अमेरिकियों और उनके समर्थकों को यह संदेश ज़ायोनी शासन से अधिक मिलना चाहिए।

मेजर जनरल मूसवी ने बताया: ज़ायोनी शासन का अपराधो को जारी रखने से उसका निश्चित विनाश होगा; यह उनके लिए एक संदेश था कि वे बच्चों और महिलाओ की हत्या और बलात्कार को रोकें और ग़ज़्ज़ा और लेबनान में निर्दोष महिलाओं और बच्चों को मारना बंद करें और अन्य देशों की संप्रभुता का सम्मान करें।

इज़राईल मीडिया ने दावा किया है कि ईरान ने मध्य और दक्षिणी इज़राइल की ओर 400 से अधिक मिसाइलें दागी हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने मध्य और दक्षिणी इज़राइल की ओर 400 से अधिक मिसाइलें दागी हैं।

समाचार एजेंसियों ने तस्वीरें प्रकाशित करते हुए ईरान के इज़राइल पर मिसाइल हमले की खबर दी है। यहूदी सेना ने पुष्टि की है कि कुछ समय पहले ईरान की ओर से इज़राइली भूमि पर मिसाइलें दागी गई थीं।

 रिपोर्टों के अनुसार, यहूदी मीडिया ने बताया कि ईरान ने मध्य और दक्षिणी इज़राइल की ओर 400 से अधिक मिसाइलें फायर की हैं।

इज़राइली सेना ने अपने सभी नागरिकों को निर्देश दिया है कि ईरान द्वारा इज़राइल पर मिसाइल हमले के बाद सभी लोग शरण स्थलों में रहें।

इस हमले के बाद इजरायल में चारों तरफ अफरा तफरी फैल गई हैं।

 

 

 

 

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू एडोल्फ हिटलर के बाद सबसे बड़े आतंकवादी हैं।

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू एडोल्फ हिटलर के बाद सबसे बड़े आतंकवादी हैं क्योंकि यहूदी नेता ने फिलिस्तीन और लेबनान को गैस चैंबर में बदल दिया है।

महबूबा बोलीं इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने नेतन्याहू के खिलाफ फैसला सुनाया है लेबनान पर हमले ने साबित कर दिया है वे अपराधी है। फिलिस्तीन के बाद अब लेबनान में भी वह हज़ारों लोगों की हत्या कर रहा है।

महबूबा ने इजराइली एयर स्ट्राइक में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की हत्या की निंदा की। और लेबनान फिलिस्तीन के समर्थन में एक दिन के लिए अपना चुनाव प्रचार कैंसिल कर दिया है।

उन्होने ने कहां, नेतन्याहू सरकार के साथ संबंध रखने का सरकार का फैसला गलत है महात्मा गांधी के समय से ही हम फिलिस्तीन के साथ खड़े हैं ऐसी सरकार के साथ संबंध रखना और उसे हथियार और ड्रोन मुहैया कराना, जिसका इस्तेमाल लोगों की हत्या के लिए किया जा रहा है यह गलत फैसला है।

भाजपा मुझे क्या बताएगी? वे भाजपा फिलिस्तीन के लोगों के लिए नसरल्लाह के लंबे संघर्ष के बारे में क्या जानते हैं? उन्हें देखना चाहिए कि कश्मीर, लखनऊ और देश के अन्य हिस्सों में कितने लोग निकल रहे हैं और शहीद के लिए नारे लगा रहे हैं। उन्हें यह महसूस करना चाहिए कि उनकी सोच कितनी गलत है।

आयतुल्लाहिल उज़मा वहीद ख़ुरासानी ने सैयद हसन नसरल्लाह की शहादत पर गहरा दुःख व्यक्त किया हैं उन्होंने दुआ की कि अल्लाह उनकी रूह को शांति प्रदान करे उनके दर्जे बुलंद करे और उन्हें जवारे मसूमिन अ.स. में जगह करार दे।

एक रिपोर्ट के अनुसार, आयतुल्लाहिल उज़मा वहीद ख़ुरासानी ने सैयद हसन नसरल्लाह की शहादत पर गहरा दुःख और शोक व्यक्त किया और प्रार्थना किया है कि अल्लाह उनकी रूह को शांति प्रदान करे, उनके दर्जे बुलंद करे और उन्हें सैय्यदु शुहदा अ.स. के सानिध्य में स्थान दे।

आयतुल्लाहिल उज़मा वहीद ख़ुरासानी के कार्यालय द्वारा जारी किया गया शोक संदेश इस प्रकार है।

बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम

إِنَّا لِلَّهِ وَإِنَّا إِلَیْهِ رَاجِعُونَ

मरज ए आलीक़द्र आयतुल्लाहिल उज़मा वहीद ख़ुरासानी ने हुज्जतुल इस्लाम हज़रत सैयद हसन नसरल्लाह की शहादत पर एक शोक संदेश भेजा है, जिसे उनके प्रिय पुत्र ने एक टेलीफोनिक संपर्क के दौरान आयतुल्लाह वहीद ख़ुरासानी का संदेश पहुँचाया और दुःख व्यक्त किया हैं।

आयतुल्लाह वहीद ख़ुरासानी ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए, शहीद सैयद हसन नसरल्लाह के उच्च दर्जे और उन्हें सैयद-ए-शुहदा अ.स. की सानिध्य में स्थान प्राप्त होने की प्रार्थना की हैं।

उन्होंने उनके परिवारजनों के लिए धैर्य और महान प्रतिफल की दुआ की इसके साथ ही उन्होंने अल्लाह की बारगाह में प्रार्थना की कि इस अपराध के जिम्मेदार अपराधियों को ज़लील करे और उन्हें उनके कर्मो की सजा जल्द से जल्द मिले।

 

 

 

 

 

यमन पर अवैध राष्ट्र इस्राईल के बर्बर हमलों में घायल और शहीदों की संख्या बढ़कर 62 हो गई है।

यमन स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक इंटरव्यू में यमन पर ज़ायोनी शासन के हमले में घायल होने वालों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कल तटीय प्रांत हुदैदह पर इस्राईल के हमले में कम से कम 57 नागरिक घायल हुए हैं जबकि 5 आम नागरिक ज़ायोनी सेना हमले में शहीद हुए हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ईरान और भारत जल्द ही फारस की कड़ी में संयुक्त सैन्य अभ्यास करेंगे। मेहर न्यूज़ के अनुसार, कैप्टन अंशुल किशोर के नेतृत्व में भारत के तीन डेस्ट्रॉयर पर आधारित बेड़ा "अम्न और-ए-दोस्ती" शीर्षक के साथ ईरान के तटीय शहर बंदर अब्बास में लंगर डाल चुका है।

ईरानी नौसेना के कमांडर कैप्टन मसूद बेगी के मुताबिक, दोनों देशों की नौसेनाएं होर्मुज जलडमरूमध्य के उत्तर में संयुक्त अभ्यास करने जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि युद्ध और प्रशिक्षण बेड़े में सवार भारतीय बल ईरान में अपने चार दिवसीय प्रवास के दौरान बंदर अब्बास के सांस्कृतिक और मनोरंजक स्थानों का भी दौरा करेंगे।

ईरानी कमांडर ने कहा कि इस तरह की आपसी यात्राओं से दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध और मजबूत होंगे।

यूएन वूमेन द्वारा जारी एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ग़ज़्ज़ा में करीब 15,000 गर्भवती महिलाएं भुखमरी की कगार पर हैं। फ़िलिस्तीनी क्षेत्र में 177,000 महिलाएँ चिकित्सा समस्याओं का सामना कर रही हैं।

ग़ज़्ज़ा में स्वास्थ्य पर अपनी हालिया रिपोर्ट में, संयुक्त राष्ट्र महिला ने खुलासा किया कि "गाजा में लगभग 15,000 गर्भवती महिलाएं भुखमरी के कगार पर हैं। गाजा में महिलाओं को कई चिकित्सीय समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिनमें वृद्ध महिलाओं में गैर-संचारी रोग, कैंसर और गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए स्वास्थ्य और पोषण शामिल हैं। अस्पतालों के ठीक से काम नहीं करने के कारण महिलाओं को चिकित्सा सेवाओं और आवश्यक दवाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार 11 महीने से अधिक समय से चले युद्ध के परिणामस्वरूप गाजा में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पूरी तरह से नष्ट हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार, "लगभग 84 प्रतिशत चिकित्सा सुविधाएं या तो क्षतिग्रस्त हो गई हैं या नष्ट हो गई हैं, और जहां चिकित्सा सेवाएं चालू हैं, वहां दवाओं, एम्बुलेंस, बुनियादी जीवन रक्षक आपूर्ति और पानी की भारी कमी है।"

फ़िलिस्तीनी क्षेत्र में 177,000 महिलाएँ जीवन-घातक चिकित्सा समस्याओं का सामना कर रही हैं। इस संख्या में 162,000 महिलाएं मधुमेह, कैंसर, रक्तचाप, हृदय रोग जैसी गैर-संचारी बीमारियों का सामना कर रही हैं या हो सकती हैं। 15 हजार गर्भवती महिलाएं भुखमरी के कगार पर हैं. ज्ञात हो कि फ़िलिस्तीनी क्षेत्र में इज़रायली आक्रमण के परिणामस्वरूप 41 हज़ार फ़िलिस्तीनियों की जान जा चुकी है जबकि 96 हज़ार से अधिक घायल हुए हैं।

 

 

 

 

 

हसन नसरुल्लाह की शगादत पर रविवार से तीन दिवसीय शोक का आह्वान किया था इसमें लोगों से विरोध के तौर पर अपने घरों में काले झंडे फहराने और दुकानें बंद करने को कहा गया था इसी के चलते जगह-जगह बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए।

लेबनान में हुई हिज्बुल्लाह नेता हसन नसरुल्लाह की हत्या के विरोध में सैकड़ों लोगों ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पुराने शहर इलाके में प्रदर्शन किया कैंडल मार्च निकाले और इजराइल तथा अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी की यह विरोध प्रदर्शन शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद के आह्वान पर किया गया।

मौलाना ने नसरुल्लाह की मौत पर रविवार से तीन दिवसीय शोक का आह्वान किया है इसमें लोगों से विरोध के तौर पर अपने घरों में काले झंडे फहराने और दुकानें बंद करने को कहा गया है। साथ ही ज्यादा से ज्यादा जगहों पर विरोध प्रदर्शन और शोकसभाएं आयोजित करने की अपील भी की गयी है।