रोती हुई आंखों के साथ निकाला गया 18 कमरे बनी हाशिम का ताबूत

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रोती हुई आंखों के साथ निकाला गया 18 कमरे बनी हाशिम का ताबूत

अंजुमन हैदरी के तत्वाधान व जनरल सेक्रेटरी नायाब रज़ा की देखरेख में दरगाहे फ़ात्मान में 18 कमरे बनी हाशिम का ताबूत निकाला गया ज़ियारत से पूर्व मजलिस हुई।

वाराणसी: अंजुमन हैदरी के तत्वाधान एवं जनरल सेक्रेटरी नायाब रज़ा की देखरेख में दरगाहे फ़ात्मान, लल्लापुरा में 18 बनी हाशिम के ताबूत उठाये गए। ज़्यारत से पूर्व मजलिस हुई जिसका आग़ाज़ तिलावते कलाम पाक से क़ारी इमाम अली ने किया।

लियाक़त अली खां व साथियों ने सोज़ख़्वानी के फ़राएज़ अंजाम दिये। माएल चंदैलवी मुद्दस्सिर जौनपुरी, नक़ी बनारसी ने अपने कलाम का नज़राना पेश किया। मजलिस को ख़िताब करते हुए मौलाना सैय्यद मुहम्मद अक़ील हुसैनी ने कहा की आज पूरी दुनिया को ज़रूरत है कि इमाम हुसैन के त्याग और बलिदान के रास्ते को अपनाए और उनकी शिक्षाओं पर अमल करे। मौलाना ने जब कर्बला वालों के मसाएब पढ़े तो हर आंख आंसुओं से भर गई।

मजलिस के बाद पैग़म्बर मुहम्मद साहब के परिवार के 18 सदस्यों जिनको 18 बनी हाशिम कहते हैं उनके ताबूत उठाये गए। ज्ञात हो कि इन 18 बनी हाशिम समेत इमाम हुसैन के 72 साथियों को कर्बला इराक़ के मैदान में 3 दिन का भूखा प्यासा बड़ी बेरहमी से शहीद कर दिया गया था।

ताबूत का परिचय मौलाना सैय्यद इंतेज़ार आबिदी ने कराया। ताबूत उठने के बीच ज़ैन बनारसी ने अपने मख़सूस अंदाज़ में नौहा पेश किया जिसको सुन कर लोग फफक कर रो पड़े। संचालन अम्बर तुराबी ने किया और सैय्यद अब्बास मुर्तज़ा शम्सी ने आये हुए ज़ायरीन का शुक्रिया अदा किया।

प्रोग्राम में तक़ी रिज़वी, उस्ताद फ़तेह अली ख़ाँ अब्बास सिबतैन शीराज़ी, ज़ैन हसन अतहर रज़ा ज़ुल्फ़िक़ार ज़ैदी इरफ़ान आबिदी ज़ैन अंसार बनारसी ज़्याउल हसन शराफ़त नक़वी सादिक़ इमाम जावेद नक़वी यूशा अब्बास मोनी हसन हैदर ज़ैदी मोहम्मद अली क़मर अब्बास सनी पल्लन भाई हाजी फ़रमान हैदर अब्बास रिज़वी शफ़क़ मुनाज़िर हुसैन मंजू समेत बनारस और आस पास के जिलों के हज़ारों की तादाद में अक़ीदतमंद मौजूद थे।

 

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