भारतीय उद्योगपतियों ने ईरान के चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए तेहरान और नई दिल्ली के बीच हुए समझौते का स्वागत किया है।
द फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन चैम्बर्स ऑफ़ कामर्स एंड इंडस्ट्री एफ़आईसीसीआई ने एक बयान जारी करके अफ़ग़ानिस्तान तक पहुंच आसान बनाने की योजना के समझौते का स्वागत किया है।
एफ़आईसीसीआई ने अपने एक बयान में कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में पुनर्निमाण एवं विकास कार्यों में वह हमेशा से ही अग्रणि रहा है।
उल्लेखनीय है कि 7 मई को तेहरान और नई दिल्ली के बीच ईरान के दक्षिणपूर्वी प्रांत सीस्तान-बलूचिस्तान में स्थित रणनीतिक बंदरगाह चाबहार के विकास के समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे।
भारतीय केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की तेहरान यात्रा के दौरान ईरान के रोड्स एवं नगर विकास मंत्री अब्बास अहमद अख़ूंदी के साथ उनकी वार्ता के बाद, इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे।
भारत इस बंदरगाह के विकास के बाद, 10 वर्षों तक इसका संचालन करेगा और इस अवधि के बाद, बिना किसी भुगतान के इसे ईरान के हवाले कर देगा।
अमरीका ने ईरान और भारत के बीच इस समझौते का कड़ा विरोध किया है। वाशिंगटन ने भारत और अन्य देशों को ईरान के साथ परमाणु समझौते से पहले व्यापारिक संबंधों में विस्तार के प्रति धमकी दी है।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली चाबहार से अफ़ग़ानिस्तान-ईरान सीमा पर स्थित मिलक तक रेलवे लाइन भी बिछाने की योजना बना रहा है।