भारत के केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री ने कहा है कि ताजमहल में मंदिर होने का कोई प्रमाण नहीं है।
डॉ. महेश शर्मा ने लोकसभा में स्पष्ट किया कि विश्व विख्यात धरोहर ताजमहल के हिन्दू मंदिर होने का कोई रिकार्ड मौजूद नहीं है।
ज्ञात रहे कि लखनऊ के अधिवक्ता हरीशंकर जैन सहित आगरा के कुछ वकीलों ने 8 अप्रैल को ताजमहल के हिन्दू मंदिर होने को लेकर आगरा की अदालत में एक याचिका दायर की थी।
इस याचिका पर कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व विभाग, केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय तथा राज्य के गृह सचिव को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था।
परिवाद में ताजमहल को तेजोमहालय मंदिर घोषित करने की मांग की गई है। अदालत ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर छह मई को जवाब दाखिल करने को कहा था, अब तक जवाब दाखिल नहीं हुआ है।
कुछ इतिहासकारों का यह भी दावा था कि ताजमहल भगवान शिव का मंदिर था तथा इसका नाम तेजो महालय था।
ताजमहल को हिन्दू मंदिर मानने वालों को सोमवार को उस वक्त धक्का लगा जब केंद्र सरकार ने स्पष्ट कह दिया कि इस दावे का कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है।