इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने साम्राज्यवादी शक्तियों तथा उन्हें सबसे प्रमुख, अमरीका को आधुनिक अज्ञानता के अस्तित्व में आने का मुख्य कारण बताया।
इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर ने पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम की पैग़म्बरी के ऐलान (बेअसत) और मेराज की वर्षगांठ पर शनिवार के दिन तेहरान में तैनात इस्लामी देशों के राजदूतों इस्लामी व्यवस्था के उच्च अधिकारियों तथा विभिन्न सामाजिक वर्गों से मुलाक़ात में ईरानी राष्ट्र, विश्व भर के मुसलमानों तथा स्वतंत्र स्वभाव रखने वाले इंसानों को इस महान ईद की मुबारकबाद पेश की और कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान के बीते 35 साल के अनुभवों से साबित हो चुका है कि महान इस्लामी समुदाय दो कारकों तत्वदर्शिता और दृढ़ संकल्प को बाक़ी रखते हुए आधुनिक अज्ञानता का मुक़ाबला कर सकता है और उसे पराजित भी कर सकता है।इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर ने क्षेत्र के देशों को एक दूसरे से डराने और काल्पनिक शत्रु गढ़कर पेश कर देने की साम्राज्यवादी शक्तियों की साज़िश की ओर से बहुत होशियार रहने की नसीहत की और कहा कि साम्राज्यवादी शक्तियों की कोशिश यह है कि असली दुश्मन अर्थात साम्राज्यवाद, उसके जुड़े ही लोगों और ज़ायोनियों को एक किनारे पर रखें और इस्लामी देशों को एक दूसरे के मुक़ाबले में ला खड़ा करें, अतः इस रणनीति का जो वास्तव में आधुनिक अज्ञानता है, मुक़ाबला किया जाना चाहिए।
इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर के अनुसार वर्तमान परिस्थितियों में, क्षेत्र में साम्राज्यवाद की दुष्टतापूर्ण नीतियों का मुख्य केन्द्र, क्षद्म युद्ध की आग भड़काना है। सुप्रीम लीडर ने कहा कि वह अपने लाभ और हथियार बनाने वाली कंपनियों की जेबें भरने की कोशिश में हैं, अतः क्षेत्र के देशों को चाहिए कि बहुत होशियारी से काम करें ताकि इस जाल में न फंसें।
इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर ने ज़ोर देकर कहा कि अमरीका फ़ार्स खाड़ी में शांति स्थापित करने के विचार में नहीं है और उसे इस बारे में कोई भी बयान देने का अधिकार भी नहीं है। सुप्रीम लीडर ने कहा कि यदि फ़ार्स खाड़ी का क्षेत्र शांत और स्थिर रहेगा तो इसका फ़ायदा सबको पहुंचेगा, लेकिन यदि फ़ार्स खाड़ी का क्षेत्र अशांत हो गया तो क्षेत्र के सभी देशों में अशांति फैल जाएगी।
इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर ने क्षेत्र में शांति व सुरक्षा की रक्षा का प्रयास करने के अमरीकी दावे के ग़लत होने का एक उदाहरण पेश करते हुए यमन की संकटमय स्थिति का उल्लेख किया और कहा कि आज यमन बेगुनाह बच्चों और महिलाओं के जनसंहार का मैदान बन गया है और यह काम विदित रूप से मुसलमान देशों के हाथों हो रहा है जबकि इसका योजनाकार और असली कारक अमरीका है।
इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर ने अमरीकी अधिकारियों के एक और झूठ का हवाला देते हुए उनकी ओर से ईरान पर आतंकवाद का समर्थन करने संबंधी आरोप का उल्लेख किया। सुप्रीम लीडर ने कहा कि ईरानी जनता ने देश के भीतर उस आतंकवाद का दृढ़ता के साथ मुक़ाबला किया जिसने अमरीकी पैसे और समर्थन से सिर उभारा था, किंतु ईरान पर आतंकवाद के समर्थन का आरोप लगाया जाता है जबकि आतंकवाद की असली समर्थक अमरीकी सरकार है।
इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर ने बल देकर कहा कि ईरानी राष्ट्र हमेश आतंकवाद तथा उसके समर्थकों के ख़िलाफ़ मोर्चाबंद रहा है और हमेशा लड़ता रहेगा। सुप्रीम लीडर ने कहा कि ईरानी राष्ट्र, इराक़, सीरिया, लेबनान और अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन में हमेशा उन लोगों की मदद करता रहेगा जो अत्यंत ख़तरनाक आतंकियों तथा आतंकी ज़ायोनियों से लड़ रहे हैं।