ईरान, सैन्य प्रतिष्ठानों के निरीक्षण की अनुमति नहीं देगा

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ईरान, सैन्य प्रतिष्ठानों के निरीक्षण की अनुमति नहीं देगा

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि परमाणु वार्ता के संदर्भ में पश्चिम की धूर्तता पर ईरान की प्रतिक्रिया बहुत तीव्र होगी।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार को इमाम हुसैन कैडिट कालेज में कैडिटों के मध्य बोलते हुए परमाणु वार्ता की ओर संकेत किया।  उन्होंने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान, विदेशियों को सैन्य प्रतिष्ठानों के निरीक्षण की कदापि अनुमति नहीं देगा।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने देश के परमाणु वैज्ञानिकों से साक्षात्कार लिये जाने पर आधारित पश्चिमी मांग को एक प्रकार की जांच बताया।  उन्होंने कहा कि इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।  वरिष्ठ नेता ने कहा कि शत्रुओं को जान लेना चाहिए कि ईरान के अधिकारी और ईरानी राष्ट्र, वर्चस्ववादियों की मांग के सामने झुकने वाले नही हैं।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने परमाणु वार्ता में सामने वाले पक्ष की धूर्तता और हटधर्मी को इस्लामी व्यवस्था के सम्मुख एक चुनौती बताया।  उन्होंने कहा कि शत्रुओं ने अभी ईरानी राष्ट्र और उसके अधिकारियों को उचित ढंग से नहीं पहचाना है।  वरिष्ठ नेता ने कहा कि सामने वाले पक्ष की जिस मांग के भी सामने थोड़ी नर्मी दिखाई जाए तो ऐसे में वे एक नई मांग पेश करेंगे।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि वर्चस्ववादियों की मांगों के सामने संकल्प की मज़बूत दीवार की भांति डटे रहना चाहिए।  उन्होंने कहा कि ईरानी राष्ट्र, इन सभी चुनौतियों का सामना करते हुए पूरे विश्वास के साथ आगे बढ़ता रहेगा।  वरिष्ठ नेता का कहना था कि इस बात की अनुमति नहीं दी जा सकती कि विदेशी, ईरानी राष्ट्र के वैज्ञानिकों और मेधावियों से पूछताछ करें।

ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने बल देकर कहा कि परमाणु वार्ताकार, परमाणु वार्ता में ईरानी राष्ट्र की महानता को सिद्ध करें।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने शत्रुओं और फ़ार्स की खाड़ी के कुछ देशों के अधिकारियों की ओर से ईरान की सीमा पर प्राक्सी वॉर पर आधारित समाचारों के बारे में कहा कि यदि कोई भी ग़लत हरकत की गई तो फिर इस्लामी गणतंत्र ईरान की प्रतिक्रिया बहुत ही तीव्र होगी।

ईरान को अलग-थलग करने पर आधारित शत्रुओं के दुष्प्रचारों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि ईरान की इस्लामी लोकतांत्रिक व्यवस्था का स्थान, अपने आंरभ से अबतक राष्ट्रों के दिलों में है।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने आगे कहा कि ईरानी अधिकारियों को जान लेना चाहिए कि नीच शत्रु से मुक़ाबले का एकमात्र मार्ग दृढ़ता एवं संकल्प है। 

 

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