आतंकवाद से संघर्ष का अमरीकी दावा धूर्तता है

Rate this item
(0 votes)
आतंकवाद से संघर्ष का अमरीकी दावा धूर्तता है

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने आतंकवाद से संघर्ष के अमरीकी दावे को धूर्तता बताया है।

आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने शनिवार की शाम चीन के राष्ट्रपति शी जिन पिंग से मुलाक़ात में, जिसमें राष्ट्रपति रूहानी भी मौजूद थे, आतंकवाद से संघर्ष के लिए गठजोड़ के गठन पर आधारित अमरीकियों के दावे को एक झूठ बताया और कहा कि सभी मामलों में अमरीकियों का रवैया इसी प्रकार का है और उनका व्यवहार कभी भी सच्चाई पर आधारित नहीं होता। उन्होंने कहा कि खेद के साथ कहना पड़ता है कि पश्चिमी देशों की ग़लत नीतियों और इसी प्रकार इस्लाम के बारे में उनके ग़लत विचारों के कारण हमारा क्षेत्र अशांति में ग्रस्त है और इस अशांति के बढ़ने का ख़तरा मौजूद है जिसे बुद्धिमत्तापूर्ण सहयोग से रोकना चाहिए। आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने कुछ आतंकी गुटों के लिए ‘इस्लामिक स्टेट’ या ‘इस्लामी राज्य’ शीर्षक के प्रयोग पर अमरीकियों व पश्चिम वालों के आग्रह की ओर संकेत करते हुए कहा कि यह रवैया मुसलमानों का अपमान है और समस्या के समाधान के बजाए अप्रत्यक्ष रूप से इन गुटों की मज़बूती का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने ईरान व चीन के बीच व्यापार व संस्कृति के प्राचीन अतीत की ओर संकेत करते हुए कहा कि ईरानी सरकार व राष्ट्र हमेशा चीन जैसे विश्वस्त व स्वाधीन देशों के साथ संबंध विस्तार के इच्छुक थे और हैं और इसी आधार पर 25 वर्षीय रणनैतिक संबंधों के बारे में दोनों देशों के राष्ट्रपतियों का समझौता पूरी तरह से सही है।

इस मुलाक़ात में चीन के राष्ट्रपति शी जिन पिंग ने अपनी ईरान यात्रा पर ख़ुशी प्रकट करते हुए कहा कि ईरान व चीन के आपसी सहयोग में परस्पर हितों के आधार पर दिन प्रति दिन वृद्धि होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ बड़ी शक्तियां ‘या हमारे साथ या हमारे दुश्मन’ की जंगल राज की नीति को व्यवहारिक बनाने की कोशिश कर रही हैं लेकिन उभरती हुआ आर्थिक शक्तियों ने इन शक्तियों की ताक़त छीन ली है और उन्होंने स्वाधीन सरकारों की नीतियों व विचारों के लिए उचित वातावरण उपलब्ध करा दिया है।

Read 1197 times