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ग़ासिब इज़राईली सेना के दस्ते पर धमाका/कम से कम 4 सैनिक घायल
पश्चिमी तट के उत्तरी क्षेत्र तूबास के क़स्बे में ग़ासिब ज़ायोनी सेना के रास्ते में देसी बम विस्फोट हुआ जिससे कम से कम चार ज़ायोनी सैनिक घायल हो गए।
एक रिपोर्ट के अनुसार , पश्चिमी तट के उत्तरी क्षेत्र तूबास के क़स्बे में ग़ासिब ज़ायोनी सेना के रास्ते में देसी बम विस्फोट हुआ जिससे कम से कम चार ज़ायोनी सैनिक घायल हो गए।
घायल सैनिकों को सैन्य हेलीकॉप्टर के माध्यम से कब्ज़े वाले क्षेत्रों के एक अस्पताल में ले जाया गया अस्पताल के सूत्रों के अनुसार घायलों में से एक की हालत गंभीर है।
7 अक्टूबर 2023 में गाजा युद्ध की शुरुआत से अब तक पश्चिमी तट में ग़ासिब ज़ायोनी सेना और बसने वालों द्वारा 700 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिक शहीद किए जा चुके हैं।
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक ग़ासिब ज़ायोनी प्रशासन ट्रंप के दौर से पश्चिमी तट पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है इस समय इस क्षेत्र में 250 अवैध बस्तियों में 7 लाख से अधिक ज़ायोनी बसने वाले रह रहे हैं तेल अवीव ने इनकी सुरक्षा के लिए पश्चिमी तट में सुरक्षा उपाय कड़े कर दिए हैं।
गाज़ा युद्धविराम समझौते का सम्मान किया जाए। पोप फ्रांसिस
पोप फ्रांसिस ने उन मध्यस्थों का धन्यवाद किया जिन्होंने गाजा पट्टी में युद्धविराम समझौता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं उन्होंने इस समझौते का सम्मान करने और इसे बनाए रखने की अपील की हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार , पोप फ्रांसिस ने रविवार को वेटिकन में सेंट पीटर्स स्क्वायर में अपने साप्ताहिक प्रवचन के अंत में कहा,पिछले दिनों घोषणा की गई थी कि गाजा पट्टी में युद्धविराम आज से शुरू होगा।
मैं सभी मध्यस्थों का धन्यवाद करता हूं यह एक अच्छा कार्य है मध्यस्थता का उद्देश्य शांति प्राप्त करना है मैं मध्यस्थों का धन्यवाद करता हूं! साथ ही, मैं उन सभी पक्षों का भी धन्यवाद करता हूं जिन्होंने इस महत्वपूर्ण सफलता में योगदान दिया।
पोप फ्रांसिस ने अपने अनुयायियों से भी कहा, मुझे उम्मीद है कि जो समझौते किए गए हैं उनका सभी पक्षों द्वारा तुरंत सम्मान किया जाएगा और सभी कैदी आखिरकार अपने घरों को लौट सकेंगे और अपने प्रियजनों को गले लगा सकेंगे।
उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि गाजा के निवासियों को मदद तेज़ी से और अधिक मात्रा में उपलब्ध कराई जाए क्योंकि यह सहायता उनके लिए अत्यंत आवश्यक है।
ग़ाज़ा में कई सौ मानवीय सहायता ट्रक पहुंचे: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के उप महासचिव टॉम फ्लेचर ने रविवार को ग़ाज़ा में मानवीय सहायता ट्रकों के पहुंचने की पुष्टि की हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार , संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के उप महासचिव टॉम फ्लेचर ने रविवार को ग़ाज़ा में मानवीय सहायता ट्रकों के पहुंचने की पुष्टि की हैं।
एक्स पर अपने संदेश में उन्होंने बताया कि कुल 630 ट्रकों में से कम से कम 300 ट्रकों ने सहायता सामग्री पहुंचाई यह वह इलाका है जो हाल के हवाई हमलों और गोलाबारी से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।
फ्लेचर ने स्थिति की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए कहा,समय बर्बाद करने की कोई गुंजाइश नहीं है 15 महीने की लगातार और विनाशकारी लड़ाई के बाद मानवीय आवश्यकताएं अत्यधिक बढ़ गई हैं। प्रभावित परिवारों को तत्काल भोजन पानी, दवाइयां और सुरक्षित रहने की जगह की जरूरत है।
इससे पहले शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने संघर्ष-विराम को समर्थन देने और युद्धग्रस्त फिलिस्तीनियों के लिए मानवीय सहायता बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई गुटेरेस ने यह भी कहा कि संघर्ष-विराम को उन सुरक्षा और राजनीतिक बाधाओं को दूर करना चाहिए जो मानवीय सहायता पहुंचाने में बाधा बनती हैं।
स्वास्थ्य और चिकित्सा अधिकारियों के अनुसार, 7 अक्टूबर 2023 से शुरू हुए इज़रायली हमलों में अब तक लगभग 47,000 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है और मानवीय संकट गंभीर हो चुका है।
उत्तरी ग़ाज़ा में विनाश का स्तर अभूतपूर्व है क्षेत्र के कई मोहल्ले पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो गए हैं। हजारों घर नष्ट हो गए हैं, और लाखों लोग बेघर हो चुके हैं बचाव और पुनर्निर्माण कार्यों में भीषण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों का कहना है कि संघर्ष विराम के साथ मानवीय सहायता को लगातार गाजा पहुंचाना प्राथमिकता है। सहायता का उद्देश्य न केवल तत्काल जरूरतों को पूरा करना है, बल्कि युद्ध के बाद पुनर्निर्माण की प्रक्रिया को भी आरंभ करना है।
एक समझौता जिसने नेतन्याहू के सहयोगियों को नाराज़ और भ्रमित कर दिया
सीएनएन ने जाएज़ा पेश किया है कि ज़ायोनी शासन द्वारा ग़ज़ा युद्ध के लिए हालिया संघर्ष विराम समझौते को मंजूरी देने से इस शासन के भीतर गहरे मतभेद उभर कर सामने आ गए हैं जो युद्ध विराम और बेन्यामीन नेतन्याहू के राजनीतिक भविष्य दोनों को ख़तरे में डाल सकता है।
ज़ायोनी शासन के कुछ कैबिनेट मंत्रियों ने जिनमें इस्राईल के आंतरिक सुरक्षा मंत्री "इतामार बेन गुइर" भी शामिल थे, हमास से समझौते का कड़ा विरोध किया और यहां तक कि बेन गुइर ने कैबिनेट से इस्तीफा तक दे दिया, लेकिन इस्राईल के विदेशमंत्री "गदऊन सार" ने स्वीकार किया कि वे युद्ध के लक्ष्यों को हासिल नहीं कर सके और अनिवार्य रूप से एक समझौते पर पहुंच गये हैं।
सीएनएन के विश्लेषक "मिक क्रेवर" के एक समीक्षा में लिखा कि: इस हक़ीक़त को मूर्ख मत बनने दीजिए कि इज़राइल ने ग़ज़ा में युद्धविराम को मंजूरी दे दी है, इजराइली राजनीति के भीतर गहरे मतभेद चल रहे हैं जो इसे जारी रखने के रास्ते में गंभीर समस्या पैदा कर सकते हैं।
इस विश्लेषण में कहा गया है: नेतन्याहू अब युद्धविराम समझौते पर सहमत हो गए हैं, जबकि पिछले साल फ़रवरी उन्होंने इसी तरह के समझौते के जवाब में दावा किया था: हमने हमास की किसी भी प्रकार की भ्रामक मांग पर प्रतिबद्ध नहीं किया है, मैंने स्टेट सचिव एंटनी ब्लैंकिन से कहा कि हम पूरी तरह से जीत के क़रीब हैं।
उनका यह रुख़ ज़ाहिर करता है कि ज़ायोनी शासन ने ग़ज़ा युद्ध में अपने किसी भी लक्ष्य को हासिल किये बिना ही वर्तमान युद्धविराम समझौते को मंजूरी दे दी है।
सीएनएन विश्लेषक ने इसे स्पष्ट रूप से स्वीकार किया और लिखा: जिस प्रस्तावित समझौते की नेतन्याहू ने आलोचना की, उसमें व्यापक युद्ध विराम, इज़राइली सैनिकों की चरणबद्ध वापसी और सैकड़ों फ़िलिस्तीनी क़ैदियों की रिहाई शामिल थी, ये बिल्कुल वही बातें हैं जिन्हें नेतन्याहू ने अब स्वीकार कर लिया है।
हालांकि हमास कमज़ोर हो गया है लेकिन इज़राइल ने वह "पूर्ण जीत" हासिल नहीं की है जिसका नेतन्याहू ने बहुत पहले वादा किया था।
सीएनएन विश्लेषक ने लिखा: कैबिनेट में नेतन्याहू के चरमपंथी सहयोगी, नेतन्याहू के अचानक अपने नज़रिए से पीछे हटने से हैरान व परेशान हैं।
ज़ायोनी कैबिनेट के आंतरिक सुरक्षा मंत्री इतामार बेन गोइर ने युद्धविराम समझौते के जवाब में शुक्रवार को एलान किया कि: मैं कैबिनेट छोड़ दूंगा क्योंकि जिस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं, वह विनाशकारी है।"
सीएनएन विश्लेषक ने लिखा: बेन गुइर ने कहा कि यदि युद्धविराम और बंधकों की रिहाई पर समझौता होता है तो उनकी पार्टी, जिसे "यहूदी पॉवर" पार्टी के रूप में जाना जाता है, कैबिनेट में नेतन्याहू के साथ गठबंधन से निकल जाएगी।
उनका जाना, नेतन्याहू की कैबिनेट के गिरने के लिए पर्याप्त नहीं है लेकिन जो बात कैबिनेट के गिरने का कारण बन सकती है, वह यह है कि वित्तमंत्री बेज़ालील स्मोट्रिच भी नेतन्याहू के गठबंधन को छोड़कर बेन गुइर से हाथ मिला लें।
स्मोट्रिच, जो एक धुर दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी नेता भी हैं, यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ग़ज़ा में शांति स्थायी न हो और इज़राइल 42-दिवसीय युद्धविराम की समाप्ति के बाद जिसके परिणामस्वरूप 33 बंधकों की रिहाई होनी है, युद्ध के दौरान में दोबारा लौट आए ।
इज़राइल किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहा
गाज़ा युद्धविराम समझौते के तहत पहले दिन 3 इज़राईली महिलाओं के बदले में ज़ायोनी जेलों से 90 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा कर दिया गया।
एक रिपोर्ट के अनुसार , गाज़ा युद्धविराम समझौते के पहले दिन दोनों पक्षों ने कई कैदियों को रिहा किया।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया के मुताबिक ग़ासिब ज़ायोनी सरकार और हामास आंदोलन के बीच हुए युद्धविराम समझौते को रविवार को लागू किया गया जिसके तहत ओफर जेल में बंद 90 फिलिस्तीनी कैदियों को अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस ने अपनी निगरानी में लिया।
फिलिस्तीनी कैदियों के परिजन ओफर जेल के बाहर इकट्ठा हुए लेकिन ज़ायोनी सेना ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए हिंसा का सहारा लिया जिससे 7 फिलिस्तीनी नागरिक घायल हो गए।
सूत्रों के अनुसार, रिहा किए गए फिलिस्तीनी कैदियों को ले जाने वाली बसों में महिलाएं और 18 साल से कम उम्र के बच्चे भी शामिल थे।
यह भी स्पष्ट है कि फिलिस्तीन की प्रतिरोधी हामास ने ग़ासिब ज़ायोनी कैदियों की रिहाई का एक वीडियो जारी किया है जिसमें तीनों कैदियों को उपहार देते हुए दिखाया गया है।
हामास के एक अधिकारी ने बताया कि ज़ायोनी कैदियों की रिहाई का दूसरा चरण अगले सप्ताह की शुरुआत में होगा।
ब्रिटेन से अमीरों का बड़े पैमाने पर पलायन
यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन ने मक़बूज़ा क्षेत्रों पर यमन के हमलों को रोकने के लिए ग़ज़ा में इज़राइल के युद्धविराम के पूर्ण पालन को एक आवश्यक शर्त क़रार दिया है।
अमेरिकी सरकार पर 36 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज़, अंसारुल्लाह द्वारा इज़राइल पर हमले को रोकने की शर्त का एलान, सेन्ट्रल अफ़्रीका में सुरक्षा में सुधार के लिए रूस की तत्परता, इंग्लैंड से बड़े पैमाने पर अमीरों का पलायन, यमनी सेना द्वारा ट्रूमैन जहाज़ पर हमला, अमेरिका द्वारा यूरोप में आधुनिक परमाणु हथियारों की तैनाती और इराक़ को नवीन टेक्नालाजीज़ देने की ईरान की योजना, यह ईरानी और विश्व समाचारों का चुनिन्दा हिस्से हैं।
अमेरिका/ अमेरिकी सरकार पर 36 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज़
अमेरिका में सरकार बदलने की पूर्व संध्या पर अमेरिकी सरकार का राष्ट्रीय ऋण एक नए स्तर तक बढ़ गया है। अमेरिकी वित्तमंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि जनवरी के मध्य में देश का राष्ट्रीय कर्ज 36.174 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।
यमन/ अंसारुल्लाह द्वारा इस्राईल पर हमले को रोकने की शर्त का एलान
यमन के जनांदोलन अंसारुल्लाह के राजनीतिक कार्यालय के सदस्य मुहम्मद अल-बुख़ैती का कहना है कि हमलावरों के ख़िलाफ हमारा अभियान, ग़ज़ा के ख़िलाफ़ हमलों की समाप्ति और समझौतों के सख्त पालन से सशर्त है। उन्होंने कहा: ज़ायोनी शासन द्वारा किसी भी उल्लंघन की स्थिति में प्रतिरोध के समन्वय के साथ हमारा अभियान जारी रहेगा।
फ़िलिस्तीन/ ईरान ने हमें चौतरफा समर्थन दिया: ज़ियाद अल-नेख़ाला
फ़िलिस्तीन के लिए ईरान के व्यापक समर्थन का उल्लेख करते हुए, फ़िलिस्तीन के जिहादे इस्लामी आंदोलन के महासचिव ज़ियाद अल-नख़ाला ने घोषणा की कि फ़िलिस्तीनी जनता के प्रतिरोध ने ज़ायोनी दुश्मन को युद्धविराम स्वीकार करने पर मजबूर किया है। ज़ियाद अल-नख़ाला ने एक भाषण में फ़िलिस्तीनी जनता के प्रतिरोध को ज़ायोनी शासन द्वारा युद्धविराम को स्वीकार करने का सबसे महत्वपूर्ण कारण क़रार दिया है।
जेहादे इस्लामी के महासचिव ने आगे कहा कि फिलिस्तीनी राष्ट्र, अद्वितीय साहस के साथ ज़ायोनी शासन के अत्याचारों और अपराधों के ख़िलाफ डटा हुआ है और गर्व से अपने प्रतिरोध के साथ मैदाने जंग में अपनी छाप छोड़ी। ज़ियाद अल-नख़ाला ने कहा: हमारे लिए यमन में अपने भाइयों को भूलना जो तूफान अल-अक्सा की जंग में दूरी के बावजूद प्रभावी और सक्रिय उपस्थिति थी, संभव नहीं है।
अफ़्रीक़ा/ सेन्ट्रल अफ़्रीका में सुरक्षा में सुधार के लिए रूस की तत्परता
सेन्ट्रल अफ़्रीका में रूस के राजदूत "अलेक्जेंडर बेकान्तोव" ने कहा: इस देश के राष्ट्रपति फ़ूस्तीन अर्कान्ज़ की मास्को यात्रा के दौरान, रूस ने सुरक्षा मजबूत करने के लिए सहयोग जारी रखने की अपनी तत्परता का एलान किया था।
यूरोप/ ब्रिटेन से अमीरों का व्यापक पलायन
डेटा से पता चलता है कि भारी करों और ब्रेक्सिट के आर्थिक परिणामों के कारण इंग्लैंड से अमीरों का बड़े पैमाने पर पलायन हुआ है और देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक गंभीर अलार्म बज चुका है। वैश्विक संस्थान "न्यू वर्ल्ड वेल्थ" (New World Wealth) और अंतरराष्ट्रीय परामर्श कंपनी "हेनली एंड पार्टनर्स" (Henley & Partners) के विश्लेषण से पता चलता है कि 2024 में 10,000 से अधिक करोड़पति ब्रिटेन छोड़ देंगे। इस रिपोर्ट के अनुसार, इंग्लैंड ने 2023 में लगभग 4 हज़ार 200 करोड़पति और 2017 से 2023 तक लगभग 16 हज़ार 500 करोड़पति खो दिए हैं।
यमन/ यमनी सेना द्वारा ट्रूमैन जहाज़ को बनाया गया निशाना
यमन के सशस्त्र बलों के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल यहिया सरी ने एक बयान में कहा: यमनी सशस्त्र बलों ने उत्तरी लाल सागर में अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस हैरी ट्रूमैन और उसके युद्धपोतों को निशाना बनाते हुए एक आप्रेशन किया। यहिया सरी ने कहा: यह ऑपरेशन कई ड्रोन और क्रूज़ मिसाइलों से किया गया था और इस ऑपरेशन के उद्देश्यों को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया गया।
मक़बूज़ा फ़िलिस्तीन/ तेल अवीव में ज़ायोन -विरोधी आप्रेशन, एक की मौत और 2 घायल
ज़ायोनी मीडिया ने तेल अवीव में गोलीबारी और चाक़ू से हमले की सूचना दी जिसमें एक ज़ायोनी की मौत और दो अन्य घायल हो गए। ज़ायोनी मीडिया ने बताया कि शनिवार रात को तेल अवीव के दक्षिण में लेवेंटाइन स्ट्रीट पर गोलीबारी की घटना हुई जिसमें चाकू से हमला किया गया।
अमेरिका/ अमेरिका द्वारा यूरोप में आधुनिक परमाणु हथियारों की तैनाती
यूएस नेशनल न्यूक्लियर सिक्योरिटी के प्रमुख जिल हर्बी ने हडसन संस्था में भाषण देत हुए कहा, अमेरिका ने अपने प्राथमिक थर्मोन्यूक्लियर हथियार का आधुनिकीकरण पूरा कर लिया है और इस गुरुत्वाकर्षण बम के B61-12 प्रकार को नाटो परमाणु हथियार साझाकरण कार्यक्रम के तहत यूरोप में सैन्य अड्डों पर तैनात किया गया है।
ईरान/ इराक़ को नवीन टेक्नालाजीज़ देने को ईरान तैयार
ईरान के विज्ञान, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी मंत्री हुसैन सीमाई ने नवीन विज्ञान में इराक के साथ सहयोग की तेहरान की तत्परता का एलान करते हुए कहा: ईरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नैनो टेक्नालाजी और क्वांटम जैसे उभरते क्षेत्रों में इराकी विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग के लिए तैयार है।
श्री सीमाई ने टेक्नालाजी विकास केंद्र और विज्ञान और प्रौद्योगिकी पार्क बनाने के क्षेत्र में परामर्श सहयोग और ईरान के अनुभवों को इराक़ स्थानांतरित करने को दोनों देशों के बीच वैज्ञानिक सहयोग की एक महत्वपूर्ण धुरी क़रार दिया और कहा: हम तकनीशियन प्रशिक्षण के क्षेत्र में नेशनल स्किलिंग यूनिवर्सिटी के अनुभवों को इराक स्थानांतरित करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
रूस और ईरान का संकल्प, हर मुश्किल में रहेंगे साथ
रूस की यात्रा पर गए ईरान के राष्ट्रपति और पुतिन की मुलाक़ात पर दुनियाभर की नजरें जमी हुई हैं। राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान रूस के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाक़ात की। इस दौरे में रूस और ईरान ने कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जिनसे दोनों देशों के आर्थिक और सैन्य संबंध गहरे होंगे।
दोनों देशों पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों को देखते हुए ये समझौते काफ़ी अहम हैं और माना जा रहा है कि यह पश्चिमी ताक़तों के लिए चिंता की वजह बन सकता है।
समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संवाददाताओं से कहा कि रूस और ईरान मज़बूती से विदेशी दबाव का सामना करेंगे। मसूद पेज़ेश्कियान ने भी इस समझौते को दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग में एक नया अध्याय बताया और कहा कि "ईरान की नेबरहुड पॉलिसी में रूस की एक ख़ास जगह है।
बता दें कि इस बीच दोनों देशों ने 20 वर्षीय ‘मिलिट्री’ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
दोनों देशों के बीच हुए समझौते की खास बातें यह हैं कि "रूस या ईरान में से अगर किसी पर हमला हुआ तो दुश्मन से हाथ नहीं मिलाया जाएगा। दोनों देश रक्षा तकनीक में एक-दूसरे की मदद करेंगे। संयुक्त युद्धाभ्यास और रक्षा सहयोग को बढ़ाएंगे। पश्चिमी देशों के आर्थिक प्रतिबंधों को नहीं मानेंगे और मिलकर सामना करेंगे। रूस-ईरान के बीच अपना पैमेंट सिस्टम विकसित करेंगे जैसे कि रुपये-रूबल का है। पश्चिमी प्रोपेगैंडा का मिलकर सामना करेंगे। अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में एक-दूसरे को सहयोग करेंगे यानी बदलते वर्ल्ड आर्डर में साथ रहेंगे।
सुप्रीम लीडर ने दो शहीद न्यायाधीशों की नमाज़े जनाज़ा पढ़ाई
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह खामेनई के नेतृत्व मे रविवार को दो शहीद न्यायाधीशों, शेख अली राज़ीनी और शेख मोहम्मद मुकीसेह की नमाज़े जनाज़ा अदा की गई।
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह खामेनई के नेतृत्व मे रविवार को दो शहीद न्यायाधीशों, शेख अली राज़ीनी और शेख मोहम्मद मुकीसेह की नमाज़े जनाज़ा अदा की गई।
ये दोनों शहीद न्यायपालिका के प्रतिष्ठित और साहसी न्यायाधीश थे, जो शनिवार को अपने सेवा स्थल पर शहीद हो गए।
ईरानी छात्रों ने विश्व आविष्कार ओलंपियाड में 3 स्वर्ण और रजत पदक जीते
ईरान के नौजवान आविष्कारकों ने 2025 दक्षिण कोरिया अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक अनुसंधान और आविष्कार प्रतियोगिता में दो स्वर्ण पदक और एक रजत पदक जीता।
16 और 17 जनवरी को आयोजित इस टूर्नामेंट में दक्षिण कोरिया, ईरान, अमेरिका, न्यूज़ीलैंड, क़ज़ाकिस्तान, इंडोनेशिया, मलेशिया और चीन सहित 13 देशों के प्रतिभागियों ने भाग लिया था।
इस प्रतियोगिता में शामिल टीमों ने मेक्ट्रोनिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, प्रोग्रामिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, रसायन विज्ञान और नैनो, बायो टेक्नालाजी और काग्नेटिव साइंस, नवीन एनर्जी, भौतिक और खगोल विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा की।
ईरानी छात्रों की वैज्ञानिक टीम के प्रमुख मेहदी रशीदी जहान" ने एलान किया: "अली रज़ा जाफ़र नेजाद" और "मेहरान रजबी" की टीम ने मेक्ट्रोनिक्स के क्षेत्र में स्वर्ण पदक जीता जबकि "मोईद रजबी" और "हेलना रजबी" की टीम ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्वर्ण पदक जीता। दूसरी ओर ने ईरान को 2025 दक्षिण कोरिया अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक अनुसंधान और आविष्कार प्रतियोगिता में 2 स्वर्ण दिलाए।
रशीदी जहान ने यह बताते हुए कि चुनिन्दा टीमों के लेख विश्वसनीय कोरियाई पत्रिकाओं में प्रकाशित किए जाएंगे। उनका कनहा था कि रसायन विज्ञान और नैनो के क्षेत्र में "ताहा कनआनी" और "मोहम्मद हुसैन रहमानी" की टीम ने भी इस प्रतियोगिता में रजत पदक जीता।
ट्रंप की वापसी के साथ अवैध प्रवासियों के खिलाफ बड़ा अभियान
एक रिपोर्ट के मुताबिक,रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप जो अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले हैं सत्ता में वापसी के बाद वह अवैध प्रवासियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाएंगे।
,एक रिपोर्ट के अनुसार ,एक रिपोर्ट के मुताबिक,रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप जो अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले हैं सत्ता में वापसी के बाद वह अवैध प्रवासियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाएंगे।
यह अभियान पूरे सप्ताह तक जारी रहेगा और इसका संचालन अमेरिका के आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग (ICE) द्वारा किया जाएगा, जिसके लिए 100 से 200 कर्मियों को तैनात किया गया है।
ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान अवैध प्रवास को रोकने और देश में कानून और व्यवस्था को मजबूत करने का वादा किया था उन्होंने इस महीने की शुरुआत में कहा था शपथ ग्रहण समारोह के तुरंत बाद हम अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़े आंतरिक निष्कासन अभियान की शुरुआत करेंगे।
इस अभियान का उद्देश्य न केवल शिकागो बल्कि पूरे अमेरिका में अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई करना है। रॉयटर्स से बातचीत में एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि यह कार्रवाई केवल एक शहर तक सीमित नहीं रहेगी।
उन्होंने कहा,आप न्यूयॉर्क, मियामी और अन्य प्रमुख शहरों में भी गिरफ्तारी देखेंगे यह एक व्यापक अभियान होगा जो पूरे देश में समान रूप से लागू किया जाएगा।आलोचकों ने हालांकि इस अभियान की तीखी आलोचना की है और इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया है।
वहीं ट्रंप समर्थकों का मानना है कि यह कदम अमेरिका में अवैध प्रवास की समस्या को जड़ से खत्म करेगा और देश को अधिक सुरक्षित बनाएगा यह देखना बाकी है कि यह अभियान कितना सफल होता है और इसका अमेरिका के राजनीतिक माहौल और सामाजिक ताने-बाने पर क्या प्रभाव पड़ता हैं।