रूस की यात्रा पर गए ईरान के राष्ट्रपति और पुतिन की मुलाक़ात पर दुनियाभर की नजरें जमी हुई हैं। राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान रूस के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाक़ात की। इस दौरे में रूस और ईरान ने कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जिनसे दोनों देशों के आर्थिक और सैन्य संबंध गहरे होंगे।
दोनों देशों पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों को देखते हुए ये समझौते काफ़ी अहम हैं और माना जा रहा है कि यह पश्चिमी ताक़तों के लिए चिंता की वजह बन सकता है।
समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संवाददाताओं से कहा कि रूस और ईरान मज़बूती से विदेशी दबाव का सामना करेंगे। मसूद पेज़ेश्कियान ने भी इस समझौते को दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग में एक नया अध्याय बताया और कहा कि "ईरान की नेबरहुड पॉलिसी में रूस की एक ख़ास जगह है।
बता दें कि इस बीच दोनों देशों ने 20 वर्षीय ‘मिलिट्री’ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
दोनों देशों के बीच हुए समझौते की खास बातें यह हैं कि "रूस या ईरान में से अगर किसी पर हमला हुआ तो दुश्मन से हाथ नहीं मिलाया जाएगा। दोनों देश रक्षा तकनीक में एक-दूसरे की मदद करेंगे। संयुक्त युद्धाभ्यास और रक्षा सहयोग को बढ़ाएंगे। पश्चिमी देशों के आर्थिक प्रतिबंधों को नहीं मानेंगे और मिलकर सामना करेंगे। रूस-ईरान के बीच अपना पैमेंट सिस्टम विकसित करेंगे जैसे कि रुपये-रूबल का है। पश्चिमी प्रोपेगैंडा का मिलकर सामना करेंगे। अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में एक-दूसरे को सहयोग करेंगे यानी बदलते वर्ल्ड आर्डर में साथ रहेंगे।