सीएनएन ने जाएज़ा पेश किया है कि ज़ायोनी शासन द्वारा ग़ज़ा युद्ध के लिए हालिया संघर्ष विराम समझौते को मंजूरी देने से इस शासन के भीतर गहरे मतभेद उभर कर सामने आ गए हैं जो युद्ध विराम और बेन्यामीन नेतन्याहू के राजनीतिक भविष्य दोनों को ख़तरे में डाल सकता है।
ज़ायोनी शासन के कुछ कैबिनेट मंत्रियों ने जिनमें इस्राईल के आंतरिक सुरक्षा मंत्री "इतामार बेन गुइर" भी शामिल थे, हमास से समझौते का कड़ा विरोध किया और यहां तक कि बेन गुइर ने कैबिनेट से इस्तीफा तक दे दिया, लेकिन इस्राईल के विदेशमंत्री "गदऊन सार" ने स्वीकार किया कि वे युद्ध के लक्ष्यों को हासिल नहीं कर सके और अनिवार्य रूप से एक समझौते पर पहुंच गये हैं।
सीएनएन के विश्लेषक "मिक क्रेवर" के एक समीक्षा में लिखा कि: इस हक़ीक़त को मूर्ख मत बनने दीजिए कि इज़राइल ने ग़ज़ा में युद्धविराम को मंजूरी दे दी है, इजराइली राजनीति के भीतर गहरे मतभेद चल रहे हैं जो इसे जारी रखने के रास्ते में गंभीर समस्या पैदा कर सकते हैं।
इस विश्लेषण में कहा गया है: नेतन्याहू अब युद्धविराम समझौते पर सहमत हो गए हैं, जबकि पिछले साल फ़रवरी उन्होंने इसी तरह के समझौते के जवाब में दावा किया था: हमने हमास की किसी भी प्रकार की भ्रामक मांग पर प्रतिबद्ध नहीं किया है, मैंने स्टेट सचिव एंटनी ब्लैंकिन से कहा कि हम पूरी तरह से जीत के क़रीब हैं।
उनका यह रुख़ ज़ाहिर करता है कि ज़ायोनी शासन ने ग़ज़ा युद्ध में अपने किसी भी लक्ष्य को हासिल किये बिना ही वर्तमान युद्धविराम समझौते को मंजूरी दे दी है।
सीएनएन विश्लेषक ने इसे स्पष्ट रूप से स्वीकार किया और लिखा: जिस प्रस्तावित समझौते की नेतन्याहू ने आलोचना की, उसमें व्यापक युद्ध विराम, इज़राइली सैनिकों की चरणबद्ध वापसी और सैकड़ों फ़िलिस्तीनी क़ैदियों की रिहाई शामिल थी, ये बिल्कुल वही बातें हैं जिन्हें नेतन्याहू ने अब स्वीकार कर लिया है।
हालांकि हमास कमज़ोर हो गया है लेकिन इज़राइल ने वह "पूर्ण जीत" हासिल नहीं की है जिसका नेतन्याहू ने बहुत पहले वादा किया था।
सीएनएन विश्लेषक ने लिखा: कैबिनेट में नेतन्याहू के चरमपंथी सहयोगी, नेतन्याहू के अचानक अपने नज़रिए से पीछे हटने से हैरान व परेशान हैं।
ज़ायोनी कैबिनेट के आंतरिक सुरक्षा मंत्री इतामार बेन गोइर ने युद्धविराम समझौते के जवाब में शुक्रवार को एलान किया कि: मैं कैबिनेट छोड़ दूंगा क्योंकि जिस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं, वह विनाशकारी है।"
सीएनएन विश्लेषक ने लिखा: बेन गुइर ने कहा कि यदि युद्धविराम और बंधकों की रिहाई पर समझौता होता है तो उनकी पार्टी, जिसे "यहूदी पॉवर" पार्टी के रूप में जाना जाता है, कैबिनेट में नेतन्याहू के साथ गठबंधन से निकल जाएगी।
उनका जाना, नेतन्याहू की कैबिनेट के गिरने के लिए पर्याप्त नहीं है लेकिन जो बात कैबिनेट के गिरने का कारण बन सकती है, वह यह है कि वित्तमंत्री बेज़ालील स्मोट्रिच भी नेतन्याहू के गठबंधन को छोड़कर बेन गुइर से हाथ मिला लें।
स्मोट्रिच, जो एक धुर दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी नेता भी हैं, यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ग़ज़ा में शांति स्थायी न हो और इज़राइल 42-दिवसीय युद्धविराम की समाप्ति के बाद जिसके परिणामस्वरूप 33 बंधकों की रिहाई होनी है, युद्ध के दौरान में दोबारा लौट आए ।