ईरान व भारत की समृद्ध संस्कृति की वर्तमान मानव समाज को आवश्यकता है।

Rate this item
(0 votes)

ईरान व भारत की समृद्ध संस्कृति की वर्तमान मानव समाज को आवश्यकता है।इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति ने इस बात का वर्णन करते हुए कि ईरान व भारत के मध्य इतिहासिक व सांस्कृतिक समानताएं अत्याधिक हैं कहा कि दोनों देशों की समृद्ध संस्कृति की वर्तमान मानव समाज को आवश्यकता है और विश्व की वर्तमान परिस्थितियों में हमारा कर्तव्य है कि हम अपने संबंधों में विस्तार का दृढ़ संकल्प किये रहें।

राष्ट्रपति महमूद अहमदी नेजाद ने शनिवार की रात तेहरान में भारतीय विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद से भेंट में ईरान व भारत के संबंधों को पुराना तथा मैत्रीपूर्ण बताते हुए कहा कि ईरान व भारत ने सदैव ही न्याय व मित्रता के आधार पर मानवीय संस्कृति की रचना का प्रयास किया है। राष्ट्रपति ने इस बात का उल्लेख करते हुए कि अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां राष्ट्रों के हित में बड़ी तेज़ी से बदल रही हैं कहा कि वर्तमान विश्व व्यवस्था राजनीतिक, सांस्कृतिक व आर्थिक दृष्टि से बंद गली में पहुंच गयी है और विश्व में शक्ति के समीकरण मूल रूप स न्याय, मित्रता व शांति के हित में बदल जाएंगे। उन्होंने कहा कि मानवता को एसे विश्व की आवश्यकता है जहां देशों और राष्ट्रों के संबंध, न्याय व मित्रता पर बनें और उन्हें विकास व प्रगति का उचित अवसर मिले। ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि साम्राज्यवादी जितना दबाव बढ़ाएगें हम उतना ही मज़बूत होंगे और जब इन दबावों से निकल जाएंगे तो हम एक योग्य, न्यायप्रेमी अंतरराष्ट्रीय शक्ति होंगे और दोनों देशों के सामने एसा ही भविष्य है। राष्ट्रपति महमूद अहमदी नेजाद ने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान, भारत के विकास से प्रसन्न है क्योंकि वह भारत के विकास को अपना विकास समझता है। इस भेंट में भारत के विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद ने भी ईरान पड़ने वाले विभिन्न दबावों की ओर संकेत करते हुए कहा कि हमें ईरानी राष्ट्र पर पड़ने वाले इन दबावों के उद्देश्यों का पता है और हमें विश्वास है कि इन समस्याओं का ईरानी राष्ट्र के संकल्प पर कोम प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारतीय विदेशमंत्री ने ईरान के साथ विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग विस्तार की इच्छा प्रकट की।

भारतीय विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद ईरान व भारत के संयुक्त आर्थिक सहयोग आयोग की १७वीं बैठक में भाग लेने के लिए शुक्रवार की रात तेहरान पहुंचे हैं।

 

Read 1425 times