हज का उद्देश्य एक उत्तम इंसान बनाना है।मौलाना इब्ने हसन अमलवी वाइज़

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हज का उद्देश्य एक उत्तम इंसान बनाना है।मौलाना इब्ने हसन अमलवी वाइज़

मौलाना इब्ने हसन अमलवी वाइज़ ने कहां,ख़ाना-ए-काबा किसी एक क़ौम या क़बीले के लिए नहीं, किसी ख़ास देश या समुदाय के लिए नहीं है, बल्कि इसकी तामीर और बुनियाद का मक़सद खुद परवरदिगार ने क़ुरआन-ए-मजीद में साफ़ तौर पर इस तरह बयान किया है

ख़ाना-ए-काबा किसी एक क़ौम या क़बीले के लिए नहीं, किसी ख़ास देश या समुदाय के लिए नहीं है, बल्कि इसकी तामीर और बुनियाद का मक़सद खुद परवरदिगार ने क़ुरआन-ए-मजीद में साफ़ तौर पर इस तरह बयान किया है निःसंदेह सबसे पहला घर जो ज़मीन पर इंसानों के लिए बनाया गया, वह मक्का मुक़र्रमा में है, जो तमाम जहानों के लिए हिदायत और बरकत का केंद्र है।
और जब काबा की तामीर मुकम्मल हो गई, तो अल्लाह ने हज़रत इब्राहीम (अ.स.) को हुक्म दिया,ऐ इब्राहीम लोगों को हज के लिए पुकारो।

इसका साफ़ मतलब यह है कि काबा का मक़सद वैश्विक अमन व शांति की स्थापना करना, पूरी मानवता को इंसानियत, हमदर्दी और एकजुटता की तरफ़ बुलाना है, और इंसान को एक बेहतरीन और ऊँचे दर्जे का इंसान बनने की कोशिश की प्रेरणा देना है।

ऐसा इंसान, जिसका तसव्वुर मशहूर शायर मिर्ज़ा ग़ालिब ने अपने शेर में इस तरह किया है,बस कि दुश्वार है हर काम का आसां होना, आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसां होना।याद रखिए,आदमी” होना एक बात है और “इंसान” होना दूसरी बात। मेरी गुज़ारिश है कि आप यहाँ से “आदमी” बनकर जाएं और “अच्छे इंसान” बनकर लौटें।

इन विचारों का इज़हार हुज्जतुल इस्लाम, हाजी मौलाना इब्ने हसन अमलवी (सदरुल अफाज़िल, वाइज़) संस्थापक और संरक्षक हसन इस्लामिक रिसर्च सेंटर अमलो मुबारकपुर और प्रवक्ता, मज़मआ उलमा व वाइज़ीन पूरवांचल ने दिनांक 9 मई, शुक्रवार को मौलाना अली मियां नदवी हज हाउस, सरोजिनी नगर, लखनऊ में हज यात्रियों की फ्लाइट रवाना होने के अवसर पर आयोजित दुआ कार्यक्रम में मुख्य भाषण के दौरान व्यक्त किए।

कार्यक्रम की शुरुआत हाजी सईद हसन साहब लखनवी द्वारा हज यात्रा से जुड़ी सुरक्षा जानकारियों की प्रस्तुति से हुई।

अंत में,उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी द्वारा आयोजित इस दुआ कार्यक्रम के संचालक और संरक्षक मुफ़्ती आफ़ताब आलम साहब नदवी (मुबल्लिग़, नदवतुल उलमा)ने हज और उमरा के वाजिबात व मुस्तहबात पर रोशनी डालते हुए दुआ की अहमियत और फ़ायदों पर विस्तार से चर्चा की।

मुफ़्ती साहब ने बताया कि आज शिया हज यात्रियों की फ्लाइट रवाना हो रही है, इसलिए एक शिया आलिम और ख़तीब को भी विशेष रूप से कार्यक्रम में बुलाया गया जो अपने आप में एक नया और अहम क़दम है।

इंटरव्यू के दौरान मुफ़्ती साहब ने यह भी बताया कि आज की फ्लाइट में कोई भी महिला बिना हिजाब के नहीं है जो कि उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी की बेहतरीन सेवाओं का नतीजा है।

इस मौके पर तीन हज इंस्पेक्टरों ने भी अपना परिचय दिया और हाजियों को हर संभव मदद देने का भरोसा दिलाया।कार्यक्रम का समापन मुफ़्ती आफ़ताब आलम नदवी साहब की दुआ के साथ हुआ।

कार्यक्रम से पहले,उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी के सचिव श्री एस.पी. तिवारी को उनके दफ्तर में मौलाना इब्ने हसन अमलवी साहब द्वारा उर्दू में लिखा गया एक धन्यवाद पत्र हाजी मास्टर सागर हुसैनी साहब (हज इंस्पेक्टर) के माध्यम से सौंपा गया, जिसे उन्होंने पहले पढ़ा, फिर मुस्कराकर दस्तखत कर स्वीकार किया और आफिसर आरिफ रऊफ साहब को हिदायत दी कि इस पत्र को फाइल में सुरक्षित रखें।

श्री मोहम्मद जावेद खान (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) ने हमारे संवाददाता से बातचीत में बताया कि आज की फ्लाइट में कुल 288 हाजी रवाना किए जा रहे हैं 76 शिया हाजी 7 बिहार से 156 मऊ से और 77 आज़मगढ़ से शामिल हैं।

यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों में केंद्र और राज्य हज कमेटियों की सेवाएं जैसे कि हज इंस्पेक्टरों का चयन आदि की वजह से इनकी लोकप्रियता में काफ़ी इज़ाफा हुआ है।हज कमेटी ऑफ इंडिया हाजियों को हर संभव उत्तम सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से तत्पर और प्रतिबद्ध है।

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