ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव ने अमेरिका के साथ हो रही अप्रत्यक्ष वार्ताओं में ईरान की अटल नीतियों पर ज़ोर देते हुए चेतावनी दी और कहा कि धमकी और ज़बरदस्ती किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।
ईरान और अमेरिका ने इस वर्ष 12 अप्रैल से ओमान की मध्यस्थता में अप्रत्यक्ष वार्ताएं शुरू की हैं।
ईरानी छात्र समाचार एजेंसी (ISNA) के हवाले से बताया है कि ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली अकबर अहमदियान ने बृहस्पतिवार को तेहरान के इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडरों के सम्मेलन में कहा कि जिस तरह दबाव और धमकी की स्थिति में सीधी वार्ता करना नासमझी और सम्मानहीनता है, उसी तरह समानता और धमकी रहित परिस्थितियों में वार्ता करना बुद्धिमत्तापूर्ण और सम्मानजनक होता है।
अहमदियान ने क्षेत्रीय परिवर्तनों की ओर भी संकेत करते हुए कहा कि प्रतिरोध का मोर्चा अपनी क्षमताओं को पुनः मज़बूत करके और नये परिवर्तनों की ज़रूरतों को पहचान कर पहले से भी अधिक शक्ति के साथ राष्ट्रों के वास्तविक दुश्मन के सामने खड़ा है।
ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव ने अपने भाषण के एक अन्य भाग में ईरानी राष्ट्र के विरुद्ध दुश्मन द्वारा चलाये जा रहे संचारिक युद्ध की ओर संकेत करते हुए कहा कि जनता को निराश करना, समस्याओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना, राजनीतिक और सामाजिक विभाजनों को सक्रिय करना, और अधिकारियों के बीच, अधिकारियों व जनता के बीच, तथा स्वयं जनता के विभिन्न वर्गों के बीच फूट डालना, आज दुश्मन की प्राथमिक रणनीति बन चुका है।