बक़ाईः यमनी लोगों ने पश्चिम को चौंका दिया

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बक़ाईः यमनी लोगों ने पश्चिम को चौंका दिया

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता "इस्माइल ब़काई" ने कहा कि तेहरान और तीन यूरोपीय देशों ब्रिटेन, फ्रांस व जर्मनी की इस्तांबुल बैठक ईरान के परमाणु मुद्दे पर इन देशों के रुख और दृष्टिकोण को सही करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

बक़ाई ने आशा व्यक्त की कि ये तीनों देश पिछली अरचनात्मक नीतियों को सुधारने के लिए इस अवसर का उपयोग करेंगे, जिन्होंने यूरोप की वार्ता विश्वसनीयता को कमजोर किया और उसे एक सीमांत खिलाड़ी बना दिया।

 यूरोपीय देशों द्वारा "स्नैपबैक" तंत्र का उपयोग करने की बार-बार की जाने वाली धमकियों के बारे में बक़ाई ने कहा: "ईरानी परमाणु मुद्दे को निर्धारित समय पर सुरक्षा परिषद की एजेंडा सूची से हटाने से इनकार करने का कोई औचित्य नहीं है।"

 "इन तीनों यूरोपीय देशों ने जेसीपीओए में अपने दायित्वों के प्रति अपने रुख और कार्यों के कारण, ऐसे तंत्र का सहारा लेने का अधिकार या योग्यता खो दी है।"

  1. पिछले एक महीने में ग़ाज़ा में 1000 फिलिस्तीनी बच्चों की शहादत

इज़रायली अख़बार हाअरेत्ज़ ने रिपोर्ट दी कि पिछले महीने ग़ाज़ा पट्टी पर हमलों के दौरान इज़राइली सेना ने लगभग 1000 फिलिस्तीनी बच्चों को शहीद कर दिया।

  1. पाकिस्तानी सेना प्रमुख की चीन के उच्चाधिकारियों से बैठक

पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनिर ने शुक्रवार को बीजिंग में चीन के शीर्ष राजनीतिक-सैन्य अधिकारियों के साथ मुलाकात की। उन्होंने दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने और भू-राजनीतिक परिवर्तनों के तहत आपसी समर्थन के प्रति इस्लामाबाद की प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया।

  1. कोलंबिया के राष्ट्रपति का ज़ायोनी विरोधी रुख

कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह सेना प्रमुख के रूप में हर उस जहाज़ को ज़ब्त करने का आदेश देंगे जो कोयला लेकर अवैध अधिकृत फिलिस्तीनी भूमि यानी इज़राइल की ओर जा रहा हो। उन्होंने बल देकर कहा कि उनका देश ग़ाज़ा में फिलिस्तीनियों के खिलाफ़ ज़ायोनी शासन के नरसंहार में किसी भी तरह की सहभागिता या साठगांठ नहीं करेगा।

  शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का मीडिया सम्मेलन

23 से 27 जुलाई, 2025 तक चीन के हेनान प्रांत की राजधानी झेंग्झौ शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के मीडिया और थिंक टैंक्स का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इसमें 400 से अधिक प्रतिनिधि-मीडिया, शोध संस्थानों और वार्ताकार देशों के विचारक शामिल हो रहे हैं। इसका उद्देश्य मीडिया सहयोग को मजबूत करना, जन-केंद्रित आदान-प्रदान बढ़ाना और "शंघाई की भावना" के तहत राष्ट्रों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देना है।

  1. ईरान के संचार उपग्रह "नाहीद-2" का सफ़ल प्रक्षेपण

ईरान के संचार एवं शोध उपग्रह "नाहीद-2" को रूसी प्रक्षेपण यान "सोयुज" के ज़रिए अंतरिक्ष में भेजा गया। यह प्रक्षेपण एक बहु-उपग्रह मिशन का हिस्सा था, जिसमें रूस के "आयनोस्फीयर-एम3" और "एम4" सहित 18 अन्य उपग्रह ईरान समेत कई देशों के शामिल थे।

  1. ग़ाज़ा नरसंहार के खिलाफ़ दुनियाभर में विरोध प्रदर्शन

ईरान, यमन, अमेरिका, लेबनॉन सहित दुनिया के कई भागों में लोगों ने ग़ाज़ा में नरसंहार और मानवीय संकट के खिलाफ़ प्रदर्शन किए। प्रदर्शनकारियों ने ग़ाज़ा में तत्काल मानवीय सहायता पहुँचाने की मांग की। यह विरोध तब जारी है जब मानवाधिकार संगठन ग़ाज़ा में बिगड़ती हालात को लेकर चेतावनी दे रहे हैं।

  1. लेबनानी क्रांतिकारी: प्रतिरोध को और मजबूत करना चाहिए

जॉर्ज अब्दुल्लाह, वरिष्ठ लेबनानी क्रांतिकारी जो 41 साल की फ्रांसीसी जेल के बाद रिहा होकर लेबनान लौटे हैं, ने शुक्रवार को प्रतिरोध को तेज़ करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा: "फिलिस्तीन में प्रतिरोध की ज्वाला को और भड़काना चाहिए।"

 "अरब देशों का फिलिस्तीनियों और ग़ाज़ा के निवासियों के दर्द को मूक दर्शक बने रहना शर्मनाक है।"

  1. 12-दिवसीय युद्ध में ईरान की जीत के तीन मुख्य कारण

ईरानी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ़ के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल अबुलफज़ल शिकारची ने गुरुवार रात कहा कि एकता, नेतृत्व की दूरदर्शिता और जनता की दृढ़ता ईरान की 12-दिवसीय युद्ध में जीत के तीन प्रमुख कारण थे। उन्होंने बताया:

 "यह युद्ध इस्लामी व्यवस्था को उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, लेकिन ज़ायोनियों और उनके वैश्विक समर्थकों की शर्मनाक हार के साथ समाप्त हुआ।"

 यमन: "हमारे पास पश्चिम को हैरान करने के लिए चीज़ें हैं

यमन की रक्षा एवं सुरक्षा समिति के अध्यक्ष ब्रिगेडियर यहिया मुहम्मद अल-महदी ने शुक्रवार को अमेरिका और पश्चिम की ओर से यमन को धमकियों के जवाब में चेतावनी दी: "यदि अमेरिका और यूरोप फ़िर से सैन्य टकराव की ओर बढ़ते हैं, तो यमन द्वारा तैयार की गई योजनाओं से वे आश्चर्यचकित रह जाएंगे।"

 "यमन आज एक शक्ति बन चुका है और उसके पास अमेरिका व पश्चिम के आधुनिकतम हथियारों को निष्क्रिय करने के लिए पर्याप्त साधन हैं। हमने उनके लिए कई आश्चर्य तैयार किए हैं।"

 लाल सागर में पिछला आश्चर्य

उन्होंने याद दिलाया कि लाल सागर में पहले ही यमन ने दुनिया को दिखा दिया था कि कैसे 24 घंटे के भीतर दो युद्धपोतों को डुबोया गया। उन्होंने कहा:

 बड़ी शक्तियों के बेड़े, विमानवाहक जहाज़ और बचाव दल भी उन जहाजों को नहीं बचा सके।"

 "यदि अमेरिका यमन पर हमला करने की ग़लती करता है तो उसे और भी बड़े आश्चर्य' का सामना करना पड़ेगा।

 

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