बहरैन में इज़राइली राजदूत की वापसी पर जनता का गुस्सा और आक्रोश, सड़कों पर उग्र प्रदर्शन

Rate this item
(0 votes)
बहरैन में इज़राइली राजदूत की वापसी पर जनता का गुस्सा और आक्रोश, सड़कों पर उग्र प्रदर्शन

बहरैन में इज़राइली राजदूत की वापसी के बाद पूरे देश में तनाव बढ़ गया है और जनता ने सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है। मनामा समेत कई शहरों में लोग सड़कों पर उतर आए और इज़राइल के साथ संबंध सामान्य करने के खिलाफ जोरदार नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पों की भी खबरें आई हैं।

बहरैन में इज़राइली राजदूत की वापसी के बाद पूरे देश में तनाव बढ़ गया है और जनता ने सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है। मनामा समेत कई शहरों में लोग सड़कों पर उतर आए और इज़राइल के साथ संबंध सामान्य करने के खिलाफ जोरदार नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पों की भी खबरें आई हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने देर शाम प्रदर्शनों के दौरान इज़राइल विरोधी नारे लगाए और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश देने की कोशिश की कि बहरीन के लोग इज़राइल समर्थक नीतियों के खिलाफ हैं। प्रदर्शनकारियों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि "बहरैन राष्ट्र" सरकार के ज़ायोनी एजेंडे के लिए ज़िम्मेदार नहीं है।

यह विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब बहरीन के विदेश मंत्री अब्दुल्लातिफ़ बिन राशिद अल-ज़यानी ने 27 अगस्त, 2025 को नए इज़राइली राजदूत "शमूएल रोएल" के परिचय पत्र स्वीकार किए। गौरतलब है कि 2023 में ग़ज़्ज़ा युद्ध के बाद बहरैन ने तेल अवीव से अपने राजदूत को वापस बुला लिया था और दोनों देशों के बीच संबंध निलंबित कर दिए गए थे।

दो साल बाद इज़राइली राजदूत की वापसी ने बहरैन के विभिन्न हिस्सों में जनाक्रोश को और भड़का दिया है। विरोध प्रदर्शन मनामा, दाराज़ और अन्य शहरों में फैल गए हैं, जहाँ प्रदर्शनकारियों ने सरकार के फैसले को खारिज कर दिया और इज़राइल के साथ संबंधों को "राष्ट्र-विरोधी नीति" बताया।

विरोध प्रदर्शनों के वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किए जा रहे हैं, जिनमें सार्वजनिक नारेबाजी और सुरक्षा बलों द्वारा बल प्रयोग के दृश्य दिखाई दे रहे हैं।

Read 15 times