फिलिस्तीन को स्वीकार करने की मांग में तेज़ी, वैश्विक स्तर पर हलचल

Rate this item
(0 votes)
फिलिस्तीन को स्वीकार करने की मांग में तेज़ी, वैश्विक स्तर पर हलचल

 यूरोपीय और जापानी संसदों में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की जोरदार मांग, संयुक्त राष्ट्र में न्यूयॉर्क घोषणा पर मतदान के लिए बैठक, प्रतिभागियों ने ग़ज़्ज़ा में तत्काल युद्ध विराम का आह्वान किया।

इज़राइल द्वारा फिलिस्तीनियों पर बढ़ते अत्याचारों के कारण वैश्विक स्तर पर फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देने की मांग तेज़ हो गई है। शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में "न्यूयॉर्क घोषणा" पर बैठक आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच दो-राज्य समाधान को फिर से सक्रिय करना था। इस प्रस्ताव में हमास का कोई शामिल नहीं होगा, और युद्ध समाप्त होने के बाद ग़ज़ा में हमास का प्रभुत्व समाप्त कर फिलिस्तीनी प्राधिकरण को जिम्मेदारी सौंपने की बात कही गई है। प्रस्ताव को फ्रांस और सऊदी अरब ने पेश किया है, जिसे 17 देशों ने समर्थन दिया है।

इसी क्रम में 22 सितंबर को न्यूयॉर्क में एक शिखर सम्मेलन आयोजित होगा, जिसमें फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता मिलने की संभावना है। यूरोपीय संसद ने भी इस मुद्दे पर वोट किया और सदस्य देशों से फिलिस्तीन राज्य को स्वीकार करने का आह्वान किया है। जापान में भी सांसदों ने फिलिस्तीन को मान्यता देने की मांग की है, और सरकार इस पर विचार कर रही है।

इज़राइल के द्वारा 7 अक्टूबर 2023 के बाद से फिलिस्तीन में किए गए अत्याचारों के परिणामस्वरूप अब तक लगभग 65,000 फिलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं। इसके बाद अमेरिकी सीनटरों ने इज़राइल को ग़ज़ा में नस्लीय जनसंहार का दोषी ठहराया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय फिलिस्तीन को मान्यता देने की प्रक्रिया में तेजी लाने पर जोर दे रहा है।

अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद फिलिस्तीन को स्वीकार करने की प्रक्रिया में तेजी आई है, और यह सवाल अब वैश्विक मंच पर प्रमुख चर्चा का विषय बन चुका है।

Read 8 times