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तेल अवीव: एंटोनियो गुटेरेस के इज़राइल में प्रवेश पर प्रतिबंध
तेल अवीव ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के इज़राइल में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। इज़राइल के अनुसार, ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि "एंटोनियो गुटेरेस इज़राइल पर ईरान के हमले की स्पष्ट रूप से निंदा करने में विफल रहे हैं।"
तेल अवीव ने आज संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के इज़राइल में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। इजराइल के अनुसार ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि ''एंटोनियो गैट्रिस इजराइल पर ईरान के हमले की स्पष्ट रूप से निंदा करने में विफल रहे हैं।'' ईरान का यह हमला ऐसे वक्त हुआ है जब इजरायली सैनिकों ने लेबनान में जमीनी ऑपरेशन शुरू किया।
इस संदर्भ में तेल अवीव ने कहा, "फैसला किया है कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को इज़राइल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और जो कोई भी लगभग सभी देशों की तरह इजरायल पर ईरान के हमले की स्पष्ट रूप से निंदा नहीं करता है उसको इजरायली क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।"
ईरान द्वारा मंगलवार को इजराइल पर मिसाइलें दागे जाने के बाद गुटेरेस ने कहा कि उन्होंने मध्य पूर्व में संघर्ष बढ़ने की निंदा की और मांग दोहराई कि ''वे युद्ध की शुरुआत से ही एंटोनियो गुटेरेस की इजराइल विरोधी नीति का विरोध करते हैं.'' इजराइल का संयुक्त राष्ट्र से कई बार टकराव हो चुका है।
भारत की राम नगरी मे शहीद हसन नसरुल्लाह की स्मृति में शोक सभा
हिज़्बुल्लाह प्रमुख शहीद हसन नसरुल्लाह की शहादत पर भारत के अयोध्या में शोक सभाएं की गईं और इजराइल की निंदा की गई।
लंका में घमंडी रावण का वध कर मानवता का पाठ पढ़ाने वाले भारत के पुरूषोत्तम श्रीराम ने हिजबुल्लाह प्रमुख शहीद हसन नसरल्लाह की शहादत पर उनकी जन्मस्थली अयोध्या में शोक मनाया।
बज़मे-अब्बासिया ने मोती मस्जिद में एक भव्य जलसे और मजलिस का आयोजन किया, जिसने न केवल अयोध्या में बल्कि पूरी दुनिया में सनसनी फैला दी।
मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना अजीम बाकरी ने हसन नसरुल्लाह को एक सच्चे देशभक्त, स्वतंत्रता सेनानी और मानवता के सेवक के रूप में याद किया। उन्होंने कहा कि हसन नसरल्लाह ने लेबनान में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई संस्थानों की स्थापना की और लेबनान के कुछ क्षेत्रों को इजरायली कब्जे से मुक्त कराया। उनके संघर्ष का मुख्य लक्ष्य फ़िलिस्तीन की मुक्ति और मुसलमानों के पहले किबला को इज़रायल के क़ब्ज़े से आज़ाद कराना था। उन्होंने फिलिस्तीन के उत्पीड़ितों पर मानवीय हमलों के लिए जिम्मेदार इजराइल के अत्याचारों की कड़ी निंदा की।
मौलाना काजिम ने भी मजलिस को संबोधित किया और गाजा में इजरायल द्वारा किए जा रहे अत्याचारों और मानवाधिकारों के उल्लंघन की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि जिस तरह भारत में हजारों देशभक्तों ने अंग्रेजों के खिलाफ अपनी जान कुर्बान कर दी, उसी तरह हसन नसरुल्लाह ने भी गाजा में इजराइल के जुल्म के खिलाफ आवाज उठाकर शहादत हासिल की। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत हमेशा फिलिस्तीन के साथ खड़ा है और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी फिलिस्तीन के समर्थक थे।
अहंकार और जुल्म के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक रही अयोध्या में इस तरह के आयोजन से दुनिया को यह संदेश गया कि मानवता और न्याय की लड़ाई हर युग में जारी रहेगी और इजराइल के अत्याचारों की हर मंच पर निंदा की जाएगी
भारत सरकार ने जारी की एडवाइजरी, ईरान यात्रा से बचें
मीडिल ईस्ट में क़त्लेआम मचा रहे इस्राईल के खिलाफ ईरान की जवाबी कार्रवाई के बाद इलाके में तनाव गहराने की आशंका है। ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल से हमले के बाद मिडिल ईस्ट में तनाव और बढ़ गया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने भारतीय नागरिकों को हवाई यात्रा को लेकर एडवाइजरी जारी की है।
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इस क्षेत्र में युद्ध की स्थिति पर सरकार की तरफ से पूरी निगरानी रखी जा रही है। केंद्र सरकार ने अपनी एडवाइजरी में कहा कि भारतीय नागरिकों को आगाह किया जाता है कि वे बिना बहुत जरूरी ईरान की यात्रा ना करें। सरकार ने ये भी कहा है कि जो भारतीय फिलहाल ईरान में रह रहे हैं उनको सलाह दी जाती है कि वे तेहरान में भारतीय दूतावास से संपर्क बनाए रखें।
संसार में सबसे भ्रष्ट अमेरिका है, उस पर विश्वास नहीं करना चाहिए
हौज़ा इल्मिया के एक शिक्षक ने कहा: अमेरिकी सरकार और ज़ायोनी राज्य मानवता के मूल्य को नहीं समझते हैं। पिछले 50 वर्षों से हमने देखा है कि अमेरिका विरोध में कोई कमी नहीं आई है, क्योंकि अमेरिका दुनिया में सबसे भ्रष्ट और कपटी है और उसने सबसे अधिक आपराधिक कृत्य किये हैं, इसलिए अमेरिका पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन सैयद हुसैन मोमिनी ने सैयद हसन नसरूल्लाह और प्रतिरोध धुरी के शहीदों की शहादत पर अपनी संवेदना व्यक्त की और कहा: एक यूरोपीय अनुसंधान केंद्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया इस समय एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक मोड़ पर है और इस मोड़ पर केवल चार देश ही पार कर सकते हैं।
मोमिनी ने कहा: इस अध्ययन के अनुसार, अमेरिका पहला देश है जो इस बिंदु को पार कर सकता है, उसके बाद चीन और रूस हैं, लेकिन चौथा देश ईरान है।
हौज़ा इल्मिया के शिक्षक ने कहा: ईरान के पास अन्य तीन देशों की तरह मजबूत अर्थव्यवस्था, परमाणु हथियार और परमाणु क्षमता नहीं है, फिर भी दुश्मन हमें दुनिया के चार सबसे शक्तिशाली देशों में से एक मानता है। पिछले 50 वर्षों से हमने देखा है कि अमेरिका अपनी दुश्मनी कम नहीं करता है, क्योंकि सबसे घिनौनी और आपराधिक कार्रवाई अमेरिका ने ही की है, इसलिए अमेरिका पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
सिडनी प्रदर्शन में हिजबुल्लाह का झंडा लहराने पर 19 वर्षीय लड़की पर मुक़दमा
ऑस्ट्रेलिया में फ़िलिस्तीन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन के दौरान हमास और हिज़बुल्लाह के झंडे लहराने के आरोप में पुलिस ने दो प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज किया है। फ़िलिस्तीनी समर्थक इसे बुनियादी अधिकारों पर हमला बता रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में समाज स्वतंत्र भाषण और अवैध गतिविधि के बीच अंतर पर विभाजित है।
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने सिडनी में एक प्रदर्शन में हिजबुल्लाह का झंडा लहराने के आरोप में एक 19 वर्षीय महिला को गिरफ्तार किया है। फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन में हमास का झंडा और हिजबुल्लाह नेता हसन नसरूल्लाह की तस्वीर प्रदर्शित करने के लिए भी मुक़दमा दर्ज किया गया है। इन विरोध प्रदर्शनों ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अवैध गतिविधियों की परिभाषा पर पुलिस, राजनीतिक नेताओं और समाज को विभाजित कर दिया है।
इस सप्ताह होने वाले विरोध प्रदर्शनों से पहले अधिकारी अलर्ट पर हैं, जो गाजा युद्ध मे इजरायल की एक साल की क्रूरता को चिह्नित करेगा। ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री ने 6 और 7 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। एबीसी ब्रॉडकास्टर को दिए एक बयान में, अल्बानीज़ ने कहा इसकी निगरानी वे स्वयं करेंगे। इसके अलावा, पुलिस ने भी इन प्रदर्शनों को रोकने का इरादा जताया है, हालांकि प्रदर्शन के लिए ज़िम्मेदार लोगों द्वारा प्रदर्शन की शांति के आश्वासन के बावजूद, पुलिस ने हिंसा की आशंका व्यक्त की है। विरोध प्रदर्शन के आयोजकों का कहना है कि पुलिस की कार्रवाई उनके विरोध करने के बुनियादी अधिकारों पर हमला है।''
हैफा पर हिज़्बुल्लाह के मिसाइल हमलों ने क़हर ढहाया
हिज़्बुल्लाह लेबनान का हिजबुल्लाह आज सुबह से ही मक़बूज़ा फिलिस्तीन के उत्तर में ज़ायोनी शासन के सैन्य केंद्रों को ज़बरदस्त मिसाइल हमलों का निशाना बना रहा है। हिज़्बुल्लाह ने अपनी कार्रवाई में ज़ायोनी सैनिकों को काफी नुकसान पहुंचाया है।
कुछ देर पहले ही अपने अपने नौवें बयान में हिज़्बुल्लाह ने कहा है कि ग़ज़्ज़ा पट्टी में दृढ़ प्रतिरोध और फिलिस्तीनी राष्ट्र का समर्थन करने के लिए, उसके बहादुर और महान प्रतिरोध के समर्थन में और लेबनान और उसके लोगों की रक्षा और अपने शहरों, गांवों और नागरिकों के खिलाफ ज़ायोनी दुश्मन की क्रूर आक्रामकता के जवाब में, इस्लामी प्रतिरोध के जवानों ने हैफा के उत्तर में कई क्षेत्रों पर ज़बरदस्त मिसाइल हमला किया।
हिज़्बुल्लाह के विनाशकारी रॉकेट हमलों के बाद, हिब्रू मीडिया ने कहा है कि मक़बूज़ा फ़िलिस्तीन के उत्तर में रॉकेटों की बारिश हो रही है।
ज़ायोनी मीडिया के अनुसार आज हिज़्बुल्लाह के हमलों में ज़ायोनी सेना के विशेष बल के दर्जनों सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए और उनकी चीखों की आवाज़ से उत्तरी फ़िलिस्तीन गूंज रहा है।
हिब्रू भाषी सूत्रों ने बताया कि हैफा सहित पूरे उत्तरी क्षेत्रों में सायरन गूँज रहे हैं आज सुबह से उत्तर की ओर 100 से अधिक रॉकेट दागे गए हैं।
हमें आत्म रक्षा का पूरा अधिकार हैः राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान
ईरान के राष्ट्रपति मसऊद पेज़ेश्कियान ने कहा कि हमें आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है।
राष्ट्रपति मसऊद पेज़ेश्कियान ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट एक्स पर ईरान के नेशनल फ़्लैग के साथ अरबी और अंग्रेज़ी दो भाषाओं में लिखाः हमें आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है।
उन्होंने क़ुरआन की आयत का यह हिस्सा भी कोट कियाः अल्लाह की तरफ़ से मदद और विजय क़रीब है।
ज्ञात रहे कि ईरानी राष्ट्रपति ने मंगलवार की रात को इज़राइल पर सिपाहे पासदारान के मिसाइल हमले के बाद यह संदेश जारी किया है।
हसन नसरुल्लाह की शहादत : लखनऊ में हुआ विरोध प्रदर्शन
मौलाना यासूब अब्बास कि सरपरस्ती और हैदरी टास्क फोर्स की जानिब से छोटा इमामबाड़ा हुसैनाबाद में अज़ीमुशशान एहतिजाज मुनक़्किद हुआ जिसमें हज़ारों की तादाद में मोमिनीन मैं शिरकत की और इजरायल और अमेरिका के खिलाफ नारे लगाए।
मौलाना यासूब अब्बास कि सरपरस्ती और हैदरी टास्क फोर्स की जानिब से छोटा इमामबाड़ा हुसैनाबाद में अज़ीमुशशान एहतिजाज मुनक़्किद हुआ जिसमें हज़ारों की तादाद में मोमिनीन ने शिरकत की और इजरायल और अमेरिका के खिलाफ नारे लगाए।
प्रदर्शनकारी ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए ब्लैक डे है हम सभी लोग नसरल्लाह को श्रद्धांजलि देने और इसराइल के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। छोटा इमामबाड़ा से लेकर बड़ा इमाम तक लगभग 1 किलोमीटर लंबा प्रदर्शन हुआ। नसरल्लाह हमारे बहुत मजबूत लीडर और शिया कौम के मार्गदर्शक थे।
"वादा सादिक 2" ऑपरेशन की सफलता आयतुल्लाह नूरी हमदानी का बधाई संदेश
हज़रत आयतुल्लाह नूरी हमदानी ने कहा: कब्ज़े वाली और बच्चों की हत्या करने वाली ज़ायोनी सरकार की आक्रामकता के जवाब में, ईरानी सशस्त्र बलों की इस कार्रवाई ने प्रतिरोध मोर्चे को मजबूत किया और ईरानी राष्ट्र में खुशी ला दी।
हज़रत आयतुल्लाह नूरी हमदानी के संदेश का पाठ इस प्रकार है:
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम
पिछली रात, ईरानी सशस्त्र बलों के बड़े पैमाने पर हमलों ने अपने जायज़ अधिकारों की रक्षा करने और कब्ज़ा करने वाले और बच्चों की हत्या करने वाले ज़ायोनी शासन की आक्रामकता का जवाब देने के लिए प्रतिरोध मोर्चे को मजबूत किया, और हमारे सशस्त्र बलों, विशेष रूप से आईआरजीसी की वायुसेना को सम्मान मिला बल का प्रभाव और अधिक प्रमुख हो गया।
मैं कल रात की शक्तिशाली कार्रवाई में भाग लेने वाले सभी प्रियजनों को धन्यवाद देता हूं और इस बात पर जोर देता हूं कि इस्लामी ईरान की भूमि पर ज़ायोनी शासन द्वारा किसी भी नए आक्रमण का पहले से भी अधिक मजबूत जवाब दिया जाएगा।
मैं अल्लाह तआला से आप सभी की सफलता के लिए दुआ करता हूँ।
"إِنْ تَنْصُرُوا اللَّهَ یَنْصُرْکُمْ وَیُثَبِّتْ أَقْدَامَکُمْ इन तनसोरोकोमुल्लाहो यनसुरकुम व योसब्बित अक़दामकुम"
क़ुम अल-मुक़द्देसा
हुसैन नूरी हमदानी
दक्षिणी लेबनान पर इज़रायल के सैन्य आक्रमण का पूरी दुनिया द्वारा विरोध
दक्षिणी लेबनान पर इज़रायल की सैन्य कार्रवाई का पूरी दुनिया ने विरोध किया, लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका ने इसे "आत्मरक्षा का अधिकार" कहा।
दक्षिणी लेबनान के एक बड़े हिस्से को खंडहर में तब्दील करने के बाद इजरायली के ज़मीनी हमले और सैन्य हत्याओं का पूरी दुनिया ने मुखर विरोध किया है, लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका ने एक अलग रुख अपनाया है, इसे इज़राइल के "आत्मरक्षा के अधिकार" का हिस्सा बताया है और इसका समर्थन किया है।
ज़मीनी हमलों की आशंका तो पहले दिन से ही जताई जा रही थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चेतावनी दी है कि इसके चलते ये लड़ाई बड़े पैमाने पर युद्ध में बदल सकती है, जिसका असर पूरे मध्य पूर्व पर पड़ सकता है। जिन देशों ने लेबनान में इज़राइल के भूमि आक्रमण पर तत्काल चिंता व्यक्त की है उनमें संयुक्त अरब अमीरात, कतर और जापान शामिल हैं।
लेबनान के कार्यवाहक प्रधान मंत्री नजीब मेकाती ने चेतावनी दी है कि उनका देश "इतिहास के सबसे खतरनाक क्षण" से गुजर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से इजरायली हमलों से विस्थापित हुए 10 लाख लोगों के लिए तत्काल राहत की व्यवस्था करने की अपील की। इजरायली हमलों पर "गहरी चिंता" व्यक्त करते हुए, यूएई ने "लेबनान की क्षेत्रीय अखंडता, राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मनिर्णय के अधिकार" के लिए अपना पूर्ण समर्थन घोषित किया। जापानी सरकार ने भी पूरे क्षेत्र में हिंसा फैलने से रोकने के लिए अधिक संयम बरतने का आह्वान किया है। रूस ने चेतावनी दी है कि "युद्ध से प्रभावित भौगोलिक क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, जिससे क्षेत्र में अस्थिरता और तनाव बढ़ेगा।" स्पेन ने इजराइल से जमीनी हमलों को तत्काल रोकने की मांग की है, जबकि इटली के राष्ट्रपति ने कहा कि वह तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं। नाटो सैन्य गठबंधन के प्रमुख ने कहा कि वह स्थिति पर नजर रख रहे हैं।