तेहरान में ईसाई धर्म के वरिष्ठ धर्मगुरू ने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान के क़ानून के तहत इस देश में हर धर्म और वर्ग के लोगों को पूरी आज़ादी और सम्मान प्राप्त है।
हज़रत ईसा के शुभ जन्म दिवस के अवसर पर राजधानी तेहरान में आयोजित इस्लामिक परिषद की 33वीं कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए आर्च बिशप “सब्वा सारकीसयान” ने कहा कि इन शुभ दिनों में मैं कामना करता हूं कि दुनिया में शांति और भाईचारा पैदा हो, जिसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।
आर्च बिशप “सारकीसयान” ने कहा कि दुनिया आगर चाहती है कि इस धरती पर युद्ध न हो और शांति स्थापित हो तो सबसे पहले न्याय स्थापित करना होगा और किसी भी राष्ट्र के अधिकारों के मार्ग में रुकावट पैदा करना बंद करना होगा। ईसाई धार्मिक नेता ने कहा कि जिस दिन हम दुनिया में न्याय स्थापित कर लेंगे उस दिन इस धरती पर प्रेम, भाईचारा और राष्ट्रों के बीच अच्छे संबंध देखने को मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि ईरान, आपसी संपर्क और राष्ट्रों के बीच एकता स्थापित करने का केंद्र है। आर्च बिशप “सारकीसयान” ने कहा कि साम्राज्यवादी शक्तियां ईरान पर तरह-तरह के आरोप लगाती हैं लेकिन दुनिया के लोग उनके झांसे में न आएं और ईरान आकर देखें कि कैसे सारे धर्म के लोग भाईचारे के साथ बिना किसी मतभेद के शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
ईरान में ईसाई धर्म के वरिष्ठ धर्मगुरू ने ट्रम्प के हालिया शैतानी फ़ैसले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि हमें आशा है कि फ़िलिस्तीनी जनता अपने अधिकार प्राप्त करके रहेगी। उन्होंने कहा कि बैतुल मुक़द्दस हमेशा से फ़िलिस्तीन की राजधानी था और आगे भी उसी की राजधानी रहेगा।