भारत ने चीन और पाकिस्तान के द्वारा पीओके में बनाए जा रहे आर्थिक गलियारे का एक बार फिर विरोध करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के मसले पर किसी भी अन्य देश की दखलअंदाजी हमें बर्दाश्त नहीं है।
बीजिंग में चीन-पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर एक साझा बयान दिया था जिस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।
इस बयान में चीन ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में भारत की एकतरफा कार्रवाई के विरोध में है। भारत और पाकिस्तान के बीच इस मुद्दे को लेकर लंबे समय से विरोध रहा है। ऐसे में इस मसले को शांति से हल करने के लिए यूएन चार्टर और यूएन काउंसिल के प्रस्तावों के जरिए हल किया जाना चाहिए।
चीन-पाकिस्तान इकोनाॅमिक कोरिडोर शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी योजना है। इसकी शुरुआत 2013 में हुई थी। इस प्रोजेक्ट के तहत पाकिस्तान के ग्वादर से चीन के काश्गर तक 3 लाख करोड़ रुपये की लागत से आर्थिक गलियारा बनाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के जरिए की चीन का सामान सीधे अरब सागर के जरिए अफ्रीकी और मध्य एशियाई देशों तक पहुंच सकेगा। CPEC के तहत चीन पीओके में सड़क, बंदरगाह, ऊर्जा और रेलवे के प्रोजेक्ट्स पर एक साथ काम कर रहा है।