न सरनेम और न माथे पर तिलक स्कूलों में छात्रों के लिए नए नियम लागू करेगी सरकार

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न सरनेम और न माथे पर तिलक स्कूलों में छात्रों के लिए नए नियम लागू करेगी सरकार

तमिलनाडु में छात्र तिलक लगाकर और हाथ में बैंड पहनकर स्कूल नहीं जा सकेंगे। न ही कोई छात्र अपने नाम के साथ अपनी जाति जोड़ सकेगा। अगर ऐसा करते हुए कोई छात्र पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकार इन नियमों पर जल्द ही अपनी मुहर लगाने जा रही है।

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन राज्य के स्कूलों में जाति विवाद को लेकर सख्त नियम बनाने जा रहे हैं। इसकी तैयारी पूरी की जा चुकी है। इस मामले को लेकर एक वर्ष पहले गठित की गई समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट पूरी कर ली है।

 बीते वर्ष अगस्त के महीने में नांगुनेरी, तिरुनेलवेली के एक स्कूल में अनुसूचित जाति समुदाय के भाई-बहन की जोड़ी को जाति भेदभाव के कारण स्कूल के दूसरी जाति के छात्रों ने हमला कर दिया था। इस मामले के बाद समिति का गठन किया गया था और इसके समाधान पर योजना बनाने को कहा था।

समिति ने अपनी सिफारिशों में स्कूल परिसर में छात्रों को जाति सूचक कलाई में बैंड, अंगूठी, माथे के निशान (तिलक) करने पर रोक लगाने का प्रस्ताव रखा है। समिति ने जाति संबंधी चित्र छपी साइकिलों पर प्रतिबंध करने की सिफारिश की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर छात्र इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाए और उनके मां-बाप या अभिभावकों को इसकी जानकारी दी जाए।

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