अंतरराष्ट्रीय अली असग़र दिवस के प्रोग्राम में माएं अपने दुधमुंहे बच्चों को करबला में शहीद होने वाले 6 महीने के अली असग़र की याद में मख़सूस हरा लिबास पहनाकर लाती हैं और हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम से नज़्र व अहद करती हैं।
ऐ साहिबुज़्ज़मान। मैं अपने बच्चे को आपकी नुसरत व मदद के लिए नज़्र कर रही हूं। इसको अपने ज़ुहूर के लिए जो क़रीब है चुन लीजिए और हिफ़ाज़त फ़रमाइये।
ज्ञात रहे कि अली असग़र दिवस दुनिया के 45 देशों में मुहर्रम महीने के पहले जुमे को एक साथ मनाया जाता है।
हज़रत अली असग़र, इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के 6 महीने के बेटे थे जो करबला में मौजूद थे यह भी भूखे प्यासे थे और जब इमाम हुसैन अलै. ने इनके लिए पानी मांगा तो हुरमुला ने तीन भाल के तीर से इन्हें भी भूखा प्यासा बेरहमी से शहीद कर दिया था।