ईरान को झुकाने वाले मिट्टी में मिल गये

Rate this item
(0 votes)
ईरान को झुकाने वाले मिट्टी में मिल गये

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा है कि अपवित्र हाथों ने क्षेत्र के लोगों के लिए पवित्र रमज़ान को कड़वा बना दिया।

आज तेहरान की केन्द्रीय ईद की नमाज़ वरिष्ठ नेता की इमामत में अदा की गयी। उन्होंने नमाज़े ईद के अपने भाषणों में क्षेत्र के संकटों की ओर संकेत करते हुए कहा कि पवित्र रमज़ान से पहले और उसके बाद के क्षेत्रीय परिवर्तनों से अप्रिय घटनाएं सामने आई हैं और क्षेत्र की मुसलमान व मोमिन जनता ने शत्रुओं के काले करतूत के कारण बहुत अधिक कठिन दिन गुज़ारे।

उन्होंने ईरान और गुट पांच धन एक की वार्ता और इसी प्रकार ईरान की वार्ताकार टीम के अथक प्रयासों की सराहना की और बल दिया कि पेश किया गया मसौदा चाहे पारित हो या न हो, ईरान की वार्ताकार टीम के प्रयास सराहनीय हैं।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि ईरान कभी भी शत्रुओं के विस्तारवाद के आगे नहीं झुकेगा और व्यवस्था के मूल सिद्धांतों को नुक़सान पहुंचाने की किसी को भी अनुमति नहीं दी जाएगी। उनका कहना थ कि ईरान की प्रतिरक्षा और सुरक्षा सीमाओं की भी रक्षा की जाएगी यद्यपि इस संबंध में शत्रुओं की बहुत बड़ी भूमिका है।  उनका कहना था कि चाहे परमाणु वार्ता का मसौदा पारित हो या न हो, ईरान क्षेत्र में अपने मित्रों के समर्थन से पीछे नहीं हटेगा और यमनी, फ़िलिस्तीनी, बहरैनी, इराक़ी, सीरियाई और लेबनानी राष्ट्र का सदैव समर्थन होता रहेगा।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि परमाणु वार्ता के मसौदे की तैयारी से अमरीका की साम्राज्यवादी सरकार के मुक़ाबले में ईरान की नीतियों में तनिक भी परिवर्तन नहीं आएगा और जैसा कि बारंबार यह दोहराया जा चुका है कि ईरान को अमरीका के साथ अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर वार्ता नहीं करनी है और उसने परमाणु मुद्दे पर हितों के आधार पर ही वार्ता की है।  

वरिष्ठ नेता ने क्षेत्र में अमरीका और ईरान की नीतियों में पाये जाने वाले भीषण मतभेद की ओर संकेत करते हुए कहा कि अमरीका, लेबनान के प्रतिरोध पर आतंकवाद का आरोप लगाता है किन्तु अपने पिट्ठु ज़ायोनी शासन का समर्थन करता है और इस प्रकार की नीति रखने वालों से किस प्रकार वार्ता की जा सकती है।

उन्होंने हालिया परमाणु वार्ता के बाद अमरीकी अधिकारियों की प्रसन्नता के बारे में कहा कि वास्तविकता कुछ और ही है, वे अपने राष्ट्र से सच नहीं बोलते और यह दावा करते हैं कि उन्होंने ईरान को झुका लिया तो उनका यह सपना चकनाचूर हो जाएगा।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस्लामी क्रांति के आरंभ से अब तक अमरीका में पांच राष्ट्रपति इसी सोच में इस दुनिया से चले गये कि वे ईरान को झुका लेंगे, वह और उनकी कामनाएं दोनों की मिट्टी में मिल गयीं। उन्होंने कहा कि आर्थिक दृष्टि से विश्व की छह बड़ी शक्तियां, बारह साल बाद इस लक्ष्य के साथ कि ईरान को परमाणु उद्योग से रोक दें, आज ईरान के कुछ हज़ार सेन्ट्रीफ़्यूज के काम करने को सहन करने पर विवश हुईं, ईरान की परमाणु उद्योग के विकास और उसके जारी रहने को सहन करने पर विवश हुईं, इसका अर्थ ईरानी राष्ट्र की जीत और उसकी संप्रभुता है।

 

Read 1072 times