विदेशी शाखा: काबुल में "आशूरा से चालीसवें तक क्या ग़ुज़रा" नामी लेखन प्रतियोगिता तोलुए पीरोज़ी सांस्कृतिक केंद्र के कुछ महिलाओं की तरफ से आयोजित किया ग़या
काबुल के पश्चिम में "आशूरा से चालीसवें तक क्या ग़ुज़रा" नामी लेखन प्रतियोगिता तोलुए पीरोज़ी सांस्कृतिक केंद्र के कुछ महिलाओं की तरफ से आयोजित किया ग़या।
प्रतियोगिता के शुरुआत में तोलुए पीरोज़ी सांस्कृतिक केंद्र की जिम्मेदार नादिया Rifaat ने अपने भाषण में कहा कि हज़रत ज़ैनब (स0) हर मैदान में एक पहाड़ की तरह मुक़ाबला किया।
उन्होंने कहा कि Ashura का संदेश और इमाम हुसैन (अ) और उनके वफादार साथी की शहादत हजरत Zeinab (स0) की उपस्थिति के बिना जारी नही रह पाता, हजरत Zeinab (स0) की कामयाबी ही Ashura के कामयाबी का राज़ है