यूरोप अतिवाद की ओर, लैटिन अमेरिका इस्राईल पर प्रतिबंध लगाने के प्रयास में

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यूरोप अतिवाद की ओर, लैटिन अमेरिका इस्राईल पर प्रतिबंध लगाने के प्रयास में

यूरोप में संसदीय चुनाव का आयोजन, ज़ायोनी सरकार के युद्धोन्मादी मंत्रिमंडल के सदस्य बेनी गैन्ट्स का इस्तीफ़ा, कोलम्बिया की ओर से इस्राईल का व्यापारिक बहिष्कार पिछले सप्ताह दुनिया की महत्वपूर्ण ख़बरें थीं।

ज़ायोनी सरकार के जंगी मंत्रिमंडल के सदस्य बेनी गैन्ट्स का इस्तीफ़ा

ज़ायोनी सरकार के जंगी मंत्रिमंडल के एक सदस्य बेनी गैन्ट्स ने आधिकारिक तौर पर अपने त्यागपत्र का एलान किया और मध्यावधि चुनाव कराये जाने की मांग की। अलआलम टीवी चैनल की रिपोर्ट के अनुसार ज़ायोनी सरकार के जंगी मंत्रिमंडल के सदस्य बेनी गैन्ट्स ने अपने त्यागपत्र में इस्राईल के प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू को ग़ज़्ज़ा युद्ध में विजयी होने के मार्ग की रुकावट बताया और बल देकर कहा कि जंगी मंत्रिमंडल में उपस्थिति की वजह संयुक्त भविष्य था न कि राजनीतिक भागीदारी।

जंगी मंत्रिमंडल के सदस्य ने कहा कि जंगी मंत्रिमंडल से निकलने का फैसला सख़्त और दर्दनाक है। साथ ही उन्होंने नेतनयाहू का आह्वान किया कि वह जल्द से जल्द चुनाव कराने और एक जांच कमेटी कठित करने की दिशा में क़दम उठायें।

यूरोपीय संसद के लिए चुनाव

यूरोप में संसदीय चुनाव आयोजित हुए। यह चुनाव यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के निकल जाने के बाद पहले चुनाव थे।

घोषित नतीजों के अनुसार इन चुनावों में 59/51 लोगों ने भाग लिया जो पिछले चुनावों की अपेक्षा इस चुनाव में लोगों की भागीदारी अधिक रही।

इसी प्रकार जिन चुनाव परिणामों की घोषणा हो चुकी है वह इस बात का सूचक है कि इन चुनावों में दक्षिणपंथी और पापुलिस्ट पार्टियां कामयाब रही हैं जबकि यूरोप की ECR पार्टी 131 सीट हासिल करके तीसरे स्थान पर रही है और ID पार्टी को 139 सीटें और S@D  पार्टी ने 184 सीट पर जीत दर्ज की।

इन परिवर्तनों के दृष्टिगत कहा जा सकता है कि यूरोपीय संसद में सत्ता का संतुलन दक्षिणपंथी शक्तियों के पक्ष में रहा है। इसी प्रकार इन चुनावों में बहुत सी सीटें वामपंथी पार्टियों व गठबंधन के हाथ से निकल गयीं और इस समय केवल 54 प्रतिशत सीटें ही उनके पास हैं जो पूर्णबहुमत हासिल करने के लिए काफ़ी नहीं हैं।

फ्रांस में संसद भंग

यूरोप की संसद के लिए होने वाले चुनावों में भारी पराजय के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति एमानोएल मैक्रां ने इस देश की संसद को भंग कर दिया और मध्यावधि चुनाव कराये जाने का आदेश दिया है।

फ्रांस में मतदान केन्द्रों से वापस लौटने वाले मतदाताओं का मत और उनका दृष्टिकोण इस बात का सूचक है कि दक्षिण पंथी "मीटिंग ऑफ़ असेंबली पार्टी" 5/31 प्रतिशत और रिंसांस पार्टी ने केवल 2/15 वोट हासिल किया।

फ्रांस के राष्ट्रपति एमानोएल मैक्रां ने नेश्नल पार्टी की जीत पर प्रतिक्रिया में फ्रांस में शांति और समन्वय पर बल दिया।

मैक्सिको में पहली महिला राष्ट्रपति क्लाडिया शाइनबेम

मैक्सिको के चुनाव आयोग की घोषणा के अनुसार क्लाडिया शाइनबेम सबसे अधिक वोट हासिल करके इस देश की ष्ट्रपति चुन ली गयी हैं।

क्लाडिया शाइनबेम मैक्सिको की पहली महिला राष्ट्रपति

मेहर न्यूज़ एजेन्सी ने रोयटर के हवाले से रिपोर्ट दिया है कि मैक्सिको के चुनाव आयोग ने आधिकारिक रूप से क्लाडिया शाइनबेम की जीत की घोषणा के साथ इस बात का भी एलान कर दिया है कि क्लाडिया शाइनबेम मैक्सिको की पहली महिला राष्ट्रपति हो गयी हैं।

क्लाडिया शाइनबेम जलवायु के क्षेत्र में एक अध्ययन व शोधकर्ता हैं और उन्हें मैक्सिको के डेमोक्रेटिक इतिहास में सबसे अधिक वोट लगभग 58 से 60 प्रतिशत मिले हैं।

लैटिन अमेरिका की ओर से इस्राईल का पहला व्यापारिक बहिष्कार

कोलंबिया की सरकार ने डिप्लोमैटिक सीमा से आगे बढ़कर इस्राईल को पत्थर के कोयले के निर्यात को बंद करने का फैसला किया है। उसके इस क़दम का लक्ष्य ग़ज़्ज़ा युद्ध को बंद करने के लिए इस्राईल पर दबाव डालना है। यह किसी लैटिन अमेरिकी देश की ओर से इस्राईल का पहला व्यापारिक बहिष्कार है।

समाचार एजेन्सी इर्ना ने समाचार पत्र अलपाइस के हवाले से रिपोर्ट दी है कि कोलंबिया के व्यापार और वाणिज्यमंत्रालय ने जो आदेश जारी किया है उसके अनुसार इस देश की सरकार ने जायोनी सरकार को पत्थर के कोयले के निर्यात को बंद करने का फैसला किया है और उसके इस फैसले का मकसद जायोनी सरकार को गज्जा युद्ध को बंद करने के लिए दबाव डालना है।

कोलंबिया के विदेशमंत्रालय, वित्तमंत्रालय और ऊर्जा मंत्रालय की ओर से भी इस फैसले का समर्थन किया जा रहा है और इस देश के राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद इस पर अमल किया जायेगा।

 

 अमेरिका और मैक्सिको की सीमा पर सीमित संख्या में शरणार्थियों को स्वीकार किया जायेगा

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक आदेश पर हस्ताक्षर कर दिया है जिसके अनुसार अमेरिका और मैक्सिको की सीमा पर अमेरिका में शरण लेने के इच्छुक लोगों को और अधिक सीमित किया जायेगा।

वाइट हाउस के एलान के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति का मानना है कि अमेरिका को चाहिये कि वह अपनी सीमा को सुरक्षित बनाये। इस आदेश के अनुसार प्रतिदिन मैक्सिको से अमेरिका में प्रवेश करने वाले शरण के इच्छुक लोगों की संख्या औसतन जब 2500 पहुंच जायेगी तो अमेरिका में शरण चाहने वालों की प्रक्रिया बंद कर दी जायेगी और अमेरिकी सीमा केवल उसी समय खोली जायेगी जब अमेरिका में शरण पाने के इच्छुक लोगों की संख्या 2500 से कम होकर 1500 कम हो जायेगी।

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