सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन लेबनान के इस्लामी आंदोलन हिज़्बुल्लाह की कार्यकारी परिषद के प्रमुख थे और इस बात की प्रबल संभावना यह थी कि शहीद सैय्यद हसन नस्रुल्लाह के बाद उनको उनका उत्तराधिकारी बनाया जायेगा परंतु इस्राईल ने तीन अक्तूबर 2024 को बैरूत पर हवाई हमला करके उन्हें शहीद कर दिया।
हिज़्बुल्लाह के शहीद महासचिव सैय्यद हसन नस्रुल्लाह और हिज़्बुल्लाह की कार्यकारी परिषद के प्रमुख शहीद सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन का दफ़्न समारोह आज रविवार 23 फ़रवरी 2025 को बैरूत में हो रहा है। इस बात के दृष्टिगत पार्सटुडे ने शहीद सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन की ज़िन्दगी पर संक्षिप्त नज़र डाली है।
सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन शहीद सैय्यद हसन नस्रुल्लाह के ख़ालाज़ाद भाई थे और वर्ष 1964 में लेबनान के दक्षिण में एक जाने माने परिवार में जन्में थे। वर्ष 1980 के दशक में सैय्यद हसन नस्रुल्लाह के साथ धार्मिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए ईरान के पवित्र नगर क़ुम आये थे और वर्ष 1983 में लेबनान में शिया परिषद के एक सदस्य मोहम्मद अली अलअमीन की बेटी से विवाह किया। वर्ष 1994 में सैय्यद हसन नस्रुल्लाह ने सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन को बैरूत क्षेत्र में हिज़्बुल्लाह का अध्यक्ष बना दिया। इसके बाद वर्ष 1995 में वह हिज़्बुल्लाह की जेहाद परिषद के प्रमुख बन गये और वर्ष 1998 में सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन को हिज़्बुल्लाह की कार्यकारी परिषद का ज़िम्मेदार बना दिया गया।
सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन पश्चिम एशिया में आतंकवाद से मुक़ाबला करने के महानायक ईरानी कमांडर शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी से विशेष लगाव रखते थे और वह शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी के बारे में कहते थे" उनकी( शहीद जनरल क़ासिम की) उपस्थिति से ताक़त मिलती थी। जिस आदमी को हम पहचानते थे वह रणक्षेत्र का योद्धा था। रणक्षेत्र का योद्धा, फ़ैसला लेने वाला और समाधान करने वाला आदमी था। वह जो ज़िम्मेदारी निभा रहे थे कोई दूसरा उस ज़िम्मेदारी को नहीं निभा सकता था।
अमेरिका ने वर्ष 2008 से सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन पर प्रतिबंध लगा दिया और वर्ष 2017 से उसने सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन नाम ब्लैक लिस्ट लोगों में शामिल कर दिया।
मई 2023 में लेबनान में उनकी हत्या की अफ़वाह फ़ैल गयी जिसके बाद उसका खंडन किया गया। लेबनान पर 27 सितंबर 2024 को इस्राईल द्वारा हमला किये जाने के बाद संचार माध्यमों ने कहा कि इस हमले का लक्ष्य सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन हैं। रोयटर्ज़ के अनुसार वह इस्राईल के हमले में बच गये परंतु अंततः तीन अक्तूबर वर्ष 2024 को बैरूत पर इस्राईल के हवाई हमले में वह शहीद हो गये।
सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन ने शहादत से पहले महामुक्तिदाता इमाम महदी अलैहिस्सलाम को संबोधित करते हुए लिखा था कि मेरी उम्र का कुछ समय बचा नहीं है क्या आप पसंद करते हैं कि आपका दर्शन किये बिना मैं परलोक सिधार जाऊं?। .