इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने एक रिवायत में एक ऐसे कार्य का वर्णन किया है जो क़यामत के दिन हिसाब-किताब को आसान बना देगा।
निम्नलिखित रिवायत "बिहार उल-अनवर" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الصادق علیه السلام:
اِنَّ صِلَةَ الرَّحِمِ تُهَوِّنُ الْحِسابَ يَوْمَ الْقِيامَةِ
इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने फ़रमाया:
निसंदेह, सिले रहम क़यामत के दिन हिसाब-किताब को आसान बना देती है।
बिहार उल-अनवार: भाग 74, पेज 102