
رضوی
यहूदियों और इस्राईलीयो का अंतिम विनाश बहुत निकट
इस्लामिक प्रतिरोध इराक ने अल-अक्सा ऑपरेशन की सालगिरह पर सभी इस्लामी प्रतिरोधों को संबोधित किया और कहा: यदि युद्ध लंबा खिंचता है, तो सभी को तैयार रहना चाहिए।
हिज़्बुल्लाह की ब्रिगेड, इराक के इस्लामी प्रतिरोध ने अल-अक्सा तूफान ऑपरेशन की सालगिरह पर सभी इस्लामी प्रतिरोधों को संबोधित करते हुए कहा: यदि युद्ध लंबा खिंचता है, तो सभी तैयार रहें।
इस्लामिक रेसिस्टेंस ने अपने बयान में कहा: दुष्ट संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके संबद्ध पश्चिमी देशों, जॉर्डन और सऊदी सरकारों की उनके वहाबी संगठनों के साथ प्रत्यक्ष और प्रभावी भागीदारी और सभी प्रकार की बुराई, क्रूरता और अपराधों में अमीराती सरकार का समर्थन दुश्मन के सामने, मानवीय कल्पना से कहीं परे, को मूर्त रूप दिया गया है।
हिजबुल्लाह इराक ने कहा: उनकी हरकतें उम्माह की याद में अंकित हैं और इससे गुस्से और बदले का ज्वालामुखी बनेगा जिसे वे रोक नहीं पाएंगे।
समूह ने अंत में कहा: हम यहूदियों और ज़ायोनीवादियों से कहते हैं कि आपके लिए इस भूमि में कोई जगह नहीं है क्योंकि आपका अंतिम विनाश बहुत निकट है और हमें (बहुत जल्द) अल्लाह की मदद से, अल-अक्सा मस्जिद की यात्रा के लिए प्रस्थान करना चाहिए। ।
नेतन्याहू की लेबनान को ग़ज़्ज़ा बनाने की धमकी, हमले तेज
इजरायली प्रधान मंत्री ने लेबनान के लोगों को अपने देश को हिजबुल्लाह से छुटकारा दिलाने की चेतावनी दी, हिज़्बुल्लाह ने और अधिक गंभीर हमलों के साथ जवाब दिय, 2 ज़ायोनी मारे गए, और 10 से अधिक घायल हो गए।
ग़ज़्जा की ईंट से ईंट से बजाने के बावजूद सफलता हासिल करने में नाकाम रहे इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने लेबनान को भी ग़ज़्ज़ा बनाने की धमकी दी है। नेतन्याहू, जिन्हें एक वैश्विक आतंकवादी के रूप में भी देखा जाने लगा है, ने एक वीडियो संदेश में लेबनान के लोगों को अपने देश को "हिज़बुल्लाह" से साफ करने की चेतावनी दी। उन्होंने यह धमकी हीफा में हिजबुल्लाह के अब तक के सबसे बड़े हमले के बाद दी है। वहीं, जहां इजराइल ने लेबनान पर अपने हमले तेज कर दिए हैं, वहीं हिजबुल्लाह ने और अधिक तीव्र रॉकेट हमलों के साथ खतरे का जवाब दिया है।
हिजबुल्लाह की जवाबी कार्रवाई में 2 की मौत
इस बीच, हिजबुल्लाह ने अपने सीमित संसाधनों के साथ दक्षिण लेबनान से इजरायली क्षेत्र पर भीषण हमला कर दिया, जिसमें 2 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। इज़रायली मीडिया ने स्वीकार किया है कि हिजबुल्लाह ने किर्यत शमोना और सीमावर्ती इलाकों में एक के बाद एक रॉकेट दागे, जिनमें से एक एक घर पर गिरा और आग लग गई।
इजरायली सेना का कहना है कि किर्यत शमोना में हुए मिसाइल हमले में पति-पत्नी की मौत हो गई, जबकि 10 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। हालाँकि, हिजबुल्लाह का कहना है कि उसने आबादीविहीन सीमावर्ती शहर में "शत्रुतापूर्ण इजरायली बलों" को निशाना बनाया।
तेहरान-मास्को-बीजिंग की दोस्ती, अमेरिकी प्रभाव का अंत साबित होगी
अमेरिका के भूतपूर्व विदेश मंत्री कोंडेलिजा राइस ने दुनिया भर से अमेरिकी दादागिरी के अंत की भविष्यवाणी करते हुए कहा कि जल्द ही दुनिया से अमेरिका का प्रभाव समाप्त हो रहा है।
अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री कोंडेलिजा राइस ने दुनिया में अमेरिकी शासन के अंत का अंदेशा जताते हुए कहा कि दुनिया में एक सत्ता के शासन की विचारधारा धीरे-धीरे खत्म हो रही है। ईरान, रूस और चीन का गठबंधन दुनिया पर अमेरिकी शासन को खत्म कर सकता है।
फॉक्स न्यूज को इंटरव्यू देते हुए उन्होंने कहा कि तेहरान, मॉस्को और बीजिंग ने दुनिया पर अमेरिकी शासन को खत्म करने के लिए गठबंधन बनाया है। ये तीनों देश अमेरिकी प्रभुत्व से मुक्त दुनिया में एक शक्तिशाली गठबंधन बनाना चाहते हैं।
चरमपंथी पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति को संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए गंभीर खतरा बताया।
ग़ज़्ज़ा, मलबे का ढेर बने स्कूलों में पढ़ते बच्चे
ज़ायोनी हमलों में पूरी तरह खंडहर बन चुके ग़ज़्ज़ा में कोई मस्जिद, अस्पताल और स्कूल भी सुरक्षित नहीं रहा। ऐसे में बच्चे खंडहर बन चुके स्कूलों में ही पढ़ने के लिए मजबूर हैं।
ईरान के विदेश मंत्री क़तर पहुंचे, प्रधानमंत्री से की मुलाक़ात
लेबनान और सीरिया की यात्रा के बाद सऊदी अरब में बिन सलमान और सऊदी विदेश मंत्री के साथ मुलाक़ात के बाद ईरान के विदेश मंत्री अब्बास इराक़ची क़तर पहुँच चुके हैं जहाँ उन्होंने क़तर के प्रधानमंत्री से मध्य पूर्व के मामलों विशेष कर इस्राईल के अत्याचारों और इस्लामी देशों पर बर्बर हमलो और अतिक्रमण के बारे में चर्चा की।
इराक़ची ने बिन सलमान से अपनी मुलाक़ात के बारे में कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के विकास और क्षेत्र में के ताज़ा घटनाक्रम पर ध्यान केंद्रित करते हुए उपयोगी और रचनात्मक चर्चा हुई।
ग़ज़्ज़ा में नरसंहार और लेबनान के खिलाफ सैन्य आक्रमण, विस्थापितों को त्वरित राहत और सहायता सहित ज़ायोनी शासन के युद्ध अपराधों को तुरंत रोकने के लिए आपसी सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
इराकी सैन्य का इजरायल के बंदरगाह पर ड्रोन से हमला
इराक के इस्लामिक रेजिस्टेंस ने इज़राइल के दक्षिणी बंदरगाह शहर इलियट में एक महत्वपूर्ण स्थल पर ड्रोन से हमला किया हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार ,इराक के इस्लामिक रेजिस्टेंस ने इज़राइल के दक्षिणी बंदरगाह शहर इलियट में एक महत्वपूर्ण स्थल पर ड्रोन से हमला किया हैं।
बुधवार रात एक बयान में कहा कि हमला फिलिस्तीन और लेबनान के लोगों के साथ एकजुटता में किया गया है ताकि दुश्मन के गढ़ों" को निशाना बनाना जारी रखा जा सके।
समाचार एजेंसी ने बताया कि बयान में लक्षित स्थल के बारे में अधिक विवरण नहीं दिया गया है
इससे पहले दिन इराक ने इज़राइल में चार "महत्वपूर्ण" स्थलों पर चार ड्रोन हमलों की जिम्मेदारी ली थी।
7 अक्टूबर, 2023 को गाजा में इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष के फैलने के बाद से इराक में इस्लामिक प्रतिरोध ने गाजा में फिलिस्तीनियों के लिए समर्थन व्यक्त करते हुए क्षेत्र में इजरायल और अमेरिका पर बार-बार हमला किया है।
इज़राईली हुकूमत का गुस्ताख़ाना अमल बिना जवाब के नहीं रहेगा।आयतुल्लाह अराफी
हौज़ा ए इल्मिया के प्रमुख ने इज़राइली ज़ालिम हुकूमत की ओर से मरजइयत की तौहीन की निंदा करते हुए कहा,मराजय इकराम की अज़मत मुकद्दस हैसियत किसी भी प्रकार की तौहीन मुसलमान उम्मत और दुनिया के आज़ाद इंसानों के गुस्से का तूफ़ान लेकर आएगी।
हौज़ा ए इल्मिया के प्रमुख आयतुल्लाह अली रज़ा अराफ़ी का मरजइयत (धर्मगुरुओं) के बचाव में और ज़ालिम, नापाक, और बच्चों के क़ातिल ज़ायोनी हुकूमत को दी गई चेतावनी पर आधारित पूरा बयान निम्नलिखित है:
وَمَا نَقَمُوا مِنْهُمْ إِلَّا أَنْ یُؤْمِنُوا بِاللَّهِ الْعَزِیزِ الْحَمِیدِ
ज़ायोनी ज़ालिम और नीच हुकूमत ने इस्लाम और शिया समुदाय के बुज़ुर्गों की खुली तौहीन करते हुए और उनकी हत्या के लिए मराजय ए अज़ाम-ए-तकलीद और फ़ी सबीलिल्लाह (अल्लाह की राह में) जिहाद करने वाले मुजाहिदीन की तस्वीरों को निशाना बनाते हुए पेश किया है इस अमल के ज़रिए उन्होंने अपनी बेहयाई की हदें पार कर दी हैं।
मराजय ए अज़ाम दामत बरकातुहुम अल्लाह के नबियों और औलियाओं के नूरानी रास्ते की सिलसिलेवार सबसे बड़ी रहनुमाई करने वाली हस्तियाँ हैं जो उम्मत-ए-इस्लामिया और इंसानियत की भलाई और हिफ़ाज़त करने वाले हैं।
उनका मुसलमान उम्मत में बेमिसाल और बुलंद मकाम है और मुसलमान उनकी हिफ़ाज़त को अपने फराइज़ में से एक समझते हैं।
मराजय ए अज़ाम और उलमाय इकराम (धर्मगुरु), ख़ास तौर पर यह दो नूरानी चेहरे, उम्मत-ए-इस्लामिया और दुनिया के आज़ाद लोगों के दिलों में बेपनाह इज़्ज़त और मकाम रखते हैं। उनकी मुकद्दस हैसियत किसी भी तौहीन का नतीजा दुनिया के आज़ाद इंसानों और मुसलमान उम्मत के शदीद ग़ुस्से की सूरत में सामने आएगा।
मक़ाम-ए-मुअज़्ज़म रहबरी आयतुल्लाहिल उज़मा इमाम ख़ामेनेई और हुज़ूर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली सिस्तानी की तस्वीरों की इस तरह तौहीन करना एक खुली गुस्ताख़ी है जो इस हुकूमत के रहनुमाओं की जुनूनियत और बेवकूफ़ी को दर्शाता है और इस ग़ासिब हुकूमत की ज़वाल पतन की तरफ़ बढ़ती ज़ालिम और ग़ैरइंसानी हक़ीक़त को सामने लाता है।
हौज़ा ए इल्मिया इस गुस्ताख़ाना अमल की कड़ी मज़म्मत (निंदा) करते हुए ऐलान करता है कि ज़ायोनी आक्रामक हुकूमत का यह घिनौना अमल बे जवाब नहीं रहेगा और उम्मत ए इस्लामिया भी इस गुस्ताख़ी का जवाब दिए बिना नहीं रहेगी।
क़ुम ए मुक़द्दस, नजफ़ ए अशरफ़ और दुनिया भर के हौज़ात-ए-इल्मिया यूनिवर्सिटियाँ इल्मी इदारे और उम्मत ए इस्लामिया इस गुस्ताख़ी की कड़ी मज़म्मत करते हुए, बैनउल अक़वामी तंज़ीमों इल्मी और सक़ाफ़ती महाफिल और मुख्तलिफ़ अदीयान व मज़ाहिब मजहबी फिरकों के उलमा (धर्मगुरुओं) से पुरज़ोर मुतालबा करती हैं कि वह ऐसी घटिया हरकतों के सामने खामोश न बैठें और इल्म, अखलाक़ और रूहानियत का दिफ़ा करें।
हौज़ा ए इल्मिया के प्रमुख:
अली रज़ा अराफ़ी
आयतुल्लाह सिस्तानी की शान में ज़ायोनी शासन की गुस्ताख़ी
इज़राइली चैनल 14 ने हाल ही में शिया मरजा तकलीद, आयतुल्लाह सिस्तानी की एक तस्वीर प्रसारित की, जिसमें उन्हें ज़ायोनी शासन के मुमकेना टारगेट किलिंग में से एक बताया गया।
इज़राइली चैनल 14 ने हाल ही में शिया मरजा तकलीद, आयतुल्लाह सिस्तानी की एक तस्वीर प्रसारित की, जिसमें उन्हें ज़ायोनी शासन के मुमकेना टारगेट किलिंग में से एक बताया गया है।
अपनी आपराधिक नीतियों के तहत, यह निरंकुश सरकार टारगेट किलिंग के माध्यम से इस्लामिक प्रतिरोध मोर्चा के नेताओं को निशाना बनाने की योजना बना रही है, ताकि प्रतिरोध के समर्थकों के दिलों में डर पैदा किया जा सके और उन्हें लेबनान, फिलिस्तीन के लिए अपना समर्थन वापस लेने के लिए मजबूर किया जा सके।
इजरायली चैनल द्वारा जारी की गई इस तस्वीर में अंसारुल्लाह यमन के नेता अब्दुल मलिक बद्र अल-दीन अल-हौसी, आयतुल्लाहिल उज़्मा सिस्तानी के अलावा, लेबनान में हिजबुल्लाह के उप महासचिव राजनीतिक प्रमुख शेख नईम कासिम, हमास के कार्यालय के प्रमुख याह्या अल-सनवार, इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के प्रमुख कमांडर जनरल इस्माइल कानी और इस्लामिक क्रांति के सर्वोच्च नेता को भी ज़ायोनी सरकार की अगली टारगेट किलिंग के निशाने पर दिखाया गया है।
इस्लामिक रेजिस्टेंस फ्रंट ने भी इन ज़ायोनी साजिशों के खिलाफ अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त किया है और घोषणा की है कि वह अपनी तैयारियों, क्षमताओं को बढ़ाकर और लोगों को सूचित करके इन बुरे इरादों के खिलाफ पूरी तरह से लड़ेगा, और अल्लाह ने चाहा तो जीत होगी।
ज़ायोनी मीडिया द्वारा आयतुल्लाहिल उज़्मा सिस्तानी की हत्या को निशाना बनाने की योजना के खुलासे के बाद इराक और ईरान में उनके समर्थकों में आक्रोश की लहर फैल गई है। सोशल मीडिया पर मराज ए इकराम के समर्थन में कई संदेश जारी किए जा रहे हैं।
आइए जानें,आतंकवाद क्या है?
लखनऊ के छोटा इमामबाड़ा में "आइए जानें, आतंकवाद क्या है?शीर्षक से एक सेमिनार का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम का उद्देश्य आतंकवाद की सही परिभाषा इसके कारणों और इस्राइल द्वारा थोपे गए इस युद्ध के दौरान किस तरह से गलत धारणाएं निर्दोष लोगों को प्रभावित कर रही हैं इस पर चर्चा हुई।
इज़रायल-गाजा युद्ध के एक साल के अंतराल में, गाजा में 42,000 से अधिक निर्दोष नागरिक मारे गए हैं और इज़रायल की बमबारी में लेबनान में 2000 लोग मारे गए हैं। जिसमे बड़ी तादाद में औरतें और बच्चे शामिल हैं ।
लेकिन पश्चिमी और भारतीय मीडिया का एक बड़ा हिस्सा जानबूझकर लोगों को गलत जानकारी दे रहा है। मीडिया युद्ध अपराधी इज़रायल और उसके वैश्विक सहयोगी अमेरिका का महिमामंडन कर रहा है, जबकि उसका मुख्य काम लोगों को सच बताना है। साथ ही कठपुतली मीडिया आम फिलिस्तीनियों, लेबनानी और हिज़्बुल्लाह और हमास जैसी प्रतिरोध सेनाबल को आतंकवादी बता रहा है जो कि असत्य और अस्वीकार्य है।
मीडिया द्वारा फैलाया जा रहा गलत सूचना अभियान भारतीय सरकार के कानूनों और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों दोनों की अवहेलना करता है इन ज्वलंत चिंताओं को संबोधित करने के लिए, बुधवार को लखनऊ के छोटा इमामबाड़ा में "आइए जानें, आतंकवाद क्या है?" शीर्षक से एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आतंकवाद की सही परिभाषा, इसके कारणों और इस्राइल द्वारा थोपे गए इस युद्ध के दौरान किस तरह से गलत धारणाएं निर्दोष लोगों को प्रभावित कर रही हैं, इस पर चर्चा करना था।
इस सेमिनार ने आतंकवाद और मीडिया में इसके गलत चित्रण के बारे में संवाद, जागरूकता और समझ के लिए एक मंच प्रदान किया। इस कार्यक्रम में न्याय, मानवाधिकार और कानून के शासन को बनाए रखने के बारे में जागरूकता को बढ़ावा दिया गया।
कार्यक्रम में मौलाना कल्बे जव्वाद, स्वामी आनंद नारायण जी महाराज, मौलाना रज़ा हैदर, मौलाना यासूब अब्बास, मौलाना सलमान नदवी, मौलाना जहांगीर आलम कासिमी, मौलाना मुस्तफा मदनी, वरिष्ठ पत्रकार कुर्बान अली और एडवोकेट हैदर ऐजाज़ सहित प्रमुख विद्वानों, समुदाय के नेताओं और कानूनी विशेषज्ञों ने बात की इस विषय पर उनके विचार इस प्रकार हैं।
एडवोकेट हैदर ऐजाज़: “अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने इज़रायल पर गाजा में नरसंहार करने का आरोप लगाया है और फिलिस्तीन में उसके बसने को अवैध करार दिया है I
पत्रकार कुर्बान अली:दुनिया में इज़रायली आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं है संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने इसकी निंदा की है। इजरायल का समर्थन करने के लिए अमेरिका का एजेंडा मानवता की हत्या करना और पश्चिम एशिया में तबाही मचाना है।
मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी, इज़राइल और अमेरिका ने फ़िलिस्तीनियों पर अत्याचार किया है और उनकी ज़मीन पर अतिक्रमण किया है। इज़रायल आतंकवाद का मुख्य स्रोत है उन्होंने हज़ारों महिलाओं और बच्चों को मार डाला है। हिज़्बुल्लाह और हमास महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानी हैं, आतंकवादी नहीं।
मौलाना यासूब अब्बास:इस्लाम का आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है इस्लाम में एक निर्दोष व्यक्ति को मारना मानवता की हत्या माना जाता है और एक निर्दोष को बचाना पूरी मानवता को बचाने के समान माना जाता है। लेकिन पक्षपाती मीडिया हिजबुल्लाह के महासचिव हसन नसरल्लाह को आतंकवादी बता रहा है, जबकि भारतीय समूह द्वारा इसे आतंकवादी समूह की सूची में नहीं रखा गया है।
भारत को हसन नसरल्लाह और ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी का एहसानमंद होना चाहिए, जिन्होंने इराक के तिकरित में आईएसआईएस आतंकवादी समूह से 46 भारतीय नर्सों को बचाया।
मौलाना जहांगीर आलम कासिमी: “धर्म और संप्रदायों से परे मानवता के लिए एकजुट होना समय की मांग है। जब जुल्म बढ़ता है, तो यह जुल्म करने वाले को खत्म कर देता है।
मौलाना मुस्तफा मदनी:किसी भी धर्म में आतंकवाद की कोई गुंजाइश नहीं है और इस्लाम खुद आतंकवाद की अवधारणा की निंदा करता है।
मौलाना सलमान नदवी:इस सेमिनार का मकसद लोगों को जागरूक करना है। इस मामले में शिया और सुन्नी मुसलमान एकजुट हैं फिलिस्तीन और लेबनान में जुल्म करने वालों को सज़ा मिलेगी।
उनके अलावा मौलाना मन्ज़र सादिक, मौलाना इस्तफा रज़ा, मौलाना अख्तर अब्बास, मौलाना हसनैन बाकरी, मौलाना सकलैन बाकरी और डॉ. कल्बे सिब्तैन नूरी भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस कार्यक्रम के आयोजकों ने भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र को आवश्यक कदम उठाने के लिए दो ज्ञापन भी भेजे हैं। भारत सरकार को भेजे गए ज्ञापन में फिलिस्तीन के लिए अपने रुख की पुष्टि करने तथा मीडिया चैनलों को लेबनानी मिलिट्रे समूह हिजबुल्लाह और फिलिस्तीनी प्रतिरोधी बल हमास को आतंकवादी समूह के रूप में लेबल न करने की मांग की गई है।
जबकि हम इस तथ्य को जानते हैं कि भारत ने उन्हें आतंकवादी समूहों की सूची में नहीं रखा है। साथ ही शांति और भाईचारे को कायम रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक कदम आगे बढ़ाएं।
संयुक्त राष्ट्र को लिखे ज्ञापन में संयुक्त राष्ट्र से अनुरोध किया गया है कि वह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में इज़राइल के खिलाफ याचिका दायर करे तथा इस युद्ध को रोकने के लिए हस्तक्षेप करे, जिसने सबसे बड़ा मानवीय संकट पैदा किया है तथा विश्व को तीसरे विश्वयुद्ध की ओर धकेल रहा है।
इस सेमिनार का आयोजन न्याय, सत्य और शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध 30 से अधिक प्रतिष्ठित संगठनों द्वारा किया गया था जिसमें मजलिसे उलेमा ए हिंद, ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड, शिया उलेमा असेंबली, ऐनुल हयात ट्रस्ट, इदारा इल्म ओ दानिश, एचईडब्ल्यूएस, एफएमटी, मेहदियन्स, अवधनामा आदि शामिल हैं।
हिजबुल्लाह;लेबनान से इज़राइल पर कई रॉकेट दागे
इज़रायली सेना ने कहा कि हिज़्बुल्लाह बलों ने मंगलवार को हिफा खाड़ी ऊपरी गलील और मध्य गलील की ओर लगभग 105 रॉकेट दागे और कहा कि हमले का मुकाबला करने के लिए इंटरसेप्टर तैनात किए गए हैं।
इज़रायली सेना ने कहा कि हिज़्बुल्लाह बलों ने मंगलवार को हाइफ़ा खाड़ी ऊपरी गलील और मध्य गलील की ओर लगभग 105 रॉकेट दागे और कहा कि हमले का मुकाबला करने के लिए इंटरसेप्टर तैनात किए गए है।
मैगन डेविड एडोम बचाव सेवा ने बताया कि कई लोग घायल हो गए है और उसे अस्पताल ले जाया गया हैं।
इज़रायली राज्य के स्वामित्व वाले कान टीवी समाचार के अनुसार, हाइफ़ा के उत्तर में एक शहर, किर्यत यम में, एक और रॉकेट एक आवासीय इमारत पर गिरा।
सेना ने कहा अधिकांश प्रोजेक्टाइल को इज़राइल वायु सेना हवाई रक्षा सरणी द्वारा रोक दिया गया था समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसारकई रॉकेट क्षेत्र को हिट करने में कामयाब रहे।
हिजबुल्लाह ने मंगलवार को एक बयान में पुष्टि की कि उसने गाजा में फिलीस्तीनियों का समर्थन करने के लिए दोपहर में उत्तरी इजरायली शहर हाइफा और क्रायोट क्लस्टर जिसमें हाइफा में चार छोटे शहर और दो पड़ोस शामिल हैं।