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हमास की सैन्य शाखा अलकसम ब्रिगेड ने घोषणा की है की उन्होंने गाजा शहर में एक हमले में कई इजरायली सैनिकों को मार डाला और घायल कर दिया हैं।

अलक़सम ब्रिगेड के एक प्रेस बयान के अनुसार, उनके सदस्यों ने एंटी कार्मिक बम के साथ दस इजरायली सैनिकों के एक समूह को सफलतापूर्वक निशाना बनाया जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र में हताहत हुए।

समाचार एजेंसी ने बताया कि बयान में यह भी कहा गया है कि ब्रिगेड ने निकासी के लिए एक हेलीकॉप्टर को उतरते हुए देखा, लेकिन घटना के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी हैं।

एक अलग घोषणा में ब्रिगेड ने दावा किया कि उन्होंने गाजा शहर के उत्तर में तुवाम क्षेत्र में यासीन 105 मिसाइल से एक इजरायली बख्तरबंद कार्मिक वाहक को निशाना बनाया हैं।

 

इज़रायली सेना ने घटनाओं पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की हालाँकि, सार्वजनिक इज़राइली रेडियो ने बताया कि गाजा में सैन्य बलों को महत्वपूर्ण सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ा और घायल सैनिकों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर तैनात किए गए  हैं।

अलकसम ब्रिगेड ने यह भी कहा कि उन्होंने 114-मिमी क्षमता वाली कई राजम कम दूरी की मिसाइलों का उपयोग करके राफा शहर के पूर्व में सैन्य सभाओं और परिचालन केंद्रों के साथ-साथ इज़राइल में सेडरोट क्षेत्र को निशाना बनाया। इन मिसाइल प्रक्षेपणों से कई हताहत हुए हैं।

 

 

 

 

 

ग़ासिब इज़रायली अख़बार के आनुसर, प्रतिरोधी मोर्चे की ओर से मिसाइलों की बारिश के बाद हज़ारों यहूदी इसराइल से भागने की इच्छा जाहिर कि हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार, ज़ायोनी अख़बार "माअरिउ" ने प्रतिरोधी संगठनों द्वारा हाल के दिनों में कब्ज़ा करने वाले इसराइल के शहरों पर बढ़ते हमलों के बाद इज़रायल में रिवर्स माइग्रेशन की दर में वृद्धि का खुलासा किया है।

अख़बार ने बताया है कि इस साल की शुरुआत से अब तक एक हज़ार से अधिक ज़ायोनी इसराइल को छोड़कर अपने मूल देशों की ओर वापस जा चुके हैं इस तरह हर महीने लगभग 2200 इज़रायली इसराइल से भाग रहे हैं।

हिब्रू अख़बार ने आगे बताया कि एक इज़रायल संगठन के सर्वेक्षण के अनुसार, कब्ज़े वाले क्षेत्रों में बसे हर चौथे ज़ायोनी इसराइल छोड़कर जाना चाहते हैं।

दूसरी ओर ज़ायोनी चैनल "कान" ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि तूफ़ानए अलअक़्सा" ऑपरेशन के बाद इज़रायली के बीच रिवर्स माइग्रेशन की सोच में स्पष्ट वृद्धि हुई है।

पिछले सालों की तुलना में " तूफ़ान ए अलअक़्सा के बाद अपने मूल देशों की ओर लौटने की दर में कई गुना बढ़ोतरी हुई है।

गैरसरकारी सूडानी डॉक्टर्स नेटवर्क ने घोषणा किया है कि पश्चिमी सूडान में उत्तरी कोर्डोफन राज्य के एक गांव पर अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के हमले में कम से कम 20 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।

एक रिपोर्ट के अनुसार,उत्तरी कोर्डोफन राज्य की राजधानी अलओबेद से लगभग 30 किमी पूर्व में अल-दममोकिया गांव पर आरएसएफ के हमले में 20 लोग मारे गए और 3 अन्य घायल हो गए है। पीड़ितों में बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल हैं।

समाचार एजेंसी के अनुसार, नेटवर्क ने अतिरिक्त जानकारी जारी नहीं की है और आरएसएफ ने अभी तक हमले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

सूडान 15 अप्रैल, 2023 से सूडानी सशस्त्र बलों और आरएसएफ के बीच हिंसक संघर्ष में उलझा हुआ है।

मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के हालिया अनुमान के अनुसार, संघर्ष के परिणामस्वरूप लगभग 20,000 मौतें, कई हज़ार घायल और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं।

मिस्र और जॉर्डन ने गाज़ा और लेबनान के खिलाफ इजरायली आक्रामकता को तत्काल रोकने का आह्वान किया और संघर्षों के राजनीतिक समाधान का आग्रह किया हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार, मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलट्टी और जॉर्डन के उप प्रधान मंत्री और विदेश मामलों और प्रवासी मंत्री अयमान सफादी ने मंगलवार को काहिरा में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह टिप्पणी की हैं।

अब्देलट्टी के अनुसार, दोनों मंत्रियों ने बढ़ते क्षेत्रीय राजनीतिक और सुरक्षा संकटों के समाधान पर चर्चा की क्षेत्र को व्यापक क्षेत्रीय युद्ध में जाने से रोकने के लिए संबंधित पक्षों और अन्य देशों के साथ मिस्र और जॉर्डन के संपर्कों की समीक्षा की है।

अब्देलट्टी ने कहा, चर्चा में गाजा में युद्धविराम तक पहुंचने और गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक पर क्रूर इजरायली आक्रामकता को रोकने के लिए अरब प्रयासों को जारी रखने के महत्व पर जोर दिया गया है।

मिस्र के राजनयिक ने कहा कि उनकी चर्चाओं में फिलिस्तीनियों को उनकी भूमि छोड़ने के लिए मजबूर करने की इजरायली नीतियों की पूर्ण और पूर्ण अस्वीकृति पर जोर दिया गया, जिससे पड़ोसी देशों की कीमत पर फिलिस्तीनी मुद्दे का खात्मा हो जाएगा।

अपनी ओर से जॉर्डन के विदेश मंत्री ने कहा कि जॉर्डन गाजा और लेबनान पर इजरायली "आक्रामकता" को समाप्त करने के लिए मिस्र के साथ काम करना जारी रखेगा।

प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने पीड़ित फ़िलस्तीनी लोगों के हक़ में नारे लगाए और कहा कि ग़ाज़ा एक कैदखाने में तब्दील हो चुका है उन्होंने बैनर प्लेकार्ड और झंडे उठा रखे थे और फ़िलस्तीन के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए गुब्बारे छोड़े।

एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की महिलाओं ने ग़ाज़ा के मज़लूमों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करते हुए कहा है कि फिलिस्तीन की रक्षा हमारी साझा ज़िम्मेदारी है।

इस बात का इज़हार जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान के महिला विंग की डिप्टी सेक्रेटरी जनरल समीना सईद ने जेआई यूथ वीमेन लाहौर के तहत आयोजित एकजुटता फिलिस्तीन रैली के दौरान किया।

उन्होंने ग़ाज़ा की जनता के धैर्य और बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि मुस्लिम शासकों की चुप्पी, उम्मत-ए-मुस्लिम की एकता पर सवाल उठाती है।

पंजाब की नाज़िमा नाज़िया तौहीद ने कहा कि लाहौर की बेटियां ख़ास तौर पर युवा, ग़ज़ा के मज़लूम मुसलमानों के दु:ख से व्यथित हैं उनका कहना था कि ग़ज़ा में मुसलमानों की स्थिति से बड़ा कोई मुद्दा महत्वपूर्ण नहीं है।

लाहौर की नाज़िमा उज़मा इमरान ने कहा कि पाकिस्तानी महिलाओं ने हमेशा फिलिस्तीनी लोगों का समर्थन किया है और आज भी उनके दिल फिलिस्तीनियों के लिए बेचैन हैं उन्होंने यह भी कहा कि हमें मिलकर फिलिस्तीनियों के अधिकारों के लिए आवाज़ उठानी चाहिए।

प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने पीड़ित फ़लस्तीनी लोगों के हक़ में नारे लगाए और कहा कि ग़ज़ा एक कैदखाने में बदल चुका है उन्होंने बैनर प्लेकार्ड और झंडे उठा रखे थे और फ़लस्तीन के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए गुब्बारे छोड़े।

यह रैली लाहौर में माताओं बहनों और बेटियों की भरपूर भागीदारी के साथ आयोजित की गई, जहां उन्होंने 20 मीटर लंबा फिलिस्तीनी झंडा थामे रखा और अपने अधिकारों के समर्थन में एकजुट आ

ज़ायोनी शासन के सेन्टर इन्शोरेंस ने एलान किया है कि ग़ज़ा में युद्ध से इस कंपनी को 600 मिलियन डॉलर से अधिक का नुक़सान हुआ है।

ज़ायोनी शासन के केंद्रीय बीमा ने एक रिपोर्ट में एलान किया है कि ग़ज़ा के ख़िलाफ युद्ध से इस बीमा कंपनी द्वारा लगाई गई कुल लागत, मुआवजा और पेंशन 2.4 बिलियन शेकेल बराबर (640 मिलियन अमेरिकी डॉलर) थी।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल 70 हज़ार  ज़ायोनियों ने इज़राइल की केंद्रीय बीमा एजेंसी को आवेदन दिया है और दावा किया है कि वे युद्ध में घायल हुए हैं।

इस दौरान, ज़ायोनी शासन के केंद्रीय बीमा की घोषणा के अनुसार, अब तक 12 हज़ार 500 से अधिक ज़ायोनियों ने बीमा विभाग में आवेदन किया है और युद्ध में अपनी स्थायी विकलांगता को क़बूल करने का अनुरोध किया है, जिनमें से 11 हज़ार 760 लोग मानसिक बीमारियों की वजह से, 527 लोग विकलांगता के कारण जबकि शारीरिक चोटों के कारण 441 लोगों को मानसिक और शारीरिक चोटें आईं।

ज़ायोनी शासन के केंद्रीय बीमा का अनुमान है कि आने वाले महीनों में, हज़ारों लोगों को विकलांग लोगों की सूची में जोड़ा जाएगा जिन्हें मनोवैज्ञानिक और भौतिक सहायता की ज़रूरत होगी।

7 अक्टूबर से, पश्चिमी देशों के पूर्ण समर्थन से, ज़ायोनी शासन ने फ़िलिस्तीन के मज़लूम और अत्याचारग्रस्त लोगों के खिलाफ ग़ज़ा पट्टी और वेस्ट बैंक में बड़े पैमाने पर नरसंहार शुरू कर दिया है।

दूसरी ओर, ग़ज़ा में फिलिस्तीनी प्रतिरोध और लेबनान, इराक, यमन और सीरिया में अन्य प्रतिरोधकर्ता गुटों ने एलान किया है कि अतिग्रहणकारी शासन अपने अपराधों की क़ीमत चुकाएगा।

प्राप्त अंतिम रिपोर्टों के अनुसार ज़ायोनी सरकार के पाश्विक हमलों में अब तक 41 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद और 95 हज़ार से अधिक घायल हो चुके हैं।

ज्ञात रहे कि ब्रिटेन की साम्राज्यवादी नीति के तहत ज़ायोनी सरकार का ढांचा वर्ष 1917 में ही तैयार हो गया था और विश्व के विभिन्न देशों व क्षेत्रों से यहूदियों व ज़ायोनियों को लाकर फ़िलिस्तीनियों की मातृभूमि में बसा दिया गया और वर्ष 1948 में ज़ायोनी सरकार ने अपने अवैध अस्तित्व की घोषणा कर दी। उस समय से लेकर आजतक विभिन्न बहानों से फ़िलिस्तीनियों की हत्या, नरसंहार और उनकी ज़मीनों पर क़ब्ज़ा यथावत जारी है।

 इस्लामी गणतंत्र ईरान सहित कुछ देश इस्राईल की साम्राज्यवादी सरकार के भंग व अंत किये जाने और इसी प्रकार इस बात के इच्छुक हैं कि जो यहूदी व ज़ायोनी जहां से आये हैं वहीं वापस चले जायें।

 

 

भारत से सुन्नी ज़ाएरीन के एक कारवां को मशहद पहुंचने के बाद इमाम रज़ा (अ) के हरम मे ज़ियारत करने का सौभाग्य मिला।

भारत से आए सुन्नी ज़ाएरीन का एक कारवां मशहद पहुंचा और उन्हें इमाम रज़ा (अ) के हरम जाने का सौभाग्य मिला।

सुन्नी तीर्थयात्रियों के इस कारवां में 100 लोग शामिल है, इन ज़ाएरीन ने इमाम रज़ा (अ) के हरम मे जाने के बाद इमाम रज़ा (अ) की ज़ियारत की। कार्यक्रम का आयोजन विदेशी आगंतुकों के संगठन द्वारा किया गया था।

इस कार्यक्रम में रेवरेंड मौलवी अहमद मीर ने अहले-बेत (अ) की शिक्षाओं और इमाम रज़ा (अ) के जीवन और चरित्र पर बात की।

आपको बता दें कि कार्यक्रम को जारी रखते हुए मरसिया खानी भी की गई और कार्यक्रम के अंत में इमाम रज़ा तीर्थ के संगठन की ओर से विदेशी ज़ाएरीन को धन्य उपहारों से भी सम्मानित किया गया।

 

 

 

 

 

ग़ज़्ज़ा में एक साल से जनसंहार कर रहे इस्राईल ने अब लेबनान में भी जनसंहार तेज़ कर दिया है।  ज़ायोनी सेना ने बचाव और राहत कार्य में लगे लोगों को निशाना बनाते हुए बर्बर हमले किये जिसमे कई लोगों की मौत हो गयी।

दक्षिण लेबनान पर ज़ायोनी सेना के बर्बर हमले में 10 दमकल कर्मियों की मौत हो गई है। लेबनान के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने हमले के बाद कहा कि मलबे के नीचे और लोग दबे हुए हैं। मंत्रालय ने मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है। इसके साथ ही कहा गया है कि दमकलकर्मी एक नगरपालिका भवन में थे। हमला उस वक्‍त हुआ जब दमकल कर्मी एक बचाव अभियान पर निकलने की तैयारी कर रहे थे।

 

 

जम्मू कश्मीर चुनाव में जहाँ भाजपा को उम्मीदों के अनुरूप सफलता नहीं मिली वहीँ कई बड़े चेहरे भी चुनाव में जनता की ओर से नकारे जा चुके हैं।

इसी क्रम में जम्मू कश्मीर केपूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती की बेटी इल्तिजा मुफ़्ती हैं। जम्मू-कश्मीर में पीडीपी उम्मीदवार और महबूबा मुफ़्ती की बेटी इल्तिजा महबूबा मुफ़्ती कई हज़ार वोटों से पीछे चल रही हैं। इसके बीच उनका बयान आया है।  श्रीगुफवारा-बिजबेहारा से केंडिडेट इल्तिजा मुफ्ती ने अपनी हार को कबूल लिया है, और लोगों से कैंपेन के दौरान उन्हें प्यार देने के लिए शुक्रिया अदा किया है।

इल्तिजा मुफ्ती ने कहा,"मैं लोगों के फैसले को कबूल करती हूं। बिजबेहरा में सभी से मुझे जो प्यार और स्नेह मिला है, वह हमेशा मेरे साथ रहेगा। इस अभियान के दौरान कड़ी मेहनत करने वाले पीडीपी कार्यकर्ताओं का आभार।  बता दें, इल्तिजा मु्फ्ती जम्मू कश्मीर चुनाव के दौरान एक बेहद चर्चित चेहरा रही है।

ग़ज़्ज़ा पट्टी शहर के रक्षा बलों ने ज़ायोनी सेना की दरिंदगी की खबर देते हुए कहा है कि ग़ज़्ज़ा पट्टी के दक्षिण में फिलिस्तीनी शरणार्थियों के तंबुओं पर ज़ायोनी शासन के हमलों में कम से कम तीन शहीद हो गए और कई घायल हो गए।

ज़ायोनी शासन के तोपखाने ने ग़ज़्ज़ा पट्टी के दक्षिण में स्थित खान यूनुस के पूर्व में फ़िलिस्तीनी घरों को भी लगातार निशाना बनाया।

अतिक्रमणकारी ज़ायोनी सेना ने रफ़ह शहर के उत्तर में स्थित खरबा अल-अदस क्षेत्र में एक मस्जिद को निशाना बनाया, जिसके परिणाम स्वरूप कई फ़िलिस्तीनी घायल हो गए।

इसी संबंध में अल जज़ीरा के संवाददाता ने बताया कि ज़ायोनी बलों ने ग़ज़्ज़ा पट्टी के उत्तर में अत-तवाम क्षेत्र में कई फ़िलिस्तीनी घरों पूरी तरह नष्ट कर दिया है।