
رضوی
वादा-ए-सादिक 2 ऑपरेशन: मजमय ए जाहानी तकरीब मज़ाहिब के महासचिव का सरहनीय संदेश
मजमय ए जाहानी तकरीब मज़ाहिब: के प्रमुख ने एक सरहनीय संदेश में इस्लामी गणराज्य ईरान की संप्रभुता के उल्लंघन और इस्लामी प्रतिरोध मोर्चे के शहीदों के पवित्र खून का बदला लेने के जवाब में इज़राईली शासन के खिलाफ इज़्ज़त आफरीन वादा-ए-सादिक 2 ऑपरेशन की सराहना की और आभार व्यक्त किया हैं।
मजमय ए जाहानी तकरीब मज़ाहिब के महासचिव, हुज्जतुल इस्लाम हामिद शहरीयारी ने इस्लामी गणराज्य ईरान की संप्रभुता के उल्लंघन और इस्लामी प्रतिरोध मोर्चे के शहीदों के पवित्र खून का बदला लेने के जवाब में, ज़ायोनी शासन के खिलाफ (इज़्ज़त अफरीन वादा-ए-सादिक 2) के सफल ऑपरेशन के लिए आभार व्यक्त किया।
संदेश का पाठ इस प्रकार है:
بسم الله الرحمن الرحیم
وَأَعِدُّواْ لَهُم مَّا ٱستَطَعتُم مِّن قُوَّةࣲ وَمِن رِّبَاطِ ٱلخَیلِ تُرۡهِبُونَ بِهِۦ عَدُوَّ ٱللَّهِ وَعَدُوَّکُم
इस्लामी गणराज्य ईरान की सशस्त्र सेनाओं द्वारा ज़ायोनी शासन के आतंकवादी अड्डों पर सफलतापूर्वक किए गए (वादा-ए-सादिक 2) मिसाइल हमले ने प्रिय ईरान के मुस्लिम राष्ट्र की ताकत, शक्ति और संकल्प का प्रतीक प्रस्तुत किया
जो कि इस्लामी गणराज्य की संप्रभुता के उल्लंघन और इस्लामी मूल्यों की रक्षा के मार्ग में इस्लामी प्रतिरोध के कमांडरों नेताओं और ग़ज़ा के निर्दोष लोगों के खून का बदला लेने के लिए, लंबे समय तक संयम बरतने के बाद किया गया वैध प्रतिरक्षा है।
यह महान उपलब्धि इस्लामी गणराज्य ईरान की सैन्य शक्ति और मुसलमानों की सुरक्षा और गरिमा की रक्षा के लिए राष्ट्र और सशस्त्र बलों की एकता को दर्शाती है इस्लाम के दुश्मनों को यह जान लेना चाहिए कि वे कभी भी ईरान के लोगों की एकता, विश्वास और संकल्प के सामने सफल नहीं होंगे।
यह सफल हमला ज़ायोनी शासन और उसके समर्थकों के लिए एक स्पष्ट और ठोस संदेश था, मुस्लिम राष्ट्रों की एकता और दृढ़ता की शक्ति जो कब्जे और आक्रामकता के खिलाफ डटे हुए हैं। इस्लामी गणराज्य ईरान एक प्रमुख मानवाधिकार रक्षक के रूप में हमेशा से फ़िलस्तीन के निर्दोष लोगों के समर्थन में अग्रिम पंक्ति में खड़ा रहा है, और यह अभियान भी इस पवित्र आदर्श के प्रति दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
मुसलमानों की एकता आज पहले से कहीं अधिक आवश्यक है इस्लाम के दुश्मन कोशिश कर रहे हैं कि वे फूट डालकर और मुसलमान राष्ट्रों के बीच दरार पैदा करके उनकी ताकत को कमजोर करें।
लेकिन हाल ही में ईरान द्वारा ज़ायोनी शासन के आतंकवादी अड्डों पर मिसाइल हमले ने वैश्विक अहंकार के खिलाफ इस्लामी उम्मत की एकजुटता का प्रतीक बनकर मुस्लिम राष्ट्रों में गर्व की भावना को जीवित कर दिया और ग़ज़ा और प्रिय लेबनान के निर्दोष लोगों में प्रसन्नता की लहर दौड़ा दी यह जीत उन सभी मुस्लिम राष्ट्रों की है जिनका दिल न्याय और फ़िलस्तीन की आज़ादी के लिए धड़कता है।
इस गौरवशाली क्षण में हमें पूरी ताकत से मुस्लिमों के बीच एकता को बनाए रखने और उसे मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए।
यही एकता है जो अत्याचार और ज़ुल्म की शक्तियों को घुटनों पर ला सकती है और मुस्लिम राष्ट्रों को सत्य और न्याय के मार्ग पर विजय दिला सकती है। ऐसी सफलताएं केवल इस्लाम के उच्च उद्देश्यों में एकजुटता और विश्वास की छाया में ही संभव हैं, और यह सम्मानजनक मार्ग पूरी शक्ति के साथ जारी रहेगा।
मैं इस गौरवशाली और स्थायी विजय को महान नेता इस्लामी गणराज्य ईरान के सम्मानित राष्ट्र, सशस्त्र बलों, क्षेत्र के इस्लामी प्रतिरोध मोर्चे के योद्धाओं और दुनिया भर के सभी मुसलमानों और स्वतंत्रता प्रेमियों को बधाई देता हूं और परमेश्वर से इस्लामी उम्मत की अंतिम जीत की प्रार्थना करता हूं।
हामिद शहरयारी
महासचिव,मजमय ए जाहानी तकरीब मज़ाहिब
शहीदे मुक़ावेमत का छोटा सा बदला केवल इजरायल का विनाश होगाः डॉ. अब्बासी
जामेअतुल मुस्तफ़ा अल-अलामिया के प्रमुख ने कहा कि सय्यद मुक़ावमत एक व्यक्ति नहीं थे, बल्कि वह एक रास्ता और एक विचारधारा थे और यह विचारधारा जारी रहेगी।
शहीद कुद्स हज़रत सय्यद हसन नसरूल्लाह की शहादत के संबंध में ईरान के क़ुम शहर मे अल मुस्तफ़ा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में एक बड़ी सभा आयोजित की गई। इस सभा में 50 से अधिक देशों के विद्वान, छात्र, शोधकर्ता, सभी संपादक और प्रमुख हस्तियाँ शामिल हुईं। इस कार्यक्रम का आयोजन अल-मुस्तफा पब्लिसिटी एंड पब्लिक रिलेशंस ऑर्गनाइजेशन द्वारा किया गया था।
इस सभा में सय्यद हसन नसरल्लाह की शहादत को लेकर ज़ायोनी सरकार की आपराधिक और जघन्य कार्रवाई की कड़ी निंदा की गई। कार्यक्रम के दौरान, हुज्जुतल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन मौलाना सय्यद शमा मुहम्मद रिज़वी ने शोक व्यक्त किया और कहा, "हम हिज़्बुल्लाह के महासचिव और प्रतिरोध के गौरवान्वित नेता की शहादत पर हज़रत वली अस्र (अ) और इस्लामी क्रांति के नेता की सेवा में अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं।"
इस कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए मौलाना सय्यद शमा मुहम्मद रिज़वी ने शोक शब्दों और कविताओं के माध्यम से सभा मे सम्मिलित लोगो के दिलों को मुनव्वर किया। इन छंदों में उन्होंने कहा:
लेबनान के अखबार से ऐलान हुआ है
एक मर्दे मुजाहिद अभी क़ुरबान हुआ है
बच्चो की हुई आज यतीमी मे शिराकत
घर जिनका भी लेबनान मे विरान हुआ है
कविता के अलावा, मौलाना सैयद शमा मोहम्मद रिज़वी ने ज़ायोनी उत्पीड़न के खिलाफ लेबनानी लोगों के दर्द और दृढ़ता की महानता का वर्णन किया।
इस कार्यक्रम में कई अन्य देशों के कवियों और प्रचारकों ने भी अशार और नस्र में शहीद को याद किया। जामेअतुल मुस्तफ़ा अल-अलामिया के प्रमुख डॉ. अब्बासी ने अपने भाषण में कहा कि शहीदे मुक़ावेमत का एक छोटा सा बदला केवल इजरायल का विनाश होगा।
उन्होंने कहा कि इस्लामी दुनिया ने एक महान व्यक्तित्व खो दिया है और हिजबुल्लाह ने एक अद्वितीय नेता खो दिया है, उन्होंने बताया कि शहीदे मुक़वेमत तब शहीद हुए जब वे बेरूत के उपनगरों में बेघर लोगों के लिए घर बना रहे थे और उनकी रक्षा की योजना बना रहे थे सय्यद मुक़ावेमत कोई व्यक्ति नहीं थे, बल्कि वह एक रास्ता और एक विचारधार थे और यह विचारधारा जारी रहेगी।
हसन नसरुल्लाह की याद में दुनिया भर में मजलिसों का सिलसिला जारी
पूरी दुनिया की तरह जम्मू-कश्मीर में भी अंजुमन-ए-शरिया शियान के तहत सय्यद मुकावमत के इसाले सवाब के लिए मजलिसो का सिलसिला अभी भी जारी है।
जम्मू-कश्मीर के बडगाम में शहीद मुक़वमत हुज्जतुल इस्लाम वल-मुसलेमीन सय्यद हसन नसरुल्लाह की याद में जहां दुनिया भर में मजलिसों का सिलसिला जारी है। इन सभाओं में बडगाम से बड़ी संख्या में विश्वासियों ने भाग लिया और सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह खामेनेई और लेबनान के उत्साही लोगों को सांत्वना दी और शोक व्यक्त किया।
मजलिस में मीरवाइज कश्मीर मौलाना डॉ. मुहम्मद उमर फारूक साहब द्वारा शहादत पर अंजुमन-ए-शराई शिया के अध्यक्ष को लिखा गया शोक पत्र उनके प्रतिनिधि के माध्यम से पढ़ा गया।
अपने अध्यक्षीय भाषण में अंजुमन-ए-शरिया के अध्यक्ष ने शहीदे मुकावमत की बहुमूल्य सेवाओं और बलिदानों पर प्रकाश डाला और कहा कि शहीद प्रतिरोध के पहाड़ की तरह, वह गाजा, फिलिस्तीन और उत्पीड़ित दुनिया के लिए एक मजबूत समर्थन बन रहे थे। इसीलिए धर्म और राष्ट्रीयता की परवाह किए बिना लोगों की आंखें आंसुओं से भर गईं और वे इस आदमी मुजाहिद की अथक सेवाओं को देखकर हैरान रह गए।
आगा साहब ने कहा कि भले ही उनकी शहादत ने इस्लाम की दुनिया में एक खालीपन पैदा कर दिया हो, हमें उम्मीद है कि सर्वशक्तिमान ईश्वर ने इस उत्पीड़ित राष्ट्र के लिए आशीर्वाद दिया होगा।
मजलिस के अंत में आगा हसन सफवी के नेतृत्व में इमाम बारगाह बडगाम से मुख्य अड्डे तक एक भव्य जुलूस निकला, जिसमें ज़ायोनी व्यवस्था के ख़िलाफ़ नारे लगाए गए।
इजरायली आक्रमण के प्रति ईरान की प्रतिक्रिया की सहारना
मध्य पूर्व समेत दुनिया के कई देशों में ईरान, लेबनान और गाजा के समर्थन में रैलियां निकाली गईं और जगह-जगह आतिशबाजी जलाकर खुशी मनाई गई।
इजराइल पर ईरान के हमले का मध्य पूर्व में जश्न मनाया गया। विशेषकर ईरान, गाजा और लेबनान में हजारों नागरिक सड़कों पर उतर आए। इजराइली आक्रमण के प्रति अचूक प्रतिक्रिया पर प्रसन्नता व्यक्त की गई और ईरानी सरकार की प्रशंसा में नारे लगाए गए।
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान द्वारा इजराइल पर मिसाइलें बरसाए जाने के बाद मंगलवार को लेबनान की राजधानी बेरूत में आतिशबाजी की गई। गाजा में भी नागरिक देर रात सड़कों पर उतरे और जश्न मनाया। सोशल मीडिया सूत्रों पर भी इस जश्न के चर्चे थे। इस संबंध में विभिन्न शहरों के वीडियो भी प्रसारित किए गए, जहां ईरानी हमलों का जश्न मनाया गया। इनमें फिलिस्तीन के गाजा और नब्लस शहर, लेबनान की राजधानी बेरूत, ईरान की राजधानी तेहरान, इराक की राजधानी बगदाद, यमन की राजधानी सना और सीरिया की राजधानी दमिश्क शामिल हैं।
लोगों ने इजराइल पर लगातार मिसाइल हमले करने के लिए रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की प्रशंसा में नारे लगाए। हिज़्बुल्लाह के प्रतिरोध की भी प्रशंसा की गई। कई लोग लाउडस्पीकर पर खुशी के गीत गाते दिखे. बड़े पैमाने पर आतिशबाजी करके हमलों का जश्न मनाया गया। ये सभी दृश्य ईरान के सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित किये गये।
इज़राइल को सुरक्षा परिषद का जवाब, एंटोनियो गुटेरेस को समर्थन
परिषद और यूरोपीय संघ के कई देशों ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के खिलाफ इजरायली कार्रवाई की कड़ी निंदा की और मांग की कि इजरायल लेबनान और गाजा पर हमले बंद करे।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के इजरायल में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के फैसले की पूरी दुनिया में कड़ी निंदा हो रही है। सुरक्षा परिषद की बैठक में भी इजराइल की कड़ी निंदा करते हुए एंटोनियो गैट्रिस के साथ एकजुटता व्यक्त की गई और दुनिया में शांति स्थापित करने के उनके प्रयासों की जमकर सराहना की गई।
संयुक्त राष्ट्र ने इजरायली प्रतिबंध को संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों पर एक और हमला बताया है और इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है। गुटेरेस के इजरायल में प्रवेश पर प्रतिबंध वाले बयान के बाद पूरी दुनिया इजराइल की इस हरकत से हैरान और गुस्से में है क्योंकि गुटेरेस लगातार गाजा में शांति की मांग कर रहे हैं और उन्होंने लेबनान पर इजराइल के हमले की भी कड़ी निंदा की और इसे क्षेत्र में युद्ध को बढ़ाने वाला कदम करार दिया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भी इजरायली कदम पर चर्चा की गई और फ्रांस और रूस के प्रतिनिधियों ने इसकी कड़ी निंदा करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया, जिसका चीन, माल्टा, स्लोवेनिया, अल्जीरिया, दक्षिण कोरिया और स्विट्जरलैंड के प्रतिनिधियों ने समर्थन किया। अल्जीरिया के प्रतिनिधि ने एंटोनियो गुटेरेस के शांति प्रयासों का भी जिक्र किया, जिसके समर्थन में चीन के प्रतिनिधि ने हाथ उठाए और दक्षिण कोरिया ने भी ध्वनि मत दिया।
यूरोपीय संघ की स्थिति स्पष्ट करते हुए जोसेफ बोरेल ने कहा कि ''हम सभी संघर्षों और विशेष रूप से मध्य पूर्व में शांति हासिल करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का समर्थन करते हैं.'' के अथक प्रयासों का समर्थन करें हम उनके खिलाफ अनुचित हमलों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र मानवतावादी कार्यकर्ताओं की हत्या की निंदा करते हैं।
अवैध राष्ट्र ने कोई गलती की तो नामो निशान मिटा देंगे : आईआरजीसी
ईरान की शक्तिशाली सैन्य यूनिट आईआरजीसी के उप प्रमुख अली फ़दवी ने इस्राईल की ओर से ईरान के खिलाफ किसी भी संभावित हमले के गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी देते हुए कहा कि अगर इस्राईल ने कोई मूर्खता की तो उसका नामो निशान मिट जाएगा। ईरान की तेल और गैस सुविधाओं समेत परमाणु संयत्रों पर हमलों की अटकलों के बीच इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के उप कमांडर-इन-चीफ ने चेतावनी दी कि ज़ायोनी शासन की ओर से किसी भी गलती की स्थिति में, ईरान इस शासन की तेल और गैस सुविधाओं को तुरंत नष्ट कर सकता है।
ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के डिप्टी कमांडर सरदार "अली फदवी" ने शुक्रवार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ज़ायोनी शासन ने गलती की, तो ईरान उसके वुजूद को मिटा देगा।
सरदार "अली फदवी" ने कहा कि यदि ज़ायोनी शासन कोई गलती करता है, तो हम उसके सभी ऊर्जा स्रोतों, ऊर्जा संयंत्रों और रिफाइनरियों और गैस क्षेत्रों को बनाएंगे। ईरान एक बड़ा देश है और इसके कई आर्थिक केंद्र हैं, जबकि अवैध राष्ट्र के पास तीन बिजली संयंत्र और कुछ ही रिफाइनरियाँ हैं। हम इन सभी को एक साथ निशाना बना सकते हैं।
तेहरान की जुमे की नमाज़ इस्लामी इंक़ेलाब के नेता पढ़ाएंगे
इस हफ़्ते तेहरान की जुमे की नमाज़, इमाम ख़ुमैनी मुसल्ले में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई की इमामत में अदा की जाएगी, जिसमें नमाज़ से पहले रेज़िस्टेंस के मोर्चे के ध्वजवाहक शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह को श्रद्धांजलि पेश करने का प्रोग्राम भी आयोजित होगा।
अल्लाह की राह के मुजाहिद और इस्लामी उम्मत के अज़ीज़ लीडर हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन सैयद हसन नसरुल्लाह और शहीद जनरल नीलफ़ुरूशान सहित उनके साथियों को श्रद्धांजलि पेश करने का प्रोग्राम इमाम ख़ुमैनी मुसल्ले में शुक्रवार 4 अक्तूबर को सुबह साढ़े 10 बजे शुरू होगा।
श्रद्धांजलि का प्रोग्राम आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई की तरफ़ से रखा गया है।
इस प्रोग्राम के तहत और रेज़िस्टेंस मोर्चे व क़ुद्स की आज़ादी के ध्वजवाहक हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन सैयद हसन नसरुल्लाह की शहादत और इसी तरह फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध के मुजाहिदों की ओर से अलअक़्सा फ़्लड आप्रेशन की पहली सालगिरह के मौक़े पर इस हफ़्ते जुमे की नमाज़ 4 अक्तूबर को तेहरान के इमाम ख़ुमैनी मुसल्ले में, इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयदा अली ख़ामेनेई की इमामत में अदा की जाएगी।
अमेरिका की अनुमति के बाद ही ईरान के खिलाफ हमला करेगा इस्राईल
एक्सियोस ने ज़ायोनी अधिकारियों के हवाले से एक रिपोर्ट में दावा किया कि ज़ायोनी सरकार की कैबिनेट ने कल रात की बैठक में ईरान के खिलाफ "महत्वपूर्ण जवाबी" प्रतिक्रिया पर फैसला किया, लेकिन यह हमले कब, कैसे और कहाँ होंगे इस बारे में अमेरिका की ओर से अनुमति मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
एक्सियोस के सूत्रों ने दावा किया कि ज़ायोनी शासन के अधिकारियों ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि ईरान के मिसाइल हमले का जवाब कैसे दिया जाए क्योंकि वह अमेरिकी सरकार से परामर्श और उनकी अनुमति लेने की योजना बना रहे हैं।
एक्सियोस ने आगे दावा किया कि "इस्राईल अपने दम पर जवाब देने का इरादा रखता है, लेकिन स्थिति के रणनीतिक परिणामों को देखते हुए, वह संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अपनी योजनाओं का समन्वय करना चाहता है। "यूएस सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के साथ रक्षा समन्वय के साथ साथ उसे ज़ायोनी वायु सेना के लिए और अधिक हथियार और शायद अन्य परिचालन के लिए भी अमेरिकी समर्थन की आवश्यकता होगी।
इजराइल का बैरूत पर हमला पांच लोग शहीद
एक रिपोर्ट के अनुसार, इज़राइल ने गुरुवार सुबह मध्य बैरूत के अलबचौरा क्षेत्र में हिजबुल्लाह से संबद्ध स्वास्थ्य प्राधिकरण केंद्र को निशाना बनाकर हवाई हमला किया जिससे 5 लोग शहीद हो गए है।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इज़राइल ने गुरुवार सुबह मध्य बेरूत के अल-बचौरा क्षेत्र में हिजबुल्लाह से संबद्ध स्वास्थ्य प्राधिकरण केंद्र को निशाना बनाकर हवाई हमला किया, जिससे भीषण आग लग गई।
टीवी फ़ुटेज में इमारत से भारी काला धुआँ उठता हुआ दिखाई दे रहा है।
हवाई हमले से आसपास के घरों और पार्क किए गए वाहनों को भी काफी नुकसान हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि बचाव के लिए एम्बुलेंस और नागरिक सुरक्षा दल इलाके में पहुंच गए हैं।
लेबनान के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अलबचौरा क्षेत्र में हवाई हमले में कम से कम 5 लोग मारे गए।
टीवी चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य बेरूत में हमले से कुछ समय पहले इज़राइल ने बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में हरेत ह्रेइक क्षेत्र पर तीन हवाई हमले किए है।
इज़राइल पर ईरान के हमले पर फ्रांस, जर्मनी और इंग्लैंड की प्रतिक्रियाएं
इज़राइली शासन के खिलाफ ईरान के जवाबी हमले पर तीन यूरोपीय देशों ने क्या कहा? इज़राइल पर ईरान के मिसाइल हमले पर यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी और इंग्लैंड ने प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं।
यूरोपीय संघ, फ़्रांस, जर्मनी और इंग्लैंड के प्रमुखों ने ज़ायोनी शासन के आतंकवादी और अवैध कृत्यों का उल्लेख किए बिना, मंगलवार को इज़राइल पर इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स आईआरजीसी के मिसाइल हमले के जवाब में इस शासन के अपराधों का समर्थन किया।
यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रभारी जोसेफ़ बोरेल ने पूरे क्षेत्र में तत्काल युद्धविराम की आवश्यकता पर ज़ोर दिया और दावा किया कि यूरोपीय ब्लॉक क्षेत्रीय युद्ध को रोकने में मदद करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
बोरेल ने घोषणा की कि हमलों और प्रतिशोध का ख़तरनाक चक्र नियंत्रण से बाहर होने का ख़तरा है। यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष और यूरोपीय संघ की विदेश नीति के प्रभारी चार्ल्स मिशेल ने भी कहा: मध्यपूर्व में तनाव के घातक चक्र को अब रोका जाना चाहिए, यह क्षेत्रीय युद्ध किसी के हित में नहीं है।
इज़राइल पर ईरान के मिसाइल हमले का ज़िक्र करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रॉ ने कहा कि पेरिस ने इज़राइल की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के संकेत के रूप में पश्चिम एशिया में अपनी सैन्य सुविधाएं जमा कर ली हैं।
दूसरी ओर, जर्मनी की विदेशमंत्री अनलना बेरबाक ने ज़ायोनी शासन के आतंकवादी आप्रेशन्ज़ का जिक्र किए बिना, जिसके कारण क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है, ईरान के मिसाइल हमलों को तत्काल रोकने की मांग की।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री केयर स्टार्मर ने भी कहा: हम इज़राइल के साथ खड़े हैं और ईरान के ख़िलाफ़ अपनी रक्षा करने के उसके अधिकार को पहचानते हैं।
इज़राइल के हालिया अपराधों के जवाब में मंगलवार को आईआरजीसी की वायु सेना ने दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलों से इस्राईल के महत्वपूर्ण सैन्य और सुरक्षा लक्ष्यों को निशाना बनाया।