
رضوی
लखनऊ, सय्यद हसन नस्रुल्लाह की शहादत पर शोक सभा
लखनऊ सरफ़राज़गंज में सय्यद हसन नसरुल्लाह की शहादत की सूचना मिलने के कुछ देर बाद क्षेत्र की महिलाऐं मौला अली अलै. के रौज़े में एकत्र हुईं और मोमबत्ती जला कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस सभा में आलिमाओं ने संवेदना व्यक्त करते हुए उनके बलिदान के बारे में बताया अंत में दुआओं के साथ सभा सम्पन्न हुई।
प्रतिरोध का परचम हमेशा ऊँचा रहेगा
हज़रत आयतुल्लाह मकारिम शिराज़ी ने सय्यद हसन नसरुल्लाह की शहादत पर हज़रत वली अस्र (अ), हिज़्बुल्लाह के बहादुर मुजाहिदीन, लेबनान के उत्साही लोगों, गर्वित विद्वानों और सभी स्वतंत्रता-प्रेमी मुसलमानों को बधाई और शोक व्यक्त किया है।
हिज़्बुल्लाह लेबनान के मुजाहिदीन विद्वान सैय्यद हसन नसरल्लाह की शहादत पर आयतुल्लाहिल उज़्मा मकारिम शिराज़ी के शोक संदेश का पाठ निम्नलिखित है:
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम
مِنَ الْمُؤْمِنِینَ رِجالٌ صَدَقُوا ما عاهَدُوا اللّهَ عَلَیْهِ فَمِنْهُمْ مَنْ قَضی نَحْبَهُ وَ مِنْهُمْ مَنْ یَنْتَظِرُ وَما بَدَّلُوا تَبْدِیلاً मिनल मोमेनीना रेजालुन सदक़ू मा आहदल्लाहो अलैहे फ़मिन्हुम मन क़ज़ा नहबहू व मिन्हुम मय यंतज़ेरो वमा बद्दलू तबदीला
मुजाहिदीन विद्वान और अल्लाह के नेक बंदा, हिजबुल्लाह के दिवंगत महासचिव, हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन सैयद हसन नसरूल्लाह (र) की शहादत की खबर ने सभी मुसलमानों और स्वतंत्रता सेनानियों के दिलों को दु:ख और शोक के साथ संसार को भर दिया है।
खुदा की राह में मुजाहिदीन की शहादत न तो हार है और न ही अपमान; बल्कि, यह उनके दिल की इच्छा और उनके लिए सर्वोच्च पुरस्कार और दैवीय आशीर्वाद है।
इन वर्षों के दौरान, लेबनान, फिलिस्तीन और मुस्लिम उम्माह दुश्मन ज़ायोनीवादियों के खिलाफ उनके बुद्धिमान नेतृत्व के ऋणी थे और उनकी निस्वार्थ सेवा को कभी नहीं भूलेंगे। प्रतिरोध का परचम हमेशा ऊँचा रहेगा और दुश्मन कभी भी अपनी नापाक इच्छाओं को पूरा नहीं कर पाएगा क्योंकि इस रास्ते में कई मुजाहिदीन हैं जो सैय्यद अल-शोहदा (अ) के रास्ते पर चलते हैं और अपने महान शहीदों के रास्ते पर चलते हैं।
मैं सैय्यद नसरुल्लाह की शहादत पर हज़रत वली अस्र (अरावहाना फ़िदा), हिज़्बुल्लाह के बहादुर मुजाहिदीन, लेबनान के उत्साही लोगों, सम्माननीय विद्वानों, सभी स्वतंत्रता-प्रेमी मुसलमानों और विशेष रूप से उनके सम्माननीय परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएँ व्यक्त करता हूँ। अल्लाह तआला उनके दरजात को बढ़ाएँ, उनके जीवित बचे लोगों को धैर्य प्रदान करें, प्रतिरोध मोर्चे की शीघ्र जीत प्रदान करें, ज़ायोनीवादियों का विनाश और इस्लाम के दुश्मनों और दुनिया के उत्पीड़कों की हार और अपमान करें।
फ़इन हिज़्बुल्लाहे होमुल ग़ालेबून
वस सलामो अलैकुम
क़ुम - नासिर मकारिम शिराज़ी
28 सितंबर 2024
नजफ़ अशरफ मे तीन दिन के शोक की घोषणा
हौज़ा इलमिया नजफ़ अशरफ़ ने दुष्ट इसराइल के हमले में शहीद हुए सय्यद हसन नसरुल्लाह की शहादत पर गहरा दुख और शोक व्यक्त करते हुए तीन दिन के शोक की घोषणा की है।
हौज़ा इल्मिया नजफ़ अशरफ़ के बयान का पूरा पाठ इस प्रकार है।
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम
बहुत से ऐसे पैगम्बर हुए हैं, जिनके साथ अल्लाह के बहुत से बंदों ने इतने शानदार तरीके से जिहाद किया कि वे ईश्वर की राह में आने वाली कठिनाइयों से कमजोर नहीं हुए, न उन्होंने कायरता दिखाई और न ही सामने अपमान दिखाया।
हौज़ा इलमिया नजफ अशरफ सय्यद सैय्यद हसन नसरल्लाह और उनके साथ शहीद हुए सज्जनों की शहादत पर शोक की घोषणा करते हैं।
इस बड़ी और गंभीर आपदा में, हौज़ा उलमिया नजफ़ अशरफ़ सबसे पहले इमाम ज़माना की सेवा मे संवेदना व्यक्त करता हैं।
कल मस्जिद खदरा में शहीद के लिए मजलिसे तरहीम का आयोजन किया गया है।
हौ़ज़ा इल्मीया नजफ अशरफ
क़ुम सय्यद हसन नसरुल्लाह की शहादत के शोक में डूबा
हिज़्बुल्लाह के जनरल सेक्रेटरी सय्यद हसन नसरुल्लाह की शहादत के शोक में क़ुम हर तरफ अज़ादारी का आलम है। हौज़ेए इल्मिया के छात्रों, उलमा, मुज्तहेदीन की बड़ी संख्या फ़ैज़ियाह में एक रैली में जमा हुई और लेबनान में ज़ायोनी अपराधों की निंदा की। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोगों आयतुल्लाह मरअशी नजफ़ी स्ट्रीट से मुसल्ला तक आयोजित रैली में हिस्सा लिया।
इस्राईल के खिलाफ दुनियाभर में भड़का जनाक्रोश,कश्मीर में विशाल प्रदर्शन
कश्मीर में एक बार फिर फिलिस्तीन और लेबनान में जारी ज़ायोनी आतंकी गतिविधियों के खिलाफ विशाल विरोध प्रदर्शन किया गया। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कश्मीर के हज़ारों लोगों ने सड़कों पर उतर कर ज़ायोनी शासन द्वारा हिज़्बुल्लाह के महासचिव सय्यद हसन नसरुल्लाह की हत्या की कड़ी निंदा की।
इराक और सीरिया के सीमावर्ती इलाकों पर बमबारी, 8 सीरियन शहीद
अवैध राष्ट्र इस्राईल ने लेबनान और फिलिस्तीन के बाद अब सीरिया और इराक के बॉर्डर पर भी भीषण बमबारी के करते हुए 8 लोगों को शहीद कर डाला।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इराक और सीरिया की सीमा पर स्थित अल-बुकामल शहर में सुबह-सुबह हुए हवाई हमलों में 8 सीरियाई नागरिक शहीद हो गए।
अवैध ज़ायोनी राष्ट्र ने सुबह सवेरे इराक और सीरिया की सीमा पर स्थित अल-बुकामल शहर पर बमबारी की। अल जज़ीरा ने बताया कि इस हवाई हमले में इराक के सैय्यदुश-शोहदा ब्रिगेड के ठिकाने को निशाना बनाया गया।
आयतुल्लाहिल उज़्मा शुबैरी ज़ंजानी का शोक संदेश
हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा ज़ंजानी के कार्यालय ने सय्यद हसन नसरुल्लाह की शहादत पर शोक व्यक्त किया और कहा: इस योद्धा और अथक व्यक्ति ने अपने जीवन के कई वर्ष स्वतंत्रता की राह में, दुष्ट ज़ायोनी शासन और उत्पीड़ितों के खिलाफ लड़ते हुए बिताए।
हिज़्बुल्लाह लेबनान के महासचिव की शहादत पर हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा शुबैरी ज़ंजानी के शोक संदेश का पाठ इस प्रकार है:
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम
वा सयअलमुल लज़ीना ज़लमू अय्या मुंक़लेबिन यंक़लेबून
लेबनान की पीड़ित और उत्पीड़ित जनता को खून मे लथपत करने और हिज़्बुल्लाह के महासचिव सय्यद हसन नसरुल्लाह और उनके कमांडरों की शहादत क्रूर और अत्याचारी सरकार के ज़ुल्म ने दिल को अत्यंत दुखी किया है।
इस योद्धा और अथक व्यक्तित्व के स्वामी ने अपने जीवन के कई वर्ष आज़ादी की लड़ाई, दुष्ट ज़ायोनी शासन के विरुद्ध संघर्ष और पीड़ित एवं उत्पीड़ित लोगों की सहायता और समर्थन में बिताये।
इस दर्दनाक आपदा के लिए अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए, हम अल्लाह तआला से दुआ करते हैं कि हजरत वली अस्र (अ) मोमेनीन को इन दुष्ट और इस्लाम विरोधी तत्वों की साजिशों से बचाएं और मुसलमानों को सम्मान और सहायता प्रदान करें।
24 रबी अल-अव्वल 1446 हिजरी
आयतुल्लाहिल उज़्मा शुबैरी ज़ंजानी का कार्यालय
सय्यद हसन नसरुल्लाह की शहादत पर आयतुल्लाह ख़ामेनेई का शोक संदेश
हिज़्बुल्लाह के महासचिव शहीद सय्यद हसन नसरुल्लाह की शहादत पर आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने शोक संदेश देते हुए देश भर में 5 दिन के शोक का ऐलान किया। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा कि अज़ीम मुजाहिद, प्रतिरोध के अलमदार, फ़ज़ीलतों वाले अलीम और राजनैतिक चिंतक सय्यद हसन नसरुल्लाह ने जामे शहादत नोश किया।
उन्होंने कहा कि मोहतरम सय्यद ने एक मुक़द्दस जंग में कई दशकों तक अल्लाह की राह में जिहाद करने का अज़ीम सिला पाया। वह उस समय शहीद हुए जब बैरुत के उप नगरों में बेघर लोगों, और उनके बिछड़े प्रियजनों की रक्षा के लीये रणनीति बना रहे थे। बिल्कुल वैसे ही जैसे वह कई दशकों से फिलिस्तीन की मज़लूम जनता की रक्षा के लिए रणनीति बनाते रहे जिनके शहरों और ज़मीनों पर क़ब्ज़ा किया गया और उनके प्यारों का क़त्लेआम किया गया। शहीद नसरुल्लाह उनके लिए लड़ रहे थे। इतनी मेहनत, संघर्ष और जिहाद का सिला और इनाम तो शहादत ही था।
इस्लामी दुनिया ने एक महान हस्ती और प्रतिरोधी मोर्चे ने एक अज़ीम अलमदार को खो दिया है जबकि हिज़्बुल्लाह एक बेमिसाल लीडर से वंचित हो गया लेकिन कई दशकों तक जारी रहे उनके जिहाद की बरकतें कभी खत्म नहीं होंगी।
उन्होंने लेबनान में जिस प्रतिरोध की बुनियाद रखी और उसे प्रतिरोध के दूसरे केंद्रों तक पहुँचाने में अहम् किरदार निभाया वह शहीद और उनके दूसरे साथियों की शहादत के साथ यही नहीं कि खत्म नहीं होंगी बल्कि और मज़बूत होगी। अतिक्रमणकारी अवैध राष्ट्र पर प्रतिरोधी मोर्चे के हमले और तेज़ होंगे। इस घटना के बाद भी इस्राएल को कामयाबी नहीं मिलेगी।
शहीद नसरुल्लाह सिर्फ एक हस्ती नहीं थे बल्कि वह एक विचारधारा और एक रास्ता थे जो जारी रहेगा। शहीद अब्बास मूसवी का ख़ून बर्बाद नहीं हुआ न ही सय्यद हसन नसरुल्लाह का ख़ून रायगां जाएगा।
उन्होंने कहा कि मैं शहीद सय्यद की पत्नी, जिन्होंने अपने बेटे सय्यद हादी को भी खुदा की राह में कुर्बान कर दिया, शहीद के बच्चों और इस घटना में शहीद होने वालों के परिवार, हिज़्बुल्लाह के प्रत्येक सदस्य को सय्यद नसरुल्लाह और उनके साथियों की शहादत पर लेबनान के प्रिय लोगों और उच्चाधिकारियों और सभी प्रतिरोधी मोर्चों और पूरी इस्लामी उम्मत को मुबारकबाद और तसलियत पेश करता हूँ।
मैं इस्लामी ईरान में पांच दिनों के सार्वजनिक शोक की घोषणा करता हूं। अल्लाह उन्हें अपने औलिया के साथ महशूर करे।
सय्यद अली ख़ामेनेई
28 सितंबर 2024
आयतुल्ला सैयद अली सिस्तानी का शोक संदेश
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली सिस्तानी ने हिज़बुल्लाह लेबनान के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह की महान शहादत पर गहरा दु:ख और शोक व्यक्त करते हुए एक शोक संदेश जारी किया है।
शिया मरजय इकराम हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली सिस्तानी ने सैयद हसन नसरुल्लाह के शहादत पर शोक संदेश जारी किया है।
शोक संदेश कुछ इस प्रकार है:
इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलाही राजी'उन
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
بسم اللہ الرحمن الرحیم
مِنَ الْمُؤْمِنِينَ رِجَالٌ صَدَقُوا مَا عَاهَدُوا اللَّهَ عَلَيْهِ فَمِنْهُمْ مَنْ قَضَى نَحْبَهُ وَمِنْهُمْ مَنْ يَنْتَظِرُ وَمَا بَدَّلُوا تَبْدِيلًا
बेहद दु:ख और अफसोस के साथ हमें हिज़्बुल्लाह लेबनान के महासचिव हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद हसन नसरुल्लाह और उनके कई साथी की शहादत की खबर मिली है। यर महान शहीद बेरूत के दक्षिणी इलाके में किए गए इस्राइली घातक हमले में दर्जनों मासूम नागरिकों के साथ शहीद हो गए।
यह महान शहीद हाल के दशकों में एक ऐसे बेमिसाल नेता थे जिन्होंने लेबनान की आज़ादी के लिए इस्राइली कब्ज़े के खिलाफ महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इसी तरह उन्होंने इराक़ी जनता को दाइश (ISIS) के आतंकवादियों के चंगुल से आज़ादी दिलाने के लिए अपनी पूरी ताकत से समर्थन किया और हमेशा ही निर्दोष फ़िलस्तीनियों की मदद के लिए एक शानदार रुख अपनाया,उन्होंने अपनी अमूल्य ज़िन्दगी इस पवित्र राह में कुर्बान कर दी।
हम इस महान मुसीबत और अपूरणीय क्षति पर लेबनानी जनता और अन्य पीड़ित कौमों को सांत्वना प्रकट करते हैं।
हम अल्लाह ताआला से दुआ करते हैं कि वह इस महान शहीद को अपनी विशाल दया और खुशी में सम्मिलित करे। और अल्लाह ताला से दुआ करते हैं कि शाहिद के परिवार वालों को सब्र आता करें
24 रबीउल-अव्वल 1446 हिजरी / 28 सितंबर 2024
दफ़्तर आयतुल्लाह सीस्तानी, नजफ अशरफ
मौलाना यासूब अब्बास ने हिज़्बुल्लाह के नेता सैयद हसन नसरल्लाह की हत्या की निंदा की
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने हिज़्बुल्लाह के नेता सैयद हसन नसरल्लाह की हत्या की कड़ी निंदा की है।
लखनऊ: ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (AISPLB) के राष्ट्रीय प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने हिज़्बुल्लाह के नेता सैयद हसन नसरल्लाह की हत्या की कड़ी निंदा की है।
मौलाना अब्बास ने एक बयान में नसरल्लाह को श्रद्धांजलि देते हुए, उनके उस महत्वपूर्ण योगदान को उजागर किया, जिसमें उन्होंने आईएसआईएस के हमलों के दौरान इमाम अली की बेटी हज़रत ज़ैनब के पवित्र दरगाह की रक्षा की थी।
मौलाना अब्बास ने नसरल्लाह को एक मजबूत शिया-मुस्लिम नेता बताया, जिन्होंने हमेशा फिलिस्तीन के उत्पीड़ित लोगों का इजरायली बलों के खिलाफ समर्थन किया।
उन्होंने नसरल्लाह की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए इसे मुस्लिम दुनिया के लिए एक बड़ी क्षति बताया और उनकी हत्या के लिए इजरायली बलों को जिम्मेदार ठहराया।
मौलाना ने संयुक्त राष्ट्र से इजरायल पर दबाव डालने का आग्रह किया, ताकि वह फिलिस्तीन और लेबनान के लोगों पर अपनी आक्रामकता को रोक सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि नसरल्लाह की मौत एक "अपूरणीय क्षति" है और दुनिया उन्हें उत्पीड़ित लोगों के हमदर्द के रूप में याद रखेगी।