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फिलिस्तीन, लेबनान  समेत सीरिया मे सभी अंतर्राष्ट्रीय कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए हमले करने वाली ज़ायोनी सेना केलिए सीरिया से बुरी खबर आ रही है । मक़बूज़ा फिलिस्तीन की सीमा पर रूस ने अपनी सेना तैनात करने का फैसला किया है। सीरिया के इलाके में रूस ने अपना सैन्य बेस बना लिया है। यह सैन्य बेस ऐसे इलाके में है जो प्रॉक्सी संगठनों का सबसे बड़ा टारगेट है। दावा किया जा रहा है कि सैन्य बेस के बहाने रूस इस इलाके में प्रॉक्सी संगठनों को हथियार के साथ संरक्षण भी देगा। दरअसल, ज़ायोनी ऑपरेशन के दौरान रूसी सैनिक हमले की चपेट में आए तो पुतिन के लिए पलटवार करने का मौका होगा। यह बेहद संवेदनशील और विवादित इलाका है, जिसे गोलन हाइट्स कहते हैं। यहां एक अतिक्रमणकारी ज़ायोनी सेना तैनात है, तो दूसरी तरफ सीरिया में प्रॉक्सी संगठनों के कई ठिकाने हैं। सीरिया अपने गोलन हाइट्स को वापस लेना चाहता है, लेकिन अवैध राष्ट्र इस इलाके में अपनी 30 से अधिक बस्तियां बसा चुका है। अब इसी इलाके के करीब रूस की सेना की तैनाती बढ़ाई गई है। 

बीए, बीकॉम या बीएससी में पढ़ाई के साथ-साथ कुछ कोर्स भी करने चाहिए ताकि किशोर लड़कियों को किसी भी क्षेत्र में करियर बनाने में दिक्कत न हो। अनगिनत करियर विकल्पों के इस युग में, ऐसे कई पाठ्यक्रम हैं जिनके माध्यम से किशोर लड़कियां अपने कौशल को निखार सकती हैं।

किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए शिक्षित होना बहुत जरूरी है। बीए, बीकॉम या बीएससी में पढ़ाई के साथ-साथ कुछ कोर्स भी करने चाहिए ताकि छात्र को किसी भी क्षेत्र में करियर बनाने में दिक्कत न हो। यह लेख कुछ पाठ्यक्रमों पर चर्चा करता है जो किशोर लड़कियों के लिए उपयोगी हो सकते हैं:

चित्रकारी और कला

 इस क्षेत्र में किशोरियों को अपनी कलात्मक कुशलता आजमाने का मौका मिल सकता है। अधिकांश किशोर लड़कियाँ चित्रकारी में अच्छी होती हैं। वे इस कोर्स को करके अपने कौशल में सुधार कर सकते हैं। आप इसमें एक साल का डिप्लोमा कर सकते हैं। इस प्रकार के कई कोर्स छोटी अवधि के लिए भी होते हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार इनमें से किसी एक को चुन सकते हैं।

 

विदेशी भाषा सीखें

 विशेषज्ञों का कहना है कि हर किसी को एक से अधिक भाषाएं सीखनी चाहिए। वर्तमान युग उन्नत युग है। मातृभाषा के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा में भी महारत हासिल करना बहुत जरूरी हो गया है। खासकर छात्रों के लिए. यदि किशोर लड़कियां किसी विदेशी कंपनी में अपनी किस्मत आजमाना चाहती हैं, तो उन्हें एक विदेशी भाषा सीखनी चाहिए, चाहे वह फ्रेंच, जर्मन, कोरियाई, जापानी, चीनी या स्पेनिश हो। जान लें कि इंजीनियर की डिग्री हासिल करने के बाद विदेशी भाषा सीखने के कारण आपको अलग-अलग कंपनियों में नौकरी मिल सकती है और आप शानदार भविष्य और अच्छे पैकेज की लिस्ट में शामिल हो सकते हैं। साथ ही, निजी कोचिंग या ऑनलाइन विदेशी भाषा सीखकर भी अच्छी आय अर्जित की जा सकती है।

योग कोर्स

 योग आपको सक्रिय और स्वस्थ रखने में मदद करता है। इस क्षेत्र में महारत हासिल कर आप अच्छा करियर बना सकते हैं। आज के युग में युवा लोग डिप्रेशन जैसी बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। इस बीमारी से छुटकारा पाने में योग कारगर है। योग प्रशिक्षक बनकर आप युवाओं को आज की चुनौतियों के साथ उनके निजी जीवन को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं। आप योग को ऑफलाइन या ऑनलाइन दोनों तरह से सीख सकते हैं। आप इसका एडवांस कोर्स भी कर सकते हैं।

कोडिंग

 कोडिंग किशोरों के लिए प्रौद्योगिकी और नवाचार की दुनिया के द्वार खोलती है। समस्या समाधान कौशल विकसित करता है। आज के डिजिटल युग में, कई ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म कोडिंग पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं।

कैलकुलस कोर्सेस

 यह पाठ्यक्रम आपको अपनी शैक्षणिक चुनौतियों के लिए तैयार करने में मदद कर सकता है और साथ ही आपको अपना समय प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना भी सिखा सकता है। आप अपने पाठ्यक्रम, ग्रेड स्तर या सीखने के स्तर के आधार पर विभिन्न कैलकुलस पाठ्यक्रम ऑनलाइन पा सकते हैं।

बजट बनाने की महारत

 जीवन में पैसा सबसे महत्वपूर्ण चीज नहीं है लेकिन यह जीवनशैली को आरामदायक बनाने में मदद जरूर करता है। बजट बनाना एक कौशल है जो आपको पैसे को महत्व देने, बुद्धिमानी से खर्च करने और भविष्य के लिए योजना बनाने में मदद करता है।

कूकिंग कोर्सेस

भोजन मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। आप अलग-अलग नए व्यंजन बनाना सीखकर कुकिंग क्लास शुरू कर सकते हैं। आजकल किचन क्लाउड का भी चलन है, आप इससे अच्छी इनकम कमा सकते हैं।

बुनियादी चिकित्सा सहायता महारत

 यह कोर्स बहुत कारगर हो सकता है. इस कोर्स के जरिए आप अपने साथ-साथ अपने परिवार का भी ख्याल रख सकते हैं। इसके अलावा, वे बुनियादी चिकित्सा जानकारी के माध्यम से दूसरों को भी लाभान्वित कर सकते हैं।

ओर्गनाईज़ेशन के हुनर

 इस पाठ्यक्रम के माध्यम से आप समय का प्रभावी ढंग से उपयोग करना, योजना बनाना, लक्ष्य निर्धारित करना, संसाधनों का उपयोग करना आदि सीख सकते हैं। अगर आप किसी कॉर्पोरेट कंपनी से जुड़ना चाहते हैं तो यह कोर्स आपके लिए उपयोगी हो सकता है। यह आपके कौशल को बेहतर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

लीडरशिप कुवालिटी

 लड़कियों में उत्कृष्ट टीम वर्क और नेतृत्व कौशल होना चाहिए ताकि वे भविष्य में घर और विदेश की दोहरी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से संभाल सकें।

 इन कोर्सेज के माध्यम से किशोरियां विभिन्न क्षेत्रों में अपना करियर बना सकती हैं।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अब्बासी ने कहा, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक प्रगति के लिए यह आवश्यक है कि देश में डिजिटल अवसंरचना को मजबूत किया जाए और समाज, विशेष रूप से युवा पीढ़ी को वैचारिक आक्रमणों से सुरक्षित रखा जाए।

एक रिपोर्ट के अनुसार,जामिया अलमुस्तफा अलआलमिया के संरक्षक हुज्जतल इस्लाम वल मुस्लिमीन अब्बासी ने क़ुम में हौज़ा-ए-इल्मिया के संरक्षक आयतुल्लाह आराफी और नेशनल वर्चुअल स्पेस सेंटर के प्रमुख डॉ. आग़ा मीरी की उपस्थिति में साइबर स्पेस एक्टिविस्ट काउंसिल के सदस्यों के साथ आयोजित बैठक में कहा,आज के दौर में जनता के विचार और सोच का अधिकांश हिस्सा डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर बनता है और इन्हीं के माध्यम से बदला भी जाता है।

उन्होंने आगे कहा,अल्हमदुलिल्लाह ईरान ने वैज्ञानिक क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है हमें अपनी आंतरिक क्षमताओं और युवाओं पर भरोसा करके डिजिटल क्षेत्र में भी बेहतर परिणाम प्राप्त करने चाहिए।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अब्बासी ने कहा,

वैज्ञानिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में प्रगति के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रावधान एक बुनियादी आवश्यकता है ताकि समाज विशेष रूप से युवाओं को बौद्धिक हमलों से बचाया जा सके।

उन्होंने पश्चिमी देशों की डिजिटल क्षेत्र में प्रगति का जिक्र करते हुए कहा,पश्चिमी दुनिया ने डिजिटल स्पेस की अहमियत को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र में काफी तरक्की की है और अपने इंफ्रास्ट्रक्चर पर मजबूत पकड़ बनाई हुई है।

जामिया अलमुस्तफा के प्रमुख ने आगे कहा,

दुर्भाग्यवश, वैश्विक स्तर पर हम अभी भी वांछित इंफ्रास्ट्रक्चर और जरूरी प्लेटफॉर्म्स के विकास में पीछे हैं।

इस्लामी क्रांति का वैश्विक प्रभाव दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है लेकिन दुश्मन इस क्षेत्र में सक्रिय हैं और जन विचारों के नेतृत्व पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए बाधाएं खड़ी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा,डिजिटल क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और विकास के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए ताकि इस्लाम विरोधी तत्वों की साजिशों को विफल किया जा सके।

 

 

 

 

 

ग़ज़्ज़ा में एक साल से भी अधिक समय से क़त्लेआम मचा कर भी इस्राईल अपने किसी उद्देश्य मे सफल नहीं हो सका है।  ग़ज़्ज़ा को बमबारी से तबाह  करने के बाद भी ज़ायोनी सेना एक भी बंधक को हमास के हाथों से मुक्त नहीं करा सकी।

अब ग़ज़्ज़ा के दौरे पर पहुंचे ज़ायोनी प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री इजराइल कोट्स के साथ गाजा का दौरा किया।  जहां उन्होंने बंधकों की रिहाई के बदले  फिलिस्तीनियों को वित्तीय पुरस्कार और क्षेत्र से बाहर निकलने का ऐलान किया है।

बेंजामिन नेतन्याहू ने हर बंधक के लिए 5 मिलियन डॉलर (करीब 38 करोड़ रुपये) का इनाम देने का वादा किया है। ज़ायोनी नेता ने कहा "मैं उन लोगों से भी कहता हूं जो इन हालात से बाहर निकलना चाहते हैं, जो कोई भी हमें बंधक लाकर देगा, उसके परिवार को सुरक्षित बाहर निकलने का रास्ता दिया जाएगा। हम हर बंधक के लिए 5 मिलियन डॉलर का इनाम देंगे।

 

 

रूस के खिलाफ यूक्रेन को अमेरिका के हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति देकर बाइडन ने विश्व को एक नए खतरे मे डाल दिया है । यूक्रेन अगर ऐसा दुस्साहस करता है तो रूस का पलटवार बहुत जबरदस्त होगा और इसी डर अमेरिका ने कीव से अपना दूतावास खाली कर दिया जिसके बाद यूरोप के कई देशों ने कीव मे अपना दूतावास बंद करना शुरू कर दिया है । तनाव के बीच अमेरिका ने यूक्रेन की राजधानी कीव में बुधवार को अपनी एम्बेसी बंद कर दी है। इसके अलावा इटली, ग्रीस और स्पेन ने भी एक दिन के लिए कीव दूतावास बंद रखने का फैसला किया है।

 

 

ईरान के राष्ट्रपति के सहायक संसदीय मामलों ने हज़रत आयतुल्लाह सुब्हानी से क़ुम में मुलाकात की है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के राष्ट्रपति के सहायक संसदीय मामलों शहराम दबीरी ने हज़रत आयतुल्लाह सुबहानी से मुकद्दस क़ुम में मुलाकात की है।

इस मरजए तक़लीद ने इस मुलाकात के दौरान कहा,संसद में पास होने वाले क़ानूनों की पूरी निगरानी की जानी चाहिए ताकि उनमें इस्लाम और मुसलमानों की भलाई को प्राथमिकता दी जा सके और उनका ख्याल रखा जा सके।

ईरान के राष्ट्रपति के सहायक संसदीय मामलों ने इस अवसर पर सरकार की कार्रवाइयों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा,मराजे ए अज़ाम हमेशा जनता देश और धर्म की भलाई चाहते हैं।

हम सभी मामलों में उनकी राय को ध्यान में रखते हैं और कभी भी उनकी नीतियों के खिलाफ कदम नहीं उठाएंगे।

 

 

 

 

 

अंजमने शरई शीयान ए जम्मू व कश्मीर के सहयोग से अय्यामे फातिमिया की मुनासिबत से विभिन्न स्थानों पर मजलिस-ए-अज़ा का आयोजन किया गया जिसमें सबसे बड़ी मजलिस-ए-अज़ा केंद्रीय इमाम बारगाह आयतुल्लाह आगा सैयद यूसुफ़ शाह र.ह. में आयोजित हुई।

एक रिपोर्ट के अनुसार,अंजमने शरई शीयान ए जम्मू व कश्मीर के सहयोग से अय्यामे फातिमिया की मुनासिबत से विभिन्न स्थानों पर मजलिस-ए-अज़ा का आयोजन किया गया जिसमें सबसे बड़ी मजलिस-ए-अज़ा केंद्रीय इमाम बारगाह आयतुल्लाह आगा सैयद यूसुफ़ शाह र.ह. में आयोजित हुई।

मजलिस-ए-अज़ा में वादी-ए-कश्मीर से अज़ादारों ने शिरकत की और शहजादी-ए-कौनीन हज़रत फातिमा ज़हरा सलाम अल्लाह अलैहा को ख़राज-ए-अक़ीदत पेश किया।

मजलिस-ए-अज़ा की सदारत इस्लामिक स्कॉलर हुज्जतुल इस्लाम आगा सैयद मुहम्मद हादी मुसवी सफ़वी ने की।सैयद हादी ने कहा कि हज़रत फातिमा ज़हरा सलाम अल्लाह अलैहा ने आख़िर तक इमामत और विलायत का बचाव किया।

आगा सैयद मुहम्मद हादी मुसवी सफ़वी ने जनाब फातिमा ज़हरा सलाम अल्लाह अलैहा की दीनी और सियासी शख्सियत पर तफ़सील से रोशनी डाली।

उन्होंने कहा कि हज़रत फातिमा ज़हरा सलाम अल्लाह अलैहा उम्मुल अबिहा, हर इंसान के लिए नमूना-ए-अमल हैं।

आगा साहिब ने कहा कि हज़रत फातिमा ज़हरा सलाम अल्लाह अलैहा वो शख्सियत हैं जिनकी हयात-ए-तैयबा को जानने के लिए दुनिया में रहने वाले हर ज़ी-शुअूर इंसान तश्ना हैं।

आगा सैयद हादी मुसवी साहिब ने और कहा कि हज़रत फातिमा ज़हरा सलाम अल्लाह अलैहा पहली मदीफा-ए-इमामत और विलायत हैं और ज़िंदगी की आखिरी सांस तक इमामत का बचाव करती रहीं।

उन्होंने यह बयान करते हुए कि हज़रत फातिमा ज़हरा सलाम अल्लाह अलैहा हक और सच्चाई की तस्वीर हैं, कहा कि इस बात की वाजेह दलील, मस्जिद-ए-नबवी में उनका हक का तलब करना है।

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने बाइडन के हालिया फैसले के खिलाफ कड़ा क़दम उठाते हुए ऐसे क़ानून को मंज़ूरी दी है जो यूरोप के लिए मुसीबत बन सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने हाल ही में यूक्रेन को रूस के खिलाफ अमेरिकी हथियारों के इस्तेमाल के लिए फ्री हैंड दिया था, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो पुतिन जवाब में जो क़दम उठाएंगे वह बहुत खतरनाक होगा।

पुतिन ने नियम पास किया है कि अगर रूस की धरती पर अमेरिकी मिसाइल गिरी, या मिसाइल हमले के साथ-साथ ड्रोन या दूसरे एयरक्राफ्ट के माध्यम से भी अटैक हुआ और यह हमला किसी गठबंधन के सदस्य देश की ओर से होता है तो मॉस्को इस आक्रमण को पूरे गठबंधन की ओर से किया गया हमला मानेगा। यानी अगर अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल रूस के खिलाफ होता है तो रूस इसके लिए पूरे NATO गठबंधन को जिम्मेदार मानेगा।

रूस के इस नए न्यूक्लियर सिद्धांत के अनुसार, अगर किसी न्यूक्लियर ताकत वाले देश की मदद से रूस की जमीन पर कन्वेंशनल मिसाइल हमला होता है तो वह ऐसी स्थिति में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के लिए स्वतंत्र होगा।

 

आयतुल्लाहिल उज़्मा नूरी हमदानी ने क़ुम अलमुकद्देस में ईरान के राष्ट्रपति के संसदीय मामलों के सहायक शहराम दबीरी से मुलाकात की है।

एक रिपोर्ट के अनुसार,आयतुल्लाहिल उज़्मा नूरी हमदानी ने  क़ुम अलमुकद्देस में ईरान के राष्ट्रपति के संसदीय मामलों के सहायक शहराम दबीरी से मुलाकात की है।

इस मुलाकात के दौरान उन्होंने ग़ासिब इज़राईली हुकूमत के अपराधों की ओर इशारा करते हुए कहा,हर दिन विभिन्न समाचार एजेंसियों के माध्यम से बड़ी संख्या में मज़लूम मुसलमानों की शहादत की दुखद ख़बरें सुनने को मिलती हैं।

आयतुल्लाहिल उज़्मा नूरी हमदानी ने कहा, इस्लामी शिक्षाओं और क़ुरानी नज़रिए के अनुसार यदि दुनिया के किसी भी हिस्से में किसी मुसलमान का ख़ून नाहक़ बहाया जाता है तो इसके बारे में सभी मुसलमान ज़िम्मेदार हैं और इस ज़ुल्म के ख़िलाफ़ खड़े होना उन पर फ़र्ज़ है।

विदेशमंत्री ने ईरान पर ज़ायोनी सरकार के हालिया हमले की ओर संकेत करते हुए कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान जवाब देने के अपने अधिकार से पीछे नहीं हटा नहीं है और वह उचित समय पर और उचित तरीक़े से इस हमले का जवाब देगा।

सैय्यद अब्बास इराक़ची ने ईरान की इस्लामी फ़ोर्स सिपाहे पासदारान के कमांडरों व कर्मचारियों के मध्य बोलते हुए कहा कि ईरान ने आधिकारिक रूप से विश्व समुदाय में एलान कर दिया है कि ईरान पर ज़ायोनी सरकार का हालिया हमला नया हमला व अतिक्रमण है और वह प्रतिक्रिया और जवाब का पात्र है।

विदेशमंत्री इराक़ची ने इसी प्रकार (वादे सादिक़ 3) अर्थात सच्चा वादा 3 नामक हमले के समय के बारे में कहा कि गत 12 महीनों के दौरान ईरान ने बहुत होशियारी व समझदारी से काम लिया है और उसका निर्णय एहसासी और उतावला नहीं होता है और वादये सादिक़ 3 के संबंध में भी यही होगा।

ईरान के विदेशमंत्री ने कहा कि जो चीज़ जंग को रोकेगी वह जंग के लिए तत्परता व तैयारी है और जो दुश्मन धमकी देते हैं वे सामने वाले पक्ष की ओर से कमज़ोरी की प्रतीक्षा में होते हैं कि अगर कमज़ोरी देखते हैं तो वे अपना कार्य अंजाम देते हैं। तो जंग की हालत में मज़बूती से डट जाना बहुत महत्वपूर्ण है।

इसी प्रकार ईरान के विदेशमंत्री ने कहा कि रणक्षेत्र और डिप्लोमेसी में समानता है और दोनों एक हैं और दोनों एक से अलग नहीं हैं। उन्होंने कहा कि डिप्लोमेसी का आधार शक्ति होती है और वह उसी के हिसाब से काम करती है और अगर शक्ति व ताक़त न हो तो डिप्लोमेसी से कुछ नहीं हो सकती।

विशेषज्ञों के कथनानुसार इस्लामी गणतंत्र ईरान ने हालिया महीनों में " वादये सादिक़ 1" और "वादये सादिक़ 2"नामक कार्यवाही करके साबित कर दिया कि ईरान अतिक्रमणकारियों को जवाब देने और अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता की सुरक्षा में गम्भीर हैं और क्षेत्र में ईरान की प्रतिरोधक शक्ति व नीति ने ज़ायोनी सरकार और तेलअवीव के पश्चिमी समर्थकों के तनाव उत्पन्न करने वाले रवइये को रोकने में बहुत प्रभावी है।