विदेशमंत्री ने ईरान पर ज़ायोनी सरकार के हालिया हमले की ओर संकेत करते हुए कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान जवाब देने के अपने अधिकार से पीछे नहीं हटा नहीं है और वह उचित समय पर और उचित तरीक़े से इस हमले का जवाब देगा।
सैय्यद अब्बास इराक़ची ने ईरान की इस्लामी फ़ोर्स सिपाहे पासदारान के कमांडरों व कर्मचारियों के मध्य बोलते हुए कहा कि ईरान ने आधिकारिक रूप से विश्व समुदाय में एलान कर दिया है कि ईरान पर ज़ायोनी सरकार का हालिया हमला नया हमला व अतिक्रमण है और वह प्रतिक्रिया और जवाब का पात्र है।
विदेशमंत्री इराक़ची ने इसी प्रकार (वादे सादिक़ 3) अर्थात सच्चा वादा 3 नामक हमले के समय के बारे में कहा कि गत 12 महीनों के दौरान ईरान ने बहुत होशियारी व समझदारी से काम लिया है और उसका निर्णय एहसासी और उतावला नहीं होता है और वादये सादिक़ 3 के संबंध में भी यही होगा।
ईरान के विदेशमंत्री ने कहा कि जो चीज़ जंग को रोकेगी वह जंग के लिए तत्परता व तैयारी है और जो दुश्मन धमकी देते हैं वे सामने वाले पक्ष की ओर से कमज़ोरी की प्रतीक्षा में होते हैं कि अगर कमज़ोरी देखते हैं तो वे अपना कार्य अंजाम देते हैं। तो जंग की हालत में मज़बूती से डट जाना बहुत महत्वपूर्ण है।
इसी प्रकार ईरान के विदेशमंत्री ने कहा कि रणक्षेत्र और डिप्लोमेसी में समानता है और दोनों एक हैं और दोनों एक से अलग नहीं हैं। उन्होंने कहा कि डिप्लोमेसी का आधार शक्ति होती है और वह उसी के हिसाब से काम करती है और अगर शक्ति व ताक़त न हो तो डिप्लोमेसी से कुछ नहीं हो सकती।
विशेषज्ञों के कथनानुसार इस्लामी गणतंत्र ईरान ने हालिया महीनों में " वादये सादिक़ 1" और "वादये सादिक़ 2"नामक कार्यवाही करके साबित कर दिया कि ईरान अतिक्रमणकारियों को जवाब देने और अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता की सुरक्षा में गम्भीर हैं और क्षेत्र में ईरान की प्रतिरोधक शक्ति व नीति ने ज़ायोनी सरकार और तेलअवीव के पश्चिमी समर्थकों के तनाव उत्पन्न करने वाले रवइये को रोकने में बहुत प्रभावी है।