किसी भी प्रत्याशी को मत देना, इस्लामी व्यवस्ता को मत देना है

Rate this item
(0 votes)

किसी भी प्रत्याशी को मत देना, इस्लामी व्यवस्ता को मत देना हैतेहरान की केन्द्रीय जुमा की नमाज़ के इमाम आयतुल्लाह अहमद ख़ातेमी ने कहा है कि पिछले चुनावों की भांति आगामी राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेकर ईरानी जनता इस्लामी व्यवस्था के ख़िलाफ़ दुश्मन की साज़िशों पर पानी फेर देगी और ईरानी क्रांति के मित्रों एवं समर्थकों को प्रसन्न करेगी।

अहमद ख़ातेमी ने जुमे की नमाज़ के ख़ुतबो में उल्लेख किया कि राष्ट्रपति चुनाव के प्रत्याशियों में से किसी भी एक को मत देना वास्तव में इस्लामी व्यवस्था को मत देना है।

आयतुल्लाह ख़ातेमी ने कहा कि राष्ट्र के दुश्मन एक विशेष प्रत्याशी को इस्लामी व्यवस्था का प्रतिनिधि क़रार देकर यह साज़िश रच रहे हैं कि अगर वह प्रत्याशी चुनाव जीत जाता है तो कह सकें कि ईरान में पहले से ही राष्ट्रपति चयनित हो जाता है और अगर वह चुनाव हार जाता है तो दावा कर सकें कि ईरान में इस्लामी व्यवस्था की लोकप्रियता कम हो गई है।

आयतुल्लाह ख़ातेमी ने यह उल्लेख करते हुए कि इस्लामी व्यवस्था ने किसी विशेष प्रत्याशी का समर्थन नहीं किया है कहा कि चुनाव के आयोजन के बाद अगर किसी उम्मीदवार को किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति हो तो उसे न्याय प्रणाली द्वारा निर्धारित मार्ग अपनाना चाहिए।

Read 1394 times