जनरल क़ासिम सुलैमानी की शहादत की पांचवीं बरसी

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जनरल क़ासिम सुलैमानी की शहादत की पांचवीं बरसी

आतंकवाद से मुक़ाबले के महानायक जनरल क़ासिम सुलैमानी की शहादत की पांचवीं बरसी गुरूवार को ईरान के किरमान प्रांत में मनाई गयी। इस अवसर पर दसियों हज़ार लोग उनकी समाधि पर हाज़िर हुए।

जनरल क़ासिम सुलैमानी की शहादत की पांचवीं बरसी के कार्यक्रम का आरंभ, इराक़ी अधिकारियों द्वारा शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी की समाधि पर भावभीन श्रद्धांजलि अर्पित करना, नये ईसवी साल के आरंभ होने के साथ ग़ाज़ा के लोगों के समर्थन में कई देशों में प्रदर्शन, कड़ाके की ठंड और फ़िलिस्तीनियों की जानों को ख़तरा, अमेरिका के न्यू ऑर्लियंस में ट्रक से हमला, ट्रम्प के होटल के सामने विस्फ़ोट और यूरोप को रूसी गैस का निर्यात बंद, ईरान और विश्व की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरें हैं जिनका हम यहां पर उल्लेख कर रहे हैं।

शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी इस्लामी फ़ोर्स सिपाहे पासदारान आईआरजीसी के क़ुद्स ब्रिगेड के कमांडर थे और तीन जनवरी 2020 को वे इराक़ी सरकार के आधिकारिक निमंत्रण पर इराक़ की यात्रा पर थे और बग़दाद के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बाहर कुछ दूरी पर अमेरिका के आतंकवादी सैनिकों ने ड्रोन से उन पर आक्रमण किया जिसमें वह शहीद हो गये। उनके साथ इराक़ के स्वयं सेवी बल हश्दुश्शाबी के डिप्टी कमांडर अबू मेंहदी अलमोहिन्दिस और दूसरे आठ लोग भी शहीद हो गये।

आतंकवाद के महानायक जनरल क़ासिम सुलैमानी की शहादत की पांचवी बरसी मनाई गयी। उनकी शहादत की बरसी के कार्यक्रम में दसियों हज़ार लोगों ने भाग लिया। 

इराक़ के स्वयं सेवी बल हश्दुश्शाबी के प्रमुख फ़ालेह अलफ़य्याज़ ने बुधवार को शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी की शूरवीरता की प्रशंसा करते हुए था कि इराक़ ने शहीद अलमोहन्दिस और क़ासिम सुलैमानी सहित अपने बेहतरीन वीर सपूतों और नेताओं को आतंकवाद से मुक़ाबले के मार्ग में क़ुर्बान कर दिया।

इराक़ के बद्र संगठन के महासचिव हादी अलआमेरी ने बुधवार को जनरल क़ासिम सुलैमानी और अबू मेंहदी अलमोहन्दिस की शहादत की पांचवी बर्सी के अवसर पर बग़दाद में कहा कि शहीद सुलैमानी बहुत जुझारू थे और इराक़ और सीरिया में बहुत सी चुनौतियों के मुक़ाबले में उन्होंने बहुत ही उल्लेखनीय व अविस्मरणीय भूमिका निभाई है।

भारत नियंत्रित कश्मीर में भाषा के उस्ताद और प्रोफ़ेसर ने बुधवार को कहा कि कश्मीर और करगिल सहित भारत के विभिन्न भागों में शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी को प्रतिरोध के प्रेरणादायक व प्रतीक के रूप में लोग पहचानते हैं।

भारत नियंत्रित कश्मीर में भाषा के उस्ताद मोहम्मद रज़ा ने कहा कि शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी की भारत में लोकप्रियता का एक कारण इराक़ में दाइश के नियंत्रण से भारतीय नर्सों को स्वतंत्र करवाना था और इस विषय का उल्लेख भारतीय संचार माध्यमों ने जनरल क़ासिम सुलैमानी की शहादत के बाद किया था।

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